• हमारे बच्चे, हमारे विद्यार्थी, अपनी पूरी क्षमता दिखा पाएं, अपना सामर्थ्य दिखा पाएं, इसमें बहुत बड़ी भूमिका पोषण की भी होती है, पोषण की भी होती है। पूरे देश में सितंबर महीने को पोषण माह- पोषण माह के रूप में मनाया जाएगा।
• देश और पोषण का बहुत गहरा संबंध होता है। बच्चों के पोषण के लिए भी उतना ही जरूरी है कि मां को भी पूरा पोषण मिले और पोषण या न्यूट्रिशन का मतलब केवल इतना ही नहीं होता कि आप क्या खा रहे हैं, कितना खा रहे हैं, कितनी बार खा रहे हैं।
न्यूट्रिशन के आंदोलन में पीपुल पार्टिसिपेशन बहुत जरूरी
• पोषण के इस आंदोलन में लोगों की भागीदारी भी बहुत जरुरी है। जन-भागीदारी ही इसको सफल करती है। पिछले कुछ वर्षों में इस दिशा में, देश में काफी प्रयास किए गए
• भारत एक विशाल देश है, खान-पान में ढेर सारी विविधता है। इसीलिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण है कि हर क्षेत्र के मौसम, वहां के स्थानीय भोजन और वहां पैदा होने वाले अन्न, फल और सब्जियों के अनुसार एक पोषक, पोषक तत्वों से भरपूर, डाइट प्लान बने।
स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के पास एक अलग प्रकार का पोषण पार्क
• अगर आपको गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल के Statue of Unity जाने का अवसर मिला होगा, और कोविड के बाद जब वो खुलेगा और आपको जाने का अवसर मिलेगा, तो, वहां एक अलग प्रकार का पोषण पार्क बनाया गया है।
सितंबर को 'न्यूट्रिशन मंथ' के रूप में मनाया जाएगा
• पूरे देश में सितंबर को 'न्यूट्रिशन मंथ' के रूप में मनाया जाएगा। देशवासियों से अपील कि वे भी 'आगे आएं, कुछ इनोवेट करें, कुछ इम्प्लीमेंट करें। आपके प्रयास, आज के छोटे-छोटे स्टार्ट-अप्स, कल बड़ी-बड़ी कंपनियों में बदलेंगे और दुनिया में भारत की पहचान बनेंगे।
कोरोना तभी हारेगा जब आप रहेंगे सुरक्षित
• कोरोना तभी हारेगा, जब आप सुरक्षित रहेंगे, जब आप “दो गज की दूरी, मास्क जरूरी", इस संकल्प का पूरी तरह से पालन करेंगे। आप सब स्वस्थ रहिये, सुखी रहिये, इन्हीं शुभकामनाओं के साथ अगली 'मन की बात' में फिर मिलेंगे। 'असहयोग आन्दोलन, आत्मसम्मान और अपनी शक्ति का बोध कराने का प्रयास
• आज से 100 साल पहले असहयोग आंदोलन शुरू हुआ, तो गांधी जी ने लिखा था कि 'असहयोग आन्दोलन, देशवासियों में आत्मसम्मान और अपनी शक्ति का बोध कराने का एक प्रयास है' असहयोग आंदोलन के रूप में जो बीज बोया गया था,उसे अब आत्मनिर्भर भारत के वट वृक्ष में परिवर्तित करना हमसब का दायित्व है।
वर्ष 2022 में हमारा देश स्वतंत्रता के 75 वर्ष का पर्व मनाएगा
कुछ दिनों बाद, पांच सितंबर को हम शिक्षक दिवस मनाएंगें। हम सब जब अपने जीवन की सफलताओं को अपनी जीवन यात्रा को देखते है तो हमें अपने किसी न किसी शिक्षक की याद अवश्य आती है। साथियो और विशेषकर मेरे शिक्षक साथियो, वर्ष 2022 में हमारा देश स्वतंत्रता के 75 वर्ष का पर्व मनाएगा।
देश की विकास यात्रा में शामिल हों सभी देशवासी
• देश आज जिस विकास यात्रा पर चल रहा है इसकी सफलता सुखद तभी होगी जब हर एक देशवासी इसमें शामिल होगा, इस यात्रा का यात्री हो, इस पथ का पथिक हो, इसलिए, ये जरूरी है कि हर देशवासी स्वस्थ रहे सुखी रहे और हम मिलकर के कोरोना को पूरी तरह से हराएं।
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