हिन्दी में कुछ ऐसे शब्द होते हैं जिनके जिनके अनेक अर्थ होते हैं भिन्न भिन्न स्थानों पर इनके भिन्न भिन्न अर्थ ग्रहण किए जाते हैं, उन्हें अनेकार्थक शब्द कहते है।
अंक :– संख्या के अंक, नाटक के अंक, गोद, अध्याय, परिच्छेद, चिह्न, भाग्य, देह, स्थान, पत्रिका का नंबर, दाग।
अंग :– शरीर, शरीर का कोई अवयव, अंश, शाखा।
अंचल :– सिरा, प्रदेश, साड़ी का पल्लू।
अंत :– सिरा, समाप्ति, मृत्यु, भेद, रहस्य।
अंबर :– आकाश, वस्त्र, बादल, विशेष सुगन्धित द्रव जो जलाया जाता है।
अकाल :– दुर्भिक्ष, अभाव, असमय।
अर्थ :– धन, ऐश्वर्य, प्रयोजन, कारण, मतलब, अभिप्रा, हेतु (लिए)।
अजीत :– अजेय, विष्णु, शिव, बुद्ध, एक विषैला मूषक, जैनियोँ के दूसरे तीर्थँकर।
अतिथि :– मेहमान, साधु, यात्री, अपरिचित व्यक्ति, अग्नि।
अधर :– निराधार, शून्य, निचला ओष्ठ, स्वर्ग, पाताल, मध्य, नीचा, पृथ्वी व आकाश के बीच का भाग।
अध्यक्ष :– विभाग का मुखिया, सभापति, इंचार्ज।
अपवाद :– निँदा, कलंक, नियम के बाहर।
अपेक्षा :– तुलना मेँ, आशा, आवश्यकता, इच्छा।
अमृत :– जल, दूध, पारा, स्वर्ण, सुधा, मुक्ति, मृत्युरहित।
अरुण :– लाल, सूर्य, सूर्य का सारथी, सिँदूर, सोना।
अरुणा :– ऊषा, मजीठ, धुँधली, अतिविषा, इन्द्र, वारुणी।
अनन्त :– सीमारहित, ब्रह्मा, विष्णु, शिव, शेषनाग, लक्ष्मण,
बलराम, बाँह का आभूषण, आकाश, अन्तहीन।
अग्र :– आगे का, श्रेष्ठ, सिरा, पहले।
अब्ज :– शंख, कपूर, कमल, चन्द्रमा, पद्य, जल मेँ उत्पन्न।
अमल :– मलरहित, कार्यान्वयन, नशा-पानी।
अक्ष :- धुरी, अंश, सूर्य, पहिया, सर्प, चौरस के पास, तराजु की डंडी, व्यापार व्याप्ति, रावण पुत्र आत्मा, ज्ञान, आंवला, इन्द्रिय
आँख, रथ, मण्डल, कील।
अक्षर :- वर्ण (अ, आ आदि) गगन, ब्रह्मा, विष्णु, शिव, धर्म, मोक्ष, अविनाशी, सत्य, जल, आत्मा, नित्य, नष्ट न होने वाला, जीव, ईश्वर।
अर्क :- आक, आग, प्रकाश, वृक्ष, अन्न, वज, विष्णु, सूर्य, इन्द, विद्वान, पण्डित, सूर्य, आक का पौधा, औषधियोँ का रस, काढ़ा, स्फटिक, शराब।
अज :- ब्रह्मा, बकरा, दशरथ के पिता का नाम, जीव, विष्णु, महेश, कामदेव, मेष राशि, जिसका जन्म न हो (ईश्वर)।
अजा :- बकरी, माया, प्रकृति
अनल :- आग, जीव, पित, पाचन, शक्ति
अनंत :- शिव, विष्णु, नक्षत्र, आकाश, शेषनाग, असीम
अपेक्षा :- इच्छा, आवश्यकता, आशा, भरोसा, तुलना
अधर :- हाँठ, शून्य, बीच, नीचा
अंबर :- वस्त्र, आकाश, केसर, कपड़ा
अमर :- सोना, देवता, अनश्वर, अविनाशी
अमृत :- जल, पारा, दूध, शहद, चीनी, घी, देवता,सूर्य, शिव, इन्द्र
अर्थ :- धन, प्रयोजन, कारण, के लिए, फल, निमित्त
अतिथि :- मेहमान, साधु, भात्री, कुश का बेटा, यज्ञ में सोमलता लाने वाला
अपवाद :- कलंक, नियम के विरुद्ध
अरुण :- लाल, सूर्य, सिन्दूर, केसर, प्रातः काल, सूर्य का सारथि
अशोक :- एक सम्राट, एक वृक्ष, शोक रहित
अचल :- पर्वत, वृक्ष, स्थिर, न चलने वाला, अटल, निश्चल
अंक :- ब्रह्माण्ड, अण्डा, वीर्य, शिव
अलि :- सखी, भ्रमण, कौआ, बिच्छू, शराब
अंतर :- व्यवधान, फर्क, सय, भीतर, अवधि
अहि :- सर्प, सूर्य, बादल, पृथ्वी, राहगीर, प्रसिद्ध
आँच :- अग्नि, लपट, तेज, हानि, संकट, विपत्ति, ताप
आपत्ति :- परेशानी, विपति एतराज
आम:- सामान्य, एक फल, मामूली, मल
आत्मा :- जीवात्मा, ब्रह्मा, देह, पुत्र, वायु
औसत :- साधारण, बीच का, परता
इला :- पृथ्वी, गाय, सरस्वती, वाणी, वाक्य
इंदु :- चन्द्रमा, कपूर, एक की संख्या
ईश्वर :- प्रभु, समर्थ, स्वामी, धनिक
उतर :- जवाब, एक दिशा, दूसरा, बदला, पश्चाताप, आगे का आवरण, उच्च, विराट पुत्र
कनक :- सोना, धतूरा, गेहूँ, पलाश, वृक्ष, खजूर
कर :- हाथ, किरण, सूण्ड, टैक्स, विषय, काम, छल
कोट :- रंग चढ़ाने की क्रिया, गढ़, परकोटा, पहनने का वस्त्र
कर्ण :- कुन्ती-पुत्र, कान, त्रिभुज की बड़ी भुजा, पतवार
कल :- चैन, आराम, बीता हुआ दिन, धुर ध्वनि,पुजा, सुन्दर
कटक :- सेना, चक्र, रस्सी, चूड़ी, हाथी दाँत का गहना, पर्वत के बीच का स्थान
कपि :- बन्दर, हाथी, सूर्य, वराह
कपिल :- एक मुनि, सूर्य, शंकर, विष्णु, चूहा, कुत्ता, अग्नि, मटैला
कलि :- चौथा युग, विवाद, झगड़ा, युद्ध, वीर, शिव
कादंबरी :- शराब, कोमल, वाणी, सरस्वती, बाणभट्ट की रचना
काल :- मृत्यु, अकाल, लोहा, दुर्भिक्ष, समय, शिव, विष्णु
कुल :- सम्पूर्ण, वंश, शक्ति, झुंड, समुदाय
कीर :- तोता, मांस, कश्मीर
कृष्णा :- काली, एक नदी, दौपदी, काला जीरा, कस्तुरी
कटाक्ष :- चोट, व्यंग्य, आक्षेप, तिरछे नेत्रों से देखना
काक :- कौआ, लंगड़ा आदमी, एक माप
कट :- शिखर, कागज, छल कपट, पर्वत
कोटि :- करोड़, श्रेणी, धनुष की नोक, समूह, स्तर, दर्जा
कृष्ण :- वसुदेव पुत्र, काला, माह का एक पक्ष, कौआ, अन्धकार, वेदव्यास
केतु :- बाज, विष्णु, सूर्य, किरण, विश्व
क्रिया :- कार्य, व्यापार, उपाय, व्यवहार, श्राद्ध
क्षमा :- माफी, पृथ्वी, दया, रात्रि, दुर्गा
खग :- पक्षी, वायु, बाण, ग्रह, बादल, देवता, सूर्य, चन्द्रमा तारा, नक्षत्र
खर :- राक्षस, दुष्ट, गधा, तृण, कौआ, बगुला, तीक्ष्ण
खल :- नीच, दुष्ट, दवा कूटने की खरल, खलिहान, चुगल खोर, पशुओं का खाना
गण :- सेना, समूह, रुद्र के अनुचर, छन्द शास्त्र के आठ गण
गति :- तेजी, चाल, मोक्ष, स्थिति, परिणाम, मुक्ति उपाय
गुण :- रस्सी, प्रत्यंचा, विशेषता, स्वभाव, कौशल
गुरु :- शिक्षक, बड़ा, दो मात्राओं वाला स्वर, भारी, श्रेष्ठ, बृहस्पति
गौ :- गाय, आँख, बाल, बाण, इन्द्रिय, स्वर्ग, माता, भूमि, बैल, जल, दिशा, बिजली
गौरी :- पार्वती, गौर वर्ण की स्त्री, हल्दी, पृथ्वी, तुलसी, आठ वर्ष की कन्या
घन :- हथौड़ा, बादल, दाना, मोटा, कपूर, समान, लम्बाई-चौड़ाई, मोटाई वाला आकार का घातांक, घंटा शरीर
चक्र :- भंवर, षड्यंत्र, चक्र समूह, मण्डल, चकला, घुमाव, घेरा
चारा :- घास, उपाय
चश्मा :- ऐनक, झरना, स्रोत
छंद :- वेद, जल, रंग, अभिप्राय, एकान्त, युक्ति, चाल
जलधर :- बादल, समुद्र
जलज :- कमल, मछली, मोती, चन्द्र, सेवार, शंख, कुमुदिनी,
जाल :- माया, छल, जाला, जानवरों को पकड़ने हेतु रस्सी की बनावट
जयंत :- विष्णु, चन्द्रमा, इन्द्र का पुत्र
जीवन :- प्राण, आजीविका, जल, पुत्र, गंगा, जीवन दशा, वायु, परमात्मा
तत्व :- सत्य, सार, धर्म, परिणाम, उद्देश्य
तंत्र :- सिद्धान्त, प्रबन्ध, शासन, उपाय, औषधि, खजाना
तम :- अहंकार, पाप, राहु, तमालवृक्ष, तमोगुण, क्रोध, नरक, अज्ञान
तल :- तला, खण्ड, नीचे, वन, हथेली, महादेव, स्वभाव
तात :- पिता, गर्म, बड़ा भाई, चाचा
तारा :- नक्षत्र, आँख की पुतली, बालि की पत्नी, वृहस्पति की पत्नी
ताल :- संगीत का स्वर, तालाब, ताड़ का वृक्ष, शब्द, ताली
तीर :- किनारा, बाण, सरोवर, निकट
टीका :- मस्तक का आभूषण, तिलक, अभिषेक, टिप्पणी, आलोचना
पट :– वस्त्र, पर्दा, दरवाजा, स्थान, चित्र का आधार।
पत्र :– चिट्ठी, पत्ता, रथ, बाण, शंख, पुस्तक का पृष्ठ।
पद्म :– कमल, सर्प विशेष, एक संख्या।
पद :– पाँव, चिह्न, विशेष, छन्द का चतुर्थाँश, विभक्ति युक्त शब्द, उपाधि, स्थान, ओहदा, कदम।
पतंग :– पतिँगा, सूर्य, पक्षी, नाव, उड़ाने का पतंग।
पय :– दूध, अन्न, जल।
पयोधर :– बादल, स्तन, पर्वत, गन्ना, तालाब।
पानी :– जल, मान, चमक, जीवन, लज्जा, वर्षा, स्वाभिमान।
पुष्कर :– तालाब, कमल, हाथी की सूँड, एक तीर्थ, पानी मद।
पृष्ठ :– पीठ, पीछे का भाग, पुस्तक का पेज।
प्रत्यक्ष :– आँखोँ के सामने, सीधा, साफ।
प्रकृति :– स्वभाव, वातावरण, मूलावस्था, कुदरत, धर्म, राज्य, खजाना, स्वामी, मित्र।
कल :– मशीन, आराम, सुख, पुर्जा, मधुर ध्वनि, शान्ति, बीता हुआ दिन, आने वाला दिन।
कक्ष :– काँख, कमरा, कछौटा, सूखी घास, सूर्य की कक्षा।
कर्त्ता :– स्वामी, करने वाला, बनाने वाला, ग्रन्थ निर्माता, ईश्वर, पहला कारक, परिवार का मुखिया।
कलम :– लेखनी, कूँची, पेड़-पौधोँ की हरी लकड़ी, कनपटी के बाल।
कलि :– कलड, दुःख, पाप, चार युगोँ मेँ चौथा युग।
कशिपु :– चटाई, बिछौना, तकिया, अन्न, वस्त्र, शंख।
काल :– समय, मृत्यु, यमराज, अकाल, मुहूर्त, अवसर, शिव, युग।
काम :– कार्य, नौकरी, सिलाई आदि धंधा, वासना, कामदेव, मतलब, कृति।
किनारा :– तट, सिरा, पार्श्व, हाशिया।
कुल :– वंश, जोड़, जाति, घर, गोत्र, सारा।
कुशल :– चतुर, सुखी, निपुण, सुरक्षित।
कुंजर :– हाथी, बाल।
कूट :– नीति, शिखर, श्रेणी, धनुष का सिरा।
कोटि :– करोड़, श्रेणी, धनुष का सिरा।
कोष :– खजाना, फूल का भीतरी भाग।
क्षुद्र :– नीच, कंजूस, छोटा, थोड़ा।
खंड :– टुकड़े करना, हिस्सोँ मेँ बाँटना, प्रत्याख्यान, विरोध।
खग :– पक्षी, बाण, देवता, चन्द्रमा, सूर्य, बादल।
खर :– गधा, तिनका, दुष्ट, एक राक्षस, तीक्ष्ण, धतूरा, दवा कूटने की खरल।
खत :– पत्र, लिखाई, कनपटी के बाल।
खल :– दुष्ट, चुगलखोर, खरल, तलछट, धतूरा।
खेचर :– पक्षी, देवता, ग्रह।
गंदा :– मैला, अश्लील, बुरा।
गड :– ओट, घेरा, टीला, अन्तर, खाई।
गण :– समूह, मनुष्य, भूतप्रेत, शिव के अनुचर, दूत, सेना।
गति :– चाल, हालत, मोक्ष, रफ्तार।
गद्दी :– छोटा गद्दा, महाजन की बैठकी, शिष्य परम्परा, सिँहासन।
गहन :– गहरा, घना, दुर्गम, जटिल।
ग्रहण :– लेना, सूर्य व चन्द ग्रहण।
गुण :– कौशल, शील, रस्सी, स्वभाव, विशेषता, हुनर, महत्त्व,
तीन गुण (सत, तम व रज), प्रत्यंचा (धनुष की डोरी)।
गुरु :– शिक्षक, बड़ा, भारी, श्रेष्ठ, बृहस्पति, द्विमात्रिक अक्षर, पूज्य, आचार्य, अपने से बड़े।
गौ :– गाय, बैल, इन्द्रिय, भूमि, दिशा, बाण, वज्र, सरस्वती, आँख, स्वर्ग, सूर्य।
घट :– घड़ा, हृदय, कम, शरीर, कलश, कुंभ राशि।
घर :– मकान, कुल, कार्यालय, अंदर समाना।
घन :– बादल, भारी हथौड़ा, घना, छः सतही रेखागणितीय आकृति।
घोड़ा :– एक प्रसिद्ध चौपाया, बंदूक का खटका, शतरंज का एक मोहरा।
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