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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

संसद शीतकालीन सत्र 2020: केंद्र दिसंबर-जनवरी में दो सप्ताह का शीतकालीन सत्र करेगा आयोजित।।

केंद्र सरकार ने 21 दिसंबर, 2020 से संसद के दो सप्ताह के शीतकालीन सत्र को आयोजित करने की योजना बनाई है. 10 नवंबर, 2020 को बिहार राज्य विधानसभा के चुनाव परिणाम निकलने के बाद, इस संबंध में अंतिम निर्णय लिया जाएगा.

केंद्र को यह उम्मीद है कि, नवंबर के तीसरे सप्ताह तक बिहार में नई सरकार के गठन और शपथ ग्रहण समारोह सहित बिहार विधानसभा चुनाव सभी औपचारिकताएं पूरी हो जाएंगी.

मुख्य विशेषताएं 

संसद का शीतकालीन सत्र आमतौर पर नवंबर के तीसरे सप्ताह में शुरू होता है. इस साल यह सत्र दिसंबर के तीसरे सप्ताह तक स्थगित किया जा सकता है.

इस वर्ष संसद के शीतकालीन सत्र का समय 21 दिसंबर, 2020 और 2 जनवरी, 2021 के बीच होने की संभावना है, जबकि संसद का बजट सत्र 30 जनवरी को आयोजित किया जा सकता है.

ऐसा पहली बार नहीं होगा कि, भारत की संसद का शीतकालीन सत्र दिसंबर के महीने में शुरू होगा और जनवरी माह के पहले सप्ताह में समाप्त होगा. भारत की 16 वीं लोकसभा का शीतकालीन सत्र भी दिसंबर में आयोजित किया गया था जोकि 08 जनवरी, 2019 तक चला था. संसद ने 23 दिन बाद फिर से बजट सत्र के लिए बैठक की थी.

हालांकि, वर्तमान तिथियां अस्थायी हैं, सरकार पहले मंत्रालयों द्वारा प्रस्तावित विधायी एजेंडे की समीक्षा करेगी और फिर, इस संबंध में अंतिम निर्णय लेगी.

पृष्ठभूमि

संसद ने पिछली बार 14 सितंबर, 2020 को मानसून सत्र के लिए देरी से मुलाकात की थी. हालांकि इस सत्र को बिना किसी विराम या अवकाश के, 01 अक्टूबर तक जारी रखा जाना था, लेकिन निर्धारित समय से पहले ही, कुछ सांसदों और संसद कर्मचारियों के कोविड -19 जांच में पॉजिटिव पाए जाने के कारण, इस सत्र को 28 सितंबर, 2020 को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करना पड़ा.

संसद के शीतकालीन सत्र के संबंध में निर्णय पर कोविड-19 का प्रभाव पड़ने की भी संभावना है और मानसून सत्र के विपरीत, इस सत्र को आयोजित करने के लिए तकनीकी दबाव की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि नियमों में यह उल्लिखित है कि, संसद को प्रत्येक छठे महीने में एक बार मिलने की आवश्यकता है. इसलिए, सरकार के पास बजट सत्र तक अभी पर्याप्त समय है.

हालांकि, केंद्र महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करने के लिए विधायी एजेंडे को प्रस्तुत करने के लिए शीतकालीन सत्र आयोजित करने का इच्छुक है, क्योंकि अगर ये विधयेक अभी पारित नहीं हुए, तो ये  फरवरी में आयोजित होने वाले बजट सत्र तक स्थगित हो जाएंगे.

सूत्रों के अनुसार, ऐसे महत्वपूर्ण बिल होंगे जिन्हें सरकार जल्दी पारित करवाना चाहेगी और उन्हें पारित करने के लिए बजट सत्र तक इंतजार नहीं करना चाहेगी, क्योंकि बजट सत्र के शुरू में पहले अध्यक्ष के अभिभाषण पर चर्चा होती है, जिसके बाद धन्यवाद प्रस्ताव और फिर, यूनियन बजट को पारित किया जाता है. इससे अन्य महत्त्वपूर्ण बिलों के पारित होने में काफी देरी हो सकती है.

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