नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने हाल ही में प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्तम महाभियान (प्रधानमंत्री-कुसुम) के विस्तार के आदेश जारी किए हैं.
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने हाल ही में प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्तम महाभियान (प्रधानमंत्री-कुसुम) के विस्तार के आदेश जारी किए हैं. जिसके अनुसार, योजना का नया लक्ष्य वर्ष, 2022 तक 30.8 गीगा वॉट (GW) की सौर क्षमता प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ाया गया है. यह लक्ष्य 34,035 करोड़ रुपये की संशोधित केंद्रीय वित्तीय सहायता से हासिल किया जाएगा.
मुख्य विशेषताएं
सितंबर, 2020 में केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने वर्ष 2020-21 के लिए केंद्रीकृत निविदा प्रक्रिया शुरू करने का प्रस्ताव रखा, जिसमें 4.5 लाख स्टैंडअलोन सौर पंपों को लक्ष्य बनाया गया. योजना के पहले वर्ष में, लक्ष्य 1.75 लाख सोलर पंप थे. EESL द्वारा यह निविदा प्रक्रिया संचालित की जा रही है.
प्रधानमंत्री-कुसुम योजना के बारे में
भारत के किसानों को सौर पंप, ग्रिड से जुड़े सौर ऊर्जा और अन्य नवीकरणीय बिजली संयंत्रों को स्थापित करने में मदद करने के लिए यह योजना शुरू की गई थी. प्रारंभ में इस योजना का लक्ष्य वर्ष, 2022 तक 25,720 मेगावाट सौर ऊर्जा प्राप्त करना था.
प्रधानमंत्री-कुसुम योजना के घटक
इस योजना के तीन प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं:
घटक ए: नवीकरणीय बिजली संयंत्रों से जुड़ा 10,000 मेगावाट क्षमता का विकेंद्रीकृत ग्राउंड माउंटेड ग्रिड स्थापित करना.
घटक बी: 7.5 एचपी तक की क्षमता वाले 17.5 लाख स्टैंडअलोन सौर ऊर्जा कृषि पंप स्थापित करना.
घटक सी: 10 लाख ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों को सौर ऊर्जा से संचालित्त करना.
लाभ
यह योजना आगामी 25 वर्षों की अवधि के लिए ग्रामीण भूमि मालिकों की आय को स्थिर करेगी. प्रधानमंत्री-कुसुम योजना यह सुनिश्चित करती है कि, सौर पंप डीजल पंप चलाने के लिए जरुरी डीजल के खर्च को बचाएंगे. इसके साथ ही, यह योजना यह भी सुनिश्चित करेगी कि, ग्रामीण लोड सेंटर की व्यवस्था के लिए पर्याप्त बिजली उपलब्ध हो.
सौर पंप सिंचाई का एक विश्वसनीय स्रोत प्रदान करेंगे और डीजल पंपों के कारण होने वाले हानिकारक प्रदूषण को कम करने में भी मदद करेंगे. इस योजना से चार साल की अवधि में 17.5 लाख से अधिक किसानों को लाभ होगा. अतिरिक्त ग्रिड लोड को जोड़े बिना, यह अनुमान लगाया गया है.
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