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भारतीय रेलवे ने 'मेरी सहेली' पहल की शुरू: यहां पढ़ें पूर्ण विवरण।।

रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने सभी क्षेत्रों में ट्रेनों से यात्रा करने वाली महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए मेरी सहेली पहल शुरू की है.

भारतीय रेलवे ने ‘मेरी सहेली’ पहल शुरू की है जो सभी क्षेत्रों में ट्रेनों से यात्रा करने वाली महिला यात्रियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखती है.

यह पहल सितंबर, 2020 में दक्षिण पूर्व रेलवे में एक पायलट परियोजना के तौर पर शुरू की गई थी. महिला यात्रियों से प्राप्त कारात्मक प्रतिक्रिया के बाद, इसे 17 अक्टूबर, 2020 से सभी क्षेत्रों और कोंकण रेलवे के लिए बढ़ा दिया गया था.

यह ‘मेरी सहेली’ पहल रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने ट्रेन यात्रा के दौरान महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए "मेरी सहेली" पहल शुरू की है.

रेल यात्रा के दौरान, RPF का स्टाफ आपातकालीन स्थिति में महिला यात्रियों को हेल्पलाइन नंबर 182 और सुरक्षा नियंत्रण के उपयोग के बारे में सलाह देता है. 

उद्देश्य

रेल मंत्रालय ने उन महिला यात्रियों को रक्षा और सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से ‘मेरी सहेली’ पहल शुरू करने का यह फैसला किया है जो अपनी पूरी यात्रा के लिए शुरुआती स्टेशन से गंतव्य स्टेशन तक ट्रेनों से यात्रा करेंगी.

 

इस पहल से ट्रेन के छोटे या लंबे मार्गों से यात्रा करने वाली महिला यात्रियों के बीच सुरक्षा की भावना पैदा होगी. यह पहल ट्रेनों से यात्रा करने वाली महिलाओं द्वारा सामना किए गए सुरक्षा संबंधी किसी भी मुद्दे का प्रभावी ढंग से जवाब देने के लिए शुरू की गई है.

ट्रेनों में महिलाओं की सुरक्षा समस्याओं से निपटने के लिए ‘मेरी सहेली’ पहल कैसे करेगी?

एक कार्य-नीति के रूप में, युवा महिला RPF कर्मियों की एक टीम महिला यात्रियों, विशेषकर उन लोगों के साथ बातचीत करेगी जो संबद्ध स्टेशन पर अकेले यात्रा कर रही हैं.

महिला यात्रियों को यात्रा के दौरान बरती जाने वाली सभी सावधानियों के बारे में बताया जाएगा. ट्रेन के कोच में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना करने या देखने के मामले में उन्हें 182 पर कॉल करने के लिए भी कहा जाएगा.

RPF की टीम केवल महिलाओं की सीट संख्या एकत्र करेगी और उन्हें रास्ते में आने वाले ऐसे स्टशनों के बारे में जानकारी देगी, जहां सम्बद्ध ट्रेन रुकेगी.

रास्ते में आने वाले प्रमुख स्टेशनों पर प्लेटफॉर्म ड्यूटी पर तैनात RPF के जवान संबंधित कोचों और बर्थ पर नजर रखेंगे. अगर जरूरत हुई तो वे महिला यात्रियों से बातचीत भी करेंगे.

RPF एस्कॉर्ट ऑनबोर्ड अपनी ड्यूटी अवधि के दौरान सभी पहचाने गए बर्थ/ कोचों को भी कवर करेगा.

RPF की टीमें पहचान की गई महिला यात्रियों से गंतव्य पर प्रतिक्रिया एकत्र करेगी. फिर प्रतिक्रिया का विश्लेषण किया जाएगा और सुधारात्मक कार्रवाई, यदि कोई हो तो की जाएगी.

रेल मंत्रालय के अनुसार, यदि कोई संकट कॉल ’मेरी सहेली’ पहल के तहत कवर की गई ट्रेन से आएगी, तो ऐसी सभी कॉल्स के निपटान की निगरानी वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर की जाएगी.

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