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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

DIPAM ने परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण से जुड़ी सलाहकारी सेवाओं हेतु विश्व बैंक के साथ समझौता किया।।

निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) ने 16 नवंबर 2020 को विश्व बैंक के साथ समझौता किया. समझौते के तहत विश्व बैंक, डीआईपीएएम को परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण के लिए सलाहकारी सेवाएं देगा. डीआईपीएएम मुख्य रूप से भारत सरकार के विनिवेश कार्यक्रम को संभालती है.

विनिवेश विभाग डीआईपीएएम को रणनीतिक विनिवेश कार्यक्रम के तहत सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (सीपीएसई) की नॉन-कोर परिसंपत्तियों का मोनेटाइजेशन करने की जिम्मेदारी दी गई है. सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है. सरकार का इरादा केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (सीपीएसई) में हिस्सेदारी बिक्री से 1.20 लाख करोड़ रुपये तथा वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बिक्री से 90,000 करोड़ रुपये जुटाने का है.

डीआईपीएएम: विश्व बैंक की सलाहकार परियोजना

•    डीआईपीएएम और विश्व बैंक के बीच हुए समझौते के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बैंक अपनी सलाहकार परियोजना के तहत परिसंपत्ति मुद्रीकरण के लिए अपनी सलाहकार सेवाएं प्रदान करेगा.

•    डीआईपीएएम, विनिवेश प्रक्रिया के तहत भारत सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों के नॉन कोर एसेट (गैर जरूरी परिसंपत्तियों) और शत्रु संपत्तियों की (100 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा की मूल्य वाली) बिक्री की जिम्मेदारी संभालता है.

•    विश्व बैंक की सलाहकार परियोजना भारत में सार्वजनिक परिसंपत्ति मुद्रीकरण का विश्लेषण करेगी और सर्वोत्तम अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं के खिलाफ अपने संस्थागत मॉडल को बेंचमार्क करेगी.

•    इस परियोजना का उद्देश्य परिचालन दिशानिर्देशों के विकास और इसके कार्यान्वयन के लिए क्षमता निर्माण का समर्थन करना है.

•    सलाहकार परियोजना भारत में गैर-मुख्य परिसंपत्ति मुद्रीकरण प्रक्रिया को तेज करने में मदद करेगी.

•    वित्त मंत्रालय द्वारा विश्व बैंक के सलाहकारी प्रोजेक्ट की स्वीकृत दी गई है जिसका उद्देश्य भारत में मौजूद सार्वजनिक परिसंपत्तियों का मूल्यांकन करना है.

•    साथ ही उनके लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के आधार पर दिशा-निर्देश तैयार करना है. जो कि संस्थाओं और विभिन्न बिजनेस मॉडल के लिए मानक के रूप में काम करेंगे जिससे कि संस्थाओं की कार्यक्षमता में बढ़ोतरी हो सके.

•    इस प्रोजेक्ट के जरिए केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रमों की गैर-जरूरी परिसंपत्तियों के विनिवेश प्रक्रियाओं को शुरू कर उसमें तेजी लाना है जिससे कि परिसंपत्तियों का बेहतर मूल्यांकन हो सके. साथ ही विनिवेश के तहत मिली पूंजी का नए निवेश और विकास के लिए इस्तेमाल किया जा सके.

निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (डीआईपीएएम) क्या है?

निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग का उद्देश्य विनिवेश के माध्यम से अपनी समृद्धि में साझा करने के लिए केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के लोगों के स्वामित्व को बढ़ावा देना है. इसका उद्देश्य आर्थिक विकास में तेजी लाने और उच्च व्यय के लिए सरकार के संसाधनों को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए सीपीएसई में सार्वजनिक निवेश के कुशल प्रबंधन को सक्षम करना है.

पृष्ठभूमि

विनिवेश विभाग को पहली बार दिसंबर 1999 में एक अलग विभाग के रूप में स्थापित किया गया था और इसे बाद में सितंबर 2001 में विनिवेश मंत्रालय के रूप में नाम दिया गया था. 14 अप्रैल 2016 को विनिवेश विभाग का नाम बदलकर ‘निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग’ कर दिया गया था.
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