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Blood Circulation ( परिसंचरण तंत्र )।।

परिसंचरण तंत्र संबंधित प्रश्नोत्तरी ।। 1. कौन सा ‘जीवन नदी’ के रूप में जाना जाता है? उत्तर: रक्त 2. रक्त परिसंचरण की खोज की गई? ...

कई सदियों के बाद इस 21 दिसंबर को बृहस्पति और शनि होंगे आपस में काफी निकट।।

आज 21 दिसंबर की रात को बृहस्पति-शनि की जोड़ी आपस में सबसे निकट होगी. इससे पहले जुलाई, 1623 में ये ग्रह एक-दूसरे के करीब दिखाई दिए थे.

बृहस्पति और शनि 21 दिसंबर, 2020 की रात को आकाश में एक-दूसरे के सबसे निकट होंगे. वर्ष, 1623 में यह घटना अंतिम बार देखी गई थी, अब यह घटना एक बार फिर, उन्हें एक-दूसरे के करीब दिखाई लायेगी क्योंकि ये दोनों ही धीमी गति से चलने वाले ग्रह 0.1 डिग्री अलग नजर आयेंगे. इसे वर्ष, 2080 में फिर से देखा जाएगा.

दोनों ग्रहों के मिलन को 'महान संयोजन' के तौर पर जाना जाएगा और यह शानदार खगोलीय घटना वर्ष, 2020 की सबसे लंबी रात अर्थात 21 दिसंबर को घटित होगी.


जुलाई, 1623 के बाद यह है इन दोनों ग्रहों का निकटतम संयोजन

आज 21 दिसंबर की रात को बृहस्पति-शनि की जोड़ी आपस में सबसे निकट होगी. इससे पहले जुलाई, 1623 में ये ग्रह एक-दूसरे के करीब दिखाई दिए थे. हालांकि, उस समय यह संयोजन सूर्य के निकट होने के कारण देखना असंभव था.

नासा के अनुसार, वर्ष, 1610 में, इटैलियन खगोलविद गैलीलियो गैलीली ने अपनी दूरबीन को आकाश की तरफ घुमाया था और बृहस्पति ग्रह के चार चंद्रमाओं - लो, गैनीमेडे, यूरोपा और कैलिस्टो की खोज की थी. गैलीलियो ने उसी वर्ष, शनि के चारों ओर एक अजीब अंडाकार वस्तु की खोज की थी, जिसे बाद में इसके छल्ले (रिंग) के तौर पर खोजा गया था.

वर्ष, 1623 में इन दोनों ग्रहों, बृहस्पति और शनि ने आकाश में काफी करीब से अपनी यात्रा की थी. उस समय, बृहस्पति ग्रह शनि के काफी निकट से गुजरा था, जिससे यह ‘महान संयोजन' बन गया था.

यह खगोलीय घटना इतनी महत्वपूर्ण क्यों है?

खगोलविदों के अनुसार, भले ही दो ग्रहों के बीच के ऐसी निकटता विशेष रूप से दुर्लभ नहीं हैं, तो भी, 21 दिसंबर को घटित होने वाली यह खगोलीय घटना 'विशेष रूप से निकटतम' होगी.

जैसेकि बृहस्पति सूर्य के चारों ओर घूमते हुए प्रत्येक 20 वर्ष के अंतराल में शनि के पास से गुजरता है, इस 21 दिसंबर को ये दोनों ग्रह एक-दूसरे से केवल एक डिग्री का दसवां हिस्सा ही दूर दिखाई देंगे.

आप इस 'महान संयोजन’ को कैसे देख सकते हैं?

आज अर्थात 21 दिसंबर को सूर्यास्त के तुरंत बाद दुनिया भर में यह खगोलीय घटना आसानी से दिखाई देगी. इस घटना का निरीक्षण करने के लिए, किसी भी व्यक्ति को क्षितिज पर दक्षिण पश्चिम में काफी नीचे की तरफ देखना होगा. शनि बृहस्पति के ऊपरी दाहिनी तरफ एक छोटे, धुंधले बिंदु की तरह दिखाई देगा.

किसी अच्छी दूरबीन से इन दोनों ग्रहों की पहचान करने में मदद मिलेगी. इसी तरह, अच्छी दूरबीन न केवल एक ही क्षेत्र में शनि और बृहस्पति को निकटतम दूरी पर दिखाने में सक्षम होगी, बल्कि उनके कुछ सबसे उज्ज्वल चंद्रमा भी दिखाई दे सकेंगे.

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