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Blood Circulation ( परिसंचरण तंत्र )।।

परिसंचरण तंत्र संबंधित प्रश्नोत्तरी ।। 1. कौन सा ‘जीवन नदी’ के रूप में जाना जाता है? उत्तर: रक्त 2. रक्त परिसंचरण की खोज की गई? ...

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश की पहली हाइपरसोनिक पवन सुरंग सुविधा का किया उद्घाटन।।

रूस और अमेरिका के बाद, भारत दुनिया का ऐसा तीसरा देश बन गया है जिसके पास परिचालन क्षमता और आकार के मामले में इतनी बड़ी सुविधा है.

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 19 दिसंबर, 2020 को भारत की पहली उन्नत हाइपरसोनिक विंड टनल (पवन सुरंग) सुविधा का उद्घाटन किया. रूस और अमेरिका के बाद, अब भारत दुनिया का ऐसा तीसरा देश बन गया है जिसके पास ऐसी सुविधा है.

रक्षा मंत्रालय के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, रूस और अमेरिका के बाद, भारत परिचालन क्षमता और आकार के मामले में इतनी बड़ी सुविधा रखने वाला तीसरा देश बन गया है. मंत्रालय ने आगे यह कहा कि, इस सुविधा का विकास स्वदेश में किया गया है.

रक्षा मंत्री ने DRDO के डॉ. अब्दुल कलाम मिसाइल कॉम्प्लेक्स का भी दौरा किया. अपनी इस यात्रा के दौरान, उन्होंने DRDO के वैज्ञानिकों से भारत को 'सुपर मिलिट्री पावर' बनाने का आग्रह किया, जिसका अर्थ भारत को दुनिया में एक सुपर पावर देश बनाना भी है.

हाइपरसोनिक विंड टनल सुविधा के बारे में

रक्षा विज्ञप्ति ने यह बताया गया है कि, अत्याधुनिक हाइपरसोनिक विंड टनल सुविधा एक प्रेशर वैक्सीम चालित संलग्न मुक्त जेट सुविधा है जिसमें 1 मीटर का नोजल एग्जिट व्यास है. यह Mach No 5 से 12 तक अनुकरण करेगा.

इस हाइपरसोनिक विंड टनल सुविधा में व्यापक स्पेक्ट्रम पर हाइपरसोनिक प्रवाह का अनुकरण करने की क्षमता है. यह भावी उच्च जटिल एयरोस्पेस और रक्षा प्रणालियों को तैयार करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

रक्षा मंत्री ने किया DRDO सुविधा का दौरा  

रक्षा मंत्री ने DRDO के युवा वैज्ञानिकों की प्रयोगशालाओं के योगदान की सराहना की. उन्होंने यह भी कहा कि, इस संगठन को अब अगली पीढ़ियों की जरूरतों पर ध्यान देना चाहिए. इसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफीशल इंटेलिजेंस), साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष और रोडमैप विकसित करना शामिल हैं.

राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि, DRDO में उपलब्ध असीम संभावनाएं हमेशा रक्षा विनिर्माण क्षेत्र और उद्योगों के विकास के लिए एक उत्प्रेरक रही हैं.

उन्होंने DRDO के विभिन्न समूहों द्वारा हाल की तकनीकी उपलब्धियों और सफल अभियानों की भी सराहना की. इन मिशनों में निम्नलिखित शामिल हैं:

• हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी ड़ेमोंस्ट्रेशन व्हीकल 
• क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल
• एंटी-रेडिएशन मिसाइल
• क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन टेक्नोलॉजी 
• सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज़ टॉरपीडो

DRDO ने विभिन्न प्रणालियों और प्रौद्योगिकियों का किया प्रदर्शन

• गणमान्य व्यक्तियों को मौजूदा परियोजनाओं के साथ-साथ तकनीकी विकास के बारे में जानकारी दी गई. 
• उन्होंने विभिन्न स्वदेशी रूप से विकसित प्रौद्योगिकियों और प्रणालियों का प्रदर्शन किया जिसमें उन्नत सामग्री, मिसाइल, एवियोनिक्स सिस्टम, क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक वार फेयर, निर्देशित ऊर्जा हथियार शामिल थे.
• दो एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजीज़ का भी प्रदर्शन किया गया.

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