🏔 International Mountain Day
Theme : "Mountain and Biodiversity"
International Mountain Day 2020 will be celebrated all over the world on December 11, 2020. The day is an ode to the fascinating landscapes in the world. From the snow-covered Himalayas to the lush green mountains, every mountain is special in its own way and is home to various animals and plants.
🔶Echinops sahyadricus: New Species of Flowering Plant discovered in Sahyadri Mountains, Maharashtra
🔶Nepal’s Legendary Mountaineer Ang Rita Sherpa passes away.
🔶National Mountain Climbing Day-1st August
🔷 Indian Mountaineer Bhawna Dehariya Scales Australia’s Highest Mountain Peak ‘Mount Kosciuszko’
♦️ First & youngest Indian tribal women in the World, who scaled six mountain peaks in six continents --
Malavath Poorna
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अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस
प्रत्येक वर्ष 11 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह दिवस पृथ्वी ग्रह के पहाड़ों व हमारे जीवन में उनके महत्व को दर्शातें हुए हमें इनके प्रति जागरूक करता है।
थीम 2020 : माउंटेन बायोडायवर्सिटी (पर्वतीय जैव विविधता) ।
जैव विविधता में पारिस्थितिकी तंत्र,प्रजाति और आनुवंशिक संसाधनों की विविधता शामिल है,और पर्वतीय क्षेत्र इसका जीवंत उदाहरण है।
शुरुआत :
• 1992 में "मैनेजिंग फ्रेजाइल इकोसिस्टम: सस्टेनेबल माउंटेन डवलपमेंट" को संयुक्त राष्ट्र के पर्यावरण और विकास सम्मेलन में अपनाया गया।
• इसी आधार पर 11 दिसंबर 2002 को ‘यू.एन. इंटरनेशनल ईयर ऑफ माउंटेन्स’ मनाते हुए वर्ष 2003 से प्रत्येक 11 दिसंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस’ के रूप में घोषित किया गया।
पहाड़ों का महत्व :
• अर्ध-शुष्क और शुष्क क्षेत्रों में,लगभग 90% नदियाँ पहाड़ों से निकलती है। जो लगभग आधी मानवजाति को पीने के लिए मीठा पानी प्रदान करते है।
• दुनिया के 15% हिस्से में फैले ये आकर्षक पहाड़ी क्षेत्र दुनिया के अधिकतर देशों में पर्यटन का प्रमुख केंद्र होते है।
• उच्च मूल्य वाली फसलों,बागवानी,पशुधन और वन प्रजातियों को विकसित करने के अवसर देने के साथ ही दुर्लभ जड़ीबूटियों के प्राक्रतिक स्रोत हैं।
• पहाड़ों से आने वाला पानी बिजली उत्पादन का भी स्रोत बनता है।
• विकासशील देशों में लकड़ी व लकड़ी के कोयले पर्वतीय बस्तियों में ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है।
ख़तरें में क्यों :
• वैश्विक जलवायु का गर्म होना (ग्लोबल वार्मिंग) ध्रुवों के बर्फीलें पहाड़ों यानी ग्लेशियर्स के पिघलने का प्रमुख कारण है जो पृथ्वी पर मौजुद जीवन के लिए एक बड़ा खतरा है।
• बढ़ती आबादी के लिए आवास, खाने-पीने के संसाधनों की जरूरतें पूरी करने के लिए असंतुलित रूप से पहाड़ों का अवैधानिक खनन।
• दुनिया में प्रदूषण द्वारा वायुमंडल में बढ़ता कार्बन पहाड़ी खनिजों के लिए घातक है।
2021 से 2030 तक संयुक्त राष्ट्र के निर्णय पर विभिन्न सरकारों ने Sustainable Development Goals (एसडीजी) 15, के अंतर्गत पारिस्थितिकी तंत्र बहाली की घोषणा की है।
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