यह सम्मान कोरोना काल में सरकार द्वारा बिहार के लोगों को समय से राहत पहुंचाने के लिए प्रदान किया जा रहा है.
कोरोना महामारी के दौरान बिहार सरकार के उठाए गए कदम को लेकर उसे खास सम्मान मिला है. कोरोना काल में लोगों के बैंक खाते में सीधे आर्थिक मदद पहुंचाने हेतु बिहार को 'डिजिटल इंडिया अवार्ड - 2020 से सम्मानित किया जाएगा.
देश के राष्ट्रपति राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 30 दिसंबर को डिजिटल इंडिया अवॉर्ड 2020 सम्मान से बिहार को सम्मानित करेंगे. यह सम्मान केंद्रीय संचार और आइटी मंत्री रविशंकर प्रसाद की मौजूदगी में 30 दिसंबर को दिल्ली के विज्ञान भवन में बिहार को दिया जाएगा.
यह सम्मान क्यों दिया गया?
यह सम्मान कोरोना काल में सरकार द्वारा बिहार के लोगों को समय से राहत पहुंचाने के लिए प्रदान किया जा रहा है. केंद्र सरकार ने कोविड-19 के दौरान नागरिकों को विभिन्न प्रकार की सहायता उपलब्ध कराने हेतु की गई अभिनव पहल को सराहा है.
महामारी श्रेणी में विजेता बना
कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान नागरिकों को विभिन्न प्रकार की सहायता राज्य की तरफ से दी गई. इसके बाद मुख्यमंत्री सचिवालय, आपदा प्रबंधन विभाग और एनआइसी को कोरोना काल में बेहतरीन काम करने के लिए महामारी श्रेणी में विजेता चुना गया.
डिजिटल इंडिया अवार्ड क्या है?
डिजिटल इंडिया अवार्ड भारत सरकार द्वारा नागरिकों को अनुकरणीय डिजिटल उत्पाद और सेवाओं के लिए दिया जाने वाला राष्ट्रीय पुरस्कार है. यह पुरस्कार केंद्र सरकार देती है और इस साल बिहार को यह सम्मान ई-शासन के लिए कदम उठाने के लिए मिलेगा.
छह श्रेणियों में 190 प्रविष्टियां पुरस्कार
केंद्र सरकार एवं राज्य सरकारों के विभिन्न विभागों से छह श्रेणियों में 190 प्रविष्टियां पुरस्कार के लिए भेजी गई. मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, अपर सचिव रामचंद्र डू और एनआइसी के शैलेश कुमार श्रीवास्तव और नीरज कुमार को डिजिटल इंडिया अवार्ड के लिए चुना गया.
पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि मार्च 2020 में कोरोना महामारी को देखते हुए लॉकडाउन की घोषणा की गयी थी. लॉकडाउन के दौरान बिहार के लोग काफी संख्या में बाहर के राज्यों में फंसे हुए थे. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऐसे लोगों को राहत पहुंचाने के लिए तत्काल पहल करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए थे.
मुख्यमंत्री के निर्देश पर लॉकडाउन के दौरान बाहर फंसे राज्य के लोगों को समय-समय पर राहत पहुंचायी गयी. बिहार से बाहर फंसे श्रमिकों को बिहार कोरोना सहायता मोबाइल ऐप के माध्यम से 21 लाख से अधिक लोगों को वित्तीय सहायता पहुंचायी गयी थी.
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