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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

हिंदी टीजीटी/पीजीटी: 100 महत्त्वपूर्ण प्रश्न ।।

1. विद्यापति की कविता को किसने 'नागिन की लहर-सी मादक' कहा है?
निराला
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
रामवृक्ष बेनीपुरी
रामस्वरूप चतुर्वेदी

2. डाची कहानी के लेखक/लेखिका हैं?
विद्यासागर नौटियाल
उपेन्द्रनाथ अश्क
पद्मा सचदेव
भुवनेश्वर

3. 'इतिहास के पन्नों पर खून के छींटे' की गद्य-विधा है-
रिपोर्ताज
निबंध
संस्मरण
यात्रावृत्त
**[व्याख्या] 
 'इतिहास के पन्नों पर खून के छींटे' भगवतशरण उपाध्याय रचित 'रिपोर्ताज' है।

4. 'खुसरो का लक्ष्य जनता का मनोरंजन था जबकि कबीर धर्मोपदेशक थे" किसका कथन है?
हजारीप्रसाद द्विवेदी
श्यामसुन्दरदास
हरिऔध
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल

5. कौन-सा ग्रन्थ कड़वक शैली में नहीं है?
रामचन्द्रिका
पउम चरिउ
रामचरितमानस
पद्मावत
**[व्याख्या] 
दोहा-चौपाई शैली को कड़वक कहते हैं। रामचन्द्रिका में अनेक छंदों का प्रयोग है। 

6. जगन्नाथदास रत्नाकर ने 'समालोचनादर्श' किस छंद में लिखा है?
छप्पय
रोला
बरवै
हरिगीतिका
**[व्याख्या] 
अंग्रेजी कवि अलेक्जेंडर पोप (Alexander Pope) की प्रबंधात्मक कविता 'ऐन एस्से ऑन क्रिटिसिज्म' (An Essay on Criticism) का रत्नाकर जी ने ब्रजभाषा में रोला छंद में 'समालोचनादर्श' नाम से काव्यानुवाद किया।

7. कौन-सा उपन्यास प्राकृतवादी नहीं है?
सुनीता
दिव्या
रतिनाथ की चाची
कंकाल
**[व्याख्या] 
समाज के नग्न यथार्थ का चित्रण करनेवाले उपन्यासों को प्राकृतवादी कहा जाता है। यशपाल कृत 'दिव्या', नागार्जुन कृत 'रतिनाथ की चाची' और जयशंकर प्रसाद कृत 'कंकाल' में समाज की गलित परम्परा का नग्न चित्रण है।
जैनेन्द्र कुमार कृत 'सुनीता' गांधीवादी उपन्यास है।

8. मिश्र छंद नहीं है-
छप्पय
हरिगीतिका
कुण्डलिया
पद
**[व्याख्या] 
दो छंदों के मेल से बने छंद को मिश्र छंद कहते हैं।
छप्पय= रोला + उल्लाला
कुण्डलिया= दोहा + रोला
पद= पादाकुलक + सार
हरिगीतिका मात्रिक सम छंद है, जिसके प्रत्येक चरण में 28 मात्राएँ होती हैं।

9.रस और उसके स्थायी भाव का कौन-सा युग्म अशुद्ध है?
वीर- उत्साह
हास्य- हास
करुण- शोक
वात्सल्य- वत्सल
**[व्याख्या] 
'वात्सल्य' स्थायी भाव से उत्पन्न रस को 'वत्सल' कहते हैं।

10. वर्तनी की दृष्टि से अशुद्ध है-
त्रुटी
अंतर्राष्ट्रीय
दम्पती
कैलास
**[व्याख्या] 
हिंदी में कुछ शब्दों के दो रूप प्रचलित हैं और शुद्ध भी हैं- 
त्रुटि-त्रुटी
दम्पति-दम्पती
कैलास-कैलाश
अंतर्राष्ट्रीय का शुद्ध रूप अंतरराष्ट्रीय या अन्ताराष्ट्रिय है।

11. श्रीहर्ष की शैली है?
वैदर्भी
गौडी
पांचाली
लाटी

12. शिवानी रचित लाटी कहानी की नायिका है-
बानो
मत्स्यगंधा
सुगंधा
रज्जो

13. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने तुलसी को 'लोकमंगल' का कवि कहा है, तो सूर को?
जीवनोत्सव का
प्रेमोन्माद का
ब्रज संस्कृति का
सौंदर्य का

14. हरिवंशराय बच्चन की कविताओं में हाला किसका प्रतीक है?
सृष्टि का
प्रिय पात्र का
व्यवस्था-विरोध का
रूढ़ि उन्मूलन का

15. प्रेमचन्द रचित मैकू कहानी है-
यथार्थवादी
प्रकृतिवादी
आदर्शवादी
लोककथात्मक

16. चिंतामणि निबन्ध संग्रह कितने खंडों में प्रकाशित है?
1
2
3
4
**[व्याख्या] 
आचार्य शुक्ल के निबन्धों का संग्रह 'चिन्तामणि' नाम से 4 भागों में प्रकाशित है।
प्रथम भाग- 1939, इससे पहले 'विचार वीथी' नाम से प्रकाशित
द्वितीय भाग- 1945, सम्पा० आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र
तृतीय भाग- 1983, सम्पा० नामवर सिंह
चतुर्थ भाग- 2002, सम्पा० कुसुम चतुर्वेदी और ओम प्रकाश सिंह

17. प्रसाद जी ने किस काव्य संग्रह की कविताओं को ब्रज से खड़ीबोली में परिवर्तित कर दिया था?
चित्राधार
प्रेम पथिक
कानन कुसुम
करुणालय
**[व्याख्या] 
प्रसाद जी का 'प्रेम पथिक' 1910 में ब्रजभाषा में प्रकाशित हुआ था। 1918 में इसका दूसरा संस्करण प्रकाशित हुआ, जिसमें इसकी कविताएँ प्रसाद जी द्वारा खड़ीबोली में रूपांतरित कर दी गयीं।

18. निराला का प्रथम प्रकाशित काव्य संग्रह 'अनामिका' बाद में किस काव्य संग्रह में समाहित हो गया?
परिमल
गीतिका
अर्चना
आराधना
**[व्याख्या] 
निराला जी का प्रथम काव्य संग्रह 1923 में 'अनामिका' नाम से प्रकाशित हुआ। बाद में इसकी कविताओं को 1929 में प्रकाशित 'परिमल' काव्य संग्रह में समाहित कर दिया गया।
1939 में निराला जी का नया काव्य संग्रह 'अनामिका' छपा, जो पिछली 'अनामिका' से बिलकुल भिन्न था।

19. सबसे अधिक नाटक किसने लिखे हैं?
लक्ष्मीनारायण लाल
लक्ष्मीनारायण मिश्र
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
जयशंकर प्रसाद
**[व्याख्या] 
लक्ष्मीनारायण लाल- 30 से अधिक
लक्ष्मीनारायण मिश्र- 27
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र- 17
जयशंकर प्रसाद- 13

20. रामकथा का सर्वाधिक परिवर्तन किसमें है?
दीक्षा
अपने अपने राम
भूमिजा
अवसर
**[व्याख्या] 
भगवान सिंह ने अपने उपन्यास 'अपने अपने राम' में पूरी रामकथा उलट दी है। गुरु वसिष्ठ की भूमिका खलनायक के रूप में है, तो भरत जी के पावन चरित्र का भी अवमूल्यन किया गया है।
भूमिजा (नागार्जुन), दीक्षा और अवसर (नरेन्द्र कोहली) रामकथा पर आधारित कृतियाँ हैं।

21. सिद्धों में सबसे विद्वान हैं-
सरहपा
शबरपा
लुइपा
कण्हपा

22. नाद और बिंदु शब्दों का प्रतीकात्मक प्रयोग किस साहित्य में है-
सिद्ध 
नाथ
सिद्ध और नाथ
सिद्ध और जैन

23. 'दव का दाधा कुपली मेल्हइ, जीभ का दाधा नु पांगुरइ' किस ग्रन्थ में हैं?
बीसलदेव रासो
दोहाकोश
प्रबन्ध चिंतामणि
पृथ्वीराज रासो

24. 'गोरख जगायो जोग, भगति भगायो लोग' किस ग्रन्थ में है?
कवितावली
गीतावली
बीजक
गीतावली

25. मेचक का अर्थ है-
सुंदर
सुनहरा
साँवला
मुलायम

26. तुलसी ने रामचरितमानस के 'किष्किन्धा कांड' की रचना कहाँ की?
काशी
अयोध्या
चित्रकूट
प्रयाग

27. कौन-सा कवि दो कालों की सन्धि पर रचनारत नहीं रहा?
विद्यापति
केशवदास
सेनापति
मतिराम
**[व्याख्या] 
विद्यापति का रचनाकाल आदिकाल और भक्तिकाल दोनों की परिधि में आता है।
केशवदास और सेनापति की गणना भक्तिकाल की रामभक्ति शाखा में भी होती है और रीतिकाव्य में भी।

28. निम्नलिखित महाकाव्यों में सबसे अधिक सर्ग किसमें हैं?
रघुवंशम्
किरातार्जुनीयम्
शिशुपालवधम्
नैषधीयचरितम्
**[व्याख्या] 
रघुवंशम्- 19 सर्ग
किरातार्जुनीयम्- 18 सर्ग
शिशुपालवधम्- 20 सर्ग
नैषधीयचरितम्- 22 सर्ग

29. जतुकर्णी किस कवि की माता का नाम है?
भास
भारवि
भवभूति
माघ

30. आचार्य कवि हैं-
रीतिबद्ध
रीतिसिद्ध
रीतिमुक्त
रीतीतर
**[व्याख्या] 
काव्यशास्त्रीय ग्रन्थों की रचना करनेवाले कवियों को डॉ० नगेन्द्र 'रीतिकवि' या 'आचार्य कवि' कहते हैं, जबकि आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र इन्हें 'रीतिबद्ध' कवि कहते हैं। उदाहरण- चिंतामणि त्रिपाठी, मतिराम, देव, भूषण, पद्माकर आदि।
काव्यशास्त्रीय ग्रन्थों का निर्माण न करते हुए भी काव्यशास्त्रीय सिद्धांतों का अनुपालन करनेवाले कवियों को डॉ० नगेन्द्र 'रीतिबद्ध कवि' कहते हैं, जबकि आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र इन्हें 'रीतिसिद्ध कवि' (रीति में कुशल) कहते हैं। उदाहरण- बिहारी, रसनिधि, सेनापति, नेवाज, पजनेस आदि।

31. कौन-सा छंद वर्णिक है?
अहीर
तोमर
मालिनी
मानव
**[व्याख्या] 
जिन छंदों के प्रत्येक चरण में मात्राओं की संख्या निर्धारित होती है, उन्हें मात्रिक छंद कहते हैं।
अहीर- प्रत्येक चरण में 11 मात्राएँ
तोमर- प्रत्येक चरण में 12 मात्राएँ
मानव- प्रत्येक चरण में 14 मात्राएँ
(प्रसाद जी का 'आँसू' इसी छंद में है।)
जिन छंदों के प्रत्येक चरण में वर्णों के लघु-गुरु का क्रम (गण) निर्धारित होता है, उन्हें वर्णिक छंद कहते हैं।
मालिनी- नगण, नगण, मगण, यगण, यगण

32. 'लसत सूर सायक धनु धारी। रवि प्रताप सन सोहत भारी।।' में अलंकार है-
प्रतिवस्तूपमा
निदर्शना
दीपक
रूपक
**[व्याख्या
यहाँ एक ही गुण 'शोभा' के लिए दो शब्दों लसत और सोहत का प्रयोग होने से, प्रतिवस्तूपमा अलंकार है।
*निदर्शना* - दो वस्तुओं या क्रियाओं में संभव या असंभव समानता के लिए कल्पना का सहारा लेना पड़े, तो निदर्शना अलंकार होता है।
उदाहरण- 
सुनु खगेस हरि भगति बिहाई। 
जे सुख चाहहिं आन उपाई॥
ते सठ महासिंधु बिनु तरनी। 
पैरि पार चाहहिं जड़ करनी।।
*दीपक* - उपमेय और उपमान दोनों का एक ही धर्म (गुण) से सम्बन्ध होने पर दीपक अलंकार होता है।
उदाहरण- 
सरसिज से सर की शोभा।
नयनों से तेरे आनन की।।
*रूपक* - उपमेय और उपमान दोनों में अभेद (अभिन्नता) होने पर रूपक अलंकार होता है।
उदाहरण-
चरण कमल बंदउ हरिराइ।

33. उदन्त मार्त्तण्ड के सम्पादक ने अपने समाचार पत्र की भाषा को कहा था-
हिंदी
हिंदुस्तानी
मध्यदेशीय
पूर्वी
**[व्याख्या] 
कानपुर निवासी पंडित जुगलकिशोर शुक्ल ने 30 मई 1826 को कलकत्ता से हिंदी का पहला समाचार पत्र निकाला जो साप्ताहिक था। यह हर मंगलवार को प्रकाशित होता था। 

34. किस काव्यग्रन्थ की पात्र 'गोपा' है?
साकेत
यशोधरा
विष्णुप्रिया
रंग में भंग

35. कौन भारतेन्दु मण्डल में शामिल नहीं था?
राधाकृष्ण दास
राधाचरण गोस्वामी
श्रीनिवासदास
श्रीधर पाठक

36. 'जहँ इसलामी मुख सों निसरी बात। तहाँ सकल सुख मंगल कष्ट नसात।।' किसकी उक्ति है?
उस्मान
असाइत
मुल्ला दाऊद
नूर मोहम्मद

37. 'कवितामंजरी यस्य रामभ्रमर-भूषिता' कथन किसकी प्रशंसा में है?
तुलसीदास
कालिदास
वाल्मीकि
केशवदास

38. किस कवि ने 'अष्टयाम' की रचना नहीं की है?
अग्रदास
नाभादास
देव
नंददास

39. 'साहित्य जनसमूह के हृदय का विकास है' किसका कथन है?
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
हजारीप्रसाद द्विवेदी
महावीरप्रसाद द्विवेदी
बालकृष्ण भट्ट

40. कौन-सा युग्म सुमेलित नहीं है?
राजा भोज का सपना- शिवप्रसाद सितारेहिंद
अद्भुत अपूर्व स्वप्न- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
एक अनोखा स्वप्न- प्रतापनारायण मिश्र
सपना अभी भी- धर्मवीर भारती
**[व्याख्या] 
एक अनोखा स्वप्न- बालकृष्ण भट्ट

41. किस लेखिका/कवयित्री को 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' प्रदान नहीं किया गया है?
महादेवी वर्मा
अनामिका
अलका सरावगी
मृदुला गर्ग
**[व्याख्या]
महादेवी वर्मा को 1982 में 'यामा' काव्य संग्रह के लिए 'भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। उन्हें 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' प्राप्त नहीं हुआ।
'साहित्य अकादमी पुरस्कार' से सम्मानित महिला रचनाकार हैं-
अनामिका- टोकरी में दिगन्त (काव्य)
अलका सरावगी- कलिकथा: वाया बाईपास (उपन्यास)
मृदुला गर्ग- मिलजुल मन (उपन्यास)

42. केदारनाथ सिंह किस सप्तक के कवि हैं?
तार सप्तक
दूसरा सप्तक
तीसरा सप्तक
चौथा सप्तक

43. 'विज्ञान गीता' के रचनाकार हैं?
केशवदास
सूरदास
तुलसीदास
बिहारी

44. गणेशशंकर विद्यार्थी रचित गांधीजी की जीवनी है-
बापू
कर्मवीर गांधी
श्री गांधी
अकालपुरुष गांधी
**[व्याख्या]
बापू- घनश्यामदास बिड़ला
कर्मवीर गांधी- मुकुन्दीलाल वर्मा
अकालपुरुष गांधी- जैनेन्द्र कुमार

45. दादू पंथ की प्रधान पीठ कहाँ स्थित है?
अहमदाबाद
नरैना
आमेर
सांगनेर

46. "कष्ट हृदय की कसौटी है, तपस्या अग्नि है" किसका कथन है?
शर्वनाग
मातृगुप्त
देवसेना
देवकी
**[व्याख्या]
प्रसाद जी रचित नाटक 'स्कन्दगुप्त' में यह कथन नायिका 'देवसेना' का है।

47. 'रास पंचाध्यायी' किसका ग्रन्थ है?
परमानंददास
कृष्णदास
चतुर्भुजदास
नंददास

48. "मितऊ मड़ैया सूनी करि गैलो" किसकी काव्य-पंक्ति है?
कबीरदास
धर्मदास
दादू
रज्जब

49. 'चिठिया हो तो हर कोई बाँचे' किसके पत्रों का संकलन है?
धर्मवीर भारती
फणीश्वरनाथ रेणु
देवीशंकर अवस्थी
रामविलास शर्मा
**[व्याख्या]
रेणु जी के पत्रों को 'चिठिया हो तो हर कोई बाँचे' नाम से पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया गया है। इसके सम्पादक हैं- भारत यायावर।

50. "अरुण यह मधुमय देश हमारा" किसका कथन है?
ध्रुवस्वामिनी
देवसेना
कार्नेलिया
मधूलिका
**[व्याख्या]
प्रसाद जी रचित नाटक 'चन्द्रगुप्त' में यह कथन नायिका 'कार्नेलिया' का है।

51. सूर सारावली की रचना के समय सूरदास की उम्र क्या थी?
63 वर्ष
67 वर्ष
72 वर्ष
74 वर्ष

52. तुलसीदास ने रामचरितमानस की रचना कहाँ प्रारंभ की थी?
काशी
अयोध्या
प्रयाग
चित्रकूट

53. विद्यापति का संस्कृत-प्राकृत-मैथिली में रचित ग्रन्थ है-
दुर्गाभक्ति-तरंगिणी
शैव-सर्वस्व-सार
गोरक्ष-विजय नाटक
पुरूष परीक्षा

54. किस शब्द की वर्तनी शुद्ध है?
चवालीस
बानबे
सरसठ
छ:
**[व्याख्या]
बानबे- बानवे
सरसठ- सड़सठ
छ:- छह

55. कौन-सी कवयित्री किसी सप्तक में शामिल नहीं है?
शकुंतला माथुर
शकुंत माथुर
कीर्ति चौधरी
सुमन राजे
**[व्याख्या]
दूसरा सप्तक में शामिल कवयित्री का सही नाम *शकुंत माथुर* है। वह प्रसिद्ध प्रयोगवादी कवि गिरिजाकुमार माथुर की पत्नी थीं।

56. ठाकुर की रचना है-
ठाकुर कसक
ठाकुर लसत
ठाकुर ठसक
ठाकुर दशक

57. वसन्त+ऋतु: में सन्धि से प्राप्त पद है-
वसन्तर्तु:
वसन्तऋतु:
वसन्त ऋतु:
वसन्तृतु:
**[व्याख्या]
इसमें गुण सन्धि है।
अ+ऋ= अर्

58. प्राकृत पैंगलम् किसकी रचना है?
हेमचन्द्र
वंशीधर
वररुचि
लक्ष्मीधर

59. देवीप्रसाद मुंसिफ किस गद्य विधा में लेखन के लिए प्रसिद्ध हैं-
जीवनी
संस्मरण 
रिपोर्ताज 
आत्मकथा 
**[व्याख्या]
देवीप्रसाद मुंसिफ भारतेन्दु युग के सर्वप्रसिद्ध जीवनीकार हैं।

60. कलधौत का अर्थ नहीं है-
सोना
सुनहरा
कपूर
चाँदी

61. अद्वैतवाद का घोर विरोध किसने किया?
मध्वाचार्य
रामानुजाचार्य
निम्बार्काचार्य
वल्लभाचार्य
**[व्याख्या]
मध्वाचार्य का *द्वैतवाद* शंकराचार्य के *अद्वैतवाद* का प्रबल विरोधी है।

62. भक्तमाल की रचना किस छंद में हुई है?
कवित्त
सवैया
पद
छप्पय
**[व्याख्या]
भक्तमाल में 316 छप्पय छंदों में 200 भक्तों की महिमा का वर्णन है।

63. सूफी काव्यधारा की कौन-सी रचना भक्तिकाल में रचित है?
हंस जवाहिर
चित्रावली
इन्द्रावती
अनुराग बाँसुरी
**[व्याख्या]
विकल्प में दी हुई शेष रचनाएँ रीतिकाल की सीमा में रचित हैं।

64. 'अंजन मांहि निरंजन भेट्या, तिल मुख भेट्या तेलं' किसकी काव्यपंक्ति है?
गोरखनाथ
मछंदरनाथ
कबीरदास
कण्हपा

65. रघुवीर सहाय की किस रचना में काव्य और गद्य दोनों संकलित हैं?
 हँसो हँसो जल्दी हँसो
लोग भूल गये हैं
आत्महत्या के विरुद्ध
सीढ़ियों पर धूप में

66. 'या मुरली मुरलीधर की अधरान धरी, अधरा न धरौंगी' पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?
रूपक
यमक
दीपक
श्लेष
**[व्याख्या]
अधरान= होंठों पर
अधरा न= होंठों पर नहीं
एक ही शब्द (अधरान) का दो बार भिन्न-भिन्न अर्थ में प्रयोग है।

67. संचारी भावों की संख्या कितनी हो सकती है?
33
34
100
अनंत
**[व्याख्या]
संचारी भावों की संख्या काव्यशास्त्र में 33 मानी गयी है, जो प्रतिनिधि संचारी भाव हैं। इनकी वास्तविक संख्या असीमित है।

68. शृंगार और वीर किसके प्रकार हैं?
रस
छंद
रस और अलंकार
रस और छंद
**[व्याख्या]
शृंगार एक छंद भी है। इसके प्रत्येक चरण में 16 मात्राएँ होती हैं और चरणों के अंत में गुरु-लघु वर्ण होते हैं। कामायनी के *श्रद्धा सर्ग* में इसी छंद का प्रयोग है।
चौपाई के प्रत्येक चरण में भी 16 मात्राएँ होती हैं, किन्तु चरणों के अंत में गुरु वर्ण होता है।
वीर भी एक छंद है, जिसे 'आल्हा' छंद भी कहते हैं। इसके प्रत्येक चरण में 31 मात्राएँ होती हैं।

69. 'गाँव के चारों ओर पेड़ हैं।' वाक्य का संस्कृत अनुवाद है-
ग्रामस्य परित: वृक्षा: सन्ति।
ग्रामं परित: वृक्षा: अस्ति।
ग्रामम् उभयत: वृक्षा: सन्ति।
ग्रामं परित: वृक्षा: सन्ति।
**[व्याख्या]
दोनों ओर (उभयत:), चारों ओर (परित:), सब ओर (सर्वत:), निकट (समया, निकषा) का प्रयोग होने पर जिसके *ओर* या *निकट* हो, उसमें द्वितीया विभक्ति का प्रयोग होता है। इसलिए *गाँव* में द्वितीया विभक्ति लगी है- ग्रामम्।

70. आत्मन: शब्दरूप है-
प्रथमा विभक्ति एक वचन
द्वितीया विभक्ति एक वचन
द्वितीया विभक्ति बहु वचन
तृतीया विभक्ति एक वचन

71. अस्मै शब्दरूप है-
प्रथमा विभक्ति एक वचन
द्वितीया विभक्ति एक वचन
तृतीया विभक्ति बहु वचन
चतुर्थी विभक्ति एक वचन

72. भवेत् धातुरूप किस लकार का है?
विधिलिङ्
लट्
लोट् 
लङ्

73. उत्तररामचरितम् में 'तमसा' और 'मुरला' पात्र हैं-
सखियाँ
नदियाँ
देवियाँ
रानियाँ
**[व्याख्या]
उत्तररामचरितम् का तृतीय अंक बहुत महत्त्वपूर्ण है। इस अंक को *छायांक* कहते हैं, क्योंकि सीता परित्याग के बाद उनके वियोग में दुखी राम को वन में *छाया सीता* का आभास होता है। इसी अंक में तमसा और मुरला दो नदी-देवियों की भूमिका है।

74. मृच्छकटिकम् का अर्थ है-
मुर्झाया हुआ काठ
भ्रष्ट समाज
मिट्टी की गाड़ी
सोने की गाड़ी
**[व्याख्या]
मृच्छकटिकम्= मृत् (मिट्टी) + शकटिकम् (गाड़ी)

75. 'काव्यालंकार' किसके ग्रन्थ का नाम है-
भामह 
वामन 
भामह और रुद्रट
भामह और उद्भट
**[व्याख्या]
भामह और रुद्रट दोनों के काव्यशास्त्रीय ग्रन्थों का नाम *काव्यालंकार* ही है।
वामन: काव्यालंकार-सूत्र
उद्भट: अलंकार-सार-संग्रह

76. 'सिद्धान्तकौमुदी' के रचनाकार हैं-
पाणिनि
पतञ्जलि
भट्टोजिदीक्षित
वरदराजाचार्य

77. भाषा के अर्थ में 'हिंदी' शब्द का प्रथम प्रयोग किसमें मिलता है?
जफरनामा
खालिक बारी
आईने अकबरी
बाबरनामा
**[व्याख्या]
सबसे पहले शरफुद्दीन यज्दी के जफरनामा (1424 ई०) में *हिंदी* शब्द का प्रयोग हिंदी भाषा के लिए हुआ है।

78. हिंदी में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित प्रथम महिला रचनाकार हैं-
महादेवी वर्मा
कृष्णा सोबती
मृदुला गर्ग
चित्रा मुद्गल
**[व्याख्या]
1980 में कृष्णा सोबती को उनके उपन्यास *जिंदगीनामा* के लिए *साहित्य अकादमी पुरस्कार* से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार पाने वाली वह हिंदी की प्रथम महिला रचनाकार हैं। 
महादेवी वर्मा *ज्ञानपीठ पुरस्कार* से सम्मानित हिंदी की प्रथम महिला रचनाकार हैं।

79. झारखंडी किस कवि का नाम है-
नागार्जुन
*जयशंकर प्रसाद*
त्रिलोचन
दुष्यंत कुमार

80. 'कवि को दैन न चहैं विदाई, पूछें ........ की कविताई।' रिक्त स्थान में कौन-सा शब्द है-
केशव
भेदभरी
तुलसी
बहुरीति
**[व्याख्या]
यह प्रसिद्ध कथन केशवदास की कविता की कठिनाई के कारण प्रचलित है, कि सभा में किसी भी कवि का घमंड तोड़ना हो, तो उससे केशवदास की किसी कविता का भाव पूछ लेना चाहिए।

81. 'रामचन्द्र शुक्ल रचनावली' के सम्पादक हैं-
नामवर सिंह
हजारीप्रसाद द्विवेदी
चन्द्रशेखर शुक्ल
कुसुम चतुर्वेदी

82. नागरी लिपि की त्रुटियों की ओर सबसे पहले किसने संकेत किया था?
सावरकर बंधु
लोकमान्य तिलक
सुनीतिकुमार चटर्जी
जार्ज ग्रियर्सन

83. कबीर किस भाषा का शब्द है?
अरबी
फारसी
तुर्की
देशी

84. राजभाषा आयोग का गठन किस वर्ष हुआ?
1952
1955
1957
1965

85. भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ की स्थापना कहाँ हुई थी?
लंदन
पेरिस
हैदराबाद
लखनऊ
**[व्याख्या]
मुल्कराज आनंद और सज्जाद जहीर के प्रयासों से *भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ* का गठन 1935 में *लंदन* में हुआ। लखनऊ में इसका प्रथम अधिवेशन 1936 में 9-10 अप्रैल को हुआ। इस अधिवेशन के अध्यक्ष प्रेमचन्द थे।
इसके अन्य प्रसिद्ध अधिवेशन और उसके अध्यक्ष-
दूसरा, 1938, कलकत्ता, रवींद्रनाथ टैगोर
तीसरा, 1943, अमृत डांगे

86. हिंदी के आरंभिक रूप को अवहट्ठ किसने कहा है?
उदयनारायण तिवारी
भोलानाथ तिवारी
भोलाशंकर व्यास
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी

87. 'मुँह पकड़ना' मुहावरे का अर्थ है-
लज्जित होना
बोलने से रोकना
प्रशंसा करना
चापलूसी करना

88. पीताम्बर में समास है-
कर्मधारय
बहुब्रीहि
कर्मधारय और बहुब्रीहि
द्विगु

89. कुक्कुर शब्द है-
तत्सम
तद्भव
तत्सम और तद्भव
तत्सम और देशज

90. उर्वशी के रचनाकार हैं-
रामधारी सिंह 'दिनकर'
जयशंकर प्रसाद
दिनकर और प्रसाद
दिनकर और रत्नाकर
**[व्याख्या]
दिनकर द्वारा रचित 'उर्वशी' काव्य ग्रन्थ है। इसकी रूपरेखा नाटक के रूप में है, जिसकी कविताएँ पात्रों के कथन के रूप में हैं। इसके अध्यायों को *अंक* कहा गया है। इसमें 5 अंक हैं।
जयशंकर प्रसाद ने भी 'उर्वशी' की रचना की है, जिसमें गद्य और पद्य दोनों में पुरुरवा-उर्वशी की कथा है। गद्य और पद्य दोनों में होने से यह *चम्पू* ग्रन्थ है।

91. जार्ज ग्रियर्सन किसको हिंदी की बोली नहीं मानते?
ब्रज
अवधी
भोजपुरी
बुंदेली
**[व्याख्या]
जार्ज ग्रियर्सन केवल पश्चिमी हिंदी और पूर्वी हिंदी की 8 बोलियों को ही हिंदी मानते हैं। 
भोजपुरी को वह *बिहारी* के अंतर्गत एक अलग उपभाषा की बोली मानते हैं।

92. 'नारी तुम केवल श्रद्धा हो' कामायनी के किस सर्ग में है?
श्रद्धा
आशा
इड़ा
लज्जा

93. 'माधव क्या कहिए प्रभु ऐसा, जैसा मानिए होइ न तैसा' किसकी काव्यपंक्ति है?
सूरदास
रैदास
कबीरदास
मलूकदास

94. इनमें से सबसे पुरानी कहानी है-
रानी केतकी की कहानी
राजा भोज का सपना
इंदुमती
एक टोकरी भर मिट्टी
**[व्याख्या]
रानी केतकी की कहानी (इंशा अल्ला खां)- 1803
राजा भोज का सपना (शिवप्रसाद 'सितारेहिंद')- 1867
इंदुमती (किशोरीलाल गोस्वामी)- 1900
एक टोकरी भर मिट्टी (माधवराव सप्रे)- 1901

95. विसंगति बोध के नाटकों के लिए प्रसिद्ध हैं-
भुवनेश्वर
लक्ष्मीनारायण लाल
लक्ष्मीनारायण मिश्र
मुद्राराक्षस
**[व्याख्या]
आधुनिक जीवन की विसंगतियों पर आधारित असंगत या ऊल-जलूल नाटकों की शुरुआत भुवनेश्वर ने की थी। *ताँबे के कीड़े* उनका प्रसिद्ध नाटक है।

96. डॉ० नगेन्द्र कृत आत्मकथा है-
अर्धकथानक
अर्धकथा
अनभै साँचा
देखा-परखा

97. 2020 में किस समाचारपत्र ने प्रकाशन के 100 वर्ष पूर्ण किये-
हिंदुस्तान
दैनिक भास्कर
जनसत्ता
आज

98. कौन रीतिसिद्ध कवि नहीं है?
पजनेस
रसलीन
रसनिधि
नेवाज

99. अज्ञेय रचित 'नदी के द्वीप' है-
उपन्यास
कविता
उपन्यास और कविता
उपन्यास और निबन्ध
**[व्याख्या]
अज्ञेय ने *नदी के द्वीप* नामक प्रसिद्ध उपन्यास लिखा है। उन्होंने *नदी के द्वीप* शीर्षक से एक कविता भी लिखी है, जो उनके काव्य संग्रह *हरी घास पर क्षण भर* में संकलित है।

100. निराला की किस कविता को सरस्वती पत्रिका के सम्पादक ने अस्वीकृत कर दिया था?
जुही की कली
कुकुरमुत्ता
गर्म पकौड़ी
रानी और कानी
**[व्याख्या]
निराला ने *जुही की कली* कविता *सरस्वती* के सम्पादक आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी के पास छापने के लिए भेजी थी, जिसे द्विवेदी जी ने *अशिष्ट कविता* कहकर लौटा दिया था। यह कविता बाद में निराला जी के काव्य संग्रह *परिमल* में प्रकाशित हुई। यह हिंदी की बहुचर्चित कविता है।
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