सौर, पवन और बायोमास आदि अक्षय ऊर्जा स्रोत है जिनसे ऊर्जा उत्पन्न की जा सकती है। पानी गर्म करने, खाना पकाने, पम्पिंग पानी और सूक्ष्म उद्यमों के क्षेत्र में अक्षय ऊर्जा उत्पादन के विभिन्न अनुप्रयोगों का वर्णन किया गया है।
सोलर(सौर)लालटेन
सोलर लालटेन सोलर फोटोवोल्टेइक तकनीक पर अधारित एक सरल उपकरण है जिसकी ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां बिजली आपूर्ति अनियमित और बहुत कम होती है, अच्छी स्वीकार्यता है। शहरी क्षेत्रों में भी लोग सोलर लालटेन को, इसकी सरल कार्यप्रणाली के कारण, बिजली कटने की स्थिति में बेहतर विकल्प मानते हैं।
सोलर लालटेन किस प्रकार कार्य करता है?
सोलर लालटेन 3 मुख्य घटकों का बना होता है- सोलर PV पैनल, भंडारण बैट्री तथा बल्ब। इसकी कार्यप्रणाली बहुत आसान होती है। सौर ऊर्जा को सोलर PV पैनल द्वारा विद्युत ऊर्जा में बदला जाता है और बाद में रात के दौरान प्रयोग किए जाने के लिए एक सील की हुई रखरखाव मुक्त बैट्री में यह ऊर्जा भंडारित होती है। एक बार चार्ज होने पर बल्ब को 4-5 घंटे तक जलाया जा सकता है।
सौर या सोलर कुकर
सोलर कुकर वह उपकरण है जो खाना पकाने के लिये सूर्य की ऊर्जा का उपयोग करता है।
लाभ
- रसोई गैस, मिट्टी तेल, विद्युत ऊर्जा, कोयले अथवा लकड़ी की कोई आवश्यकता नहीं होती।
- ईन्धन पर कोई खर्चा करने की आवश्यकता नही है। सौर ऊर्जा मुफ्त उपलब्ध होती है।
- सोलर कुकर में पका हुआ खाना पोषक होता है। इसमें पारंपरिक खाना पकाने के साधनों की तुलना में प्रोटीन की मात्रा 20 से 30 प्रतिशत अधिक होती है। इसकी विटामिन को भोजन में बनाये रखने की क्षमता 20 से 30 प्रतिशत होती है जबकि विटामिन ए 5 से 10 प्रतिशत तक अधिक रहता है।
- सोलर रसोई प्रदूषण मुक्त व सुरक्षित होती है।
- सोलर कुकर अनेकानेक आकारों में उपलब्ध है। घर में सदस्यों की संख्या के आधार पर सोलर कुकर का चयन किया जाता है।
- समस्त रसोई के प्रकार जैसे उबालना, सेंकना आदि इस कुकर पर किये जा सकते हैं।
- सरकार द्वारा सोलर कुकर की खरीद पर सब्सिडी की योजनाएं भी है।
हानि
- पकाने के लिये सही मात्रा में सूर्य का प्रकाश होना आवश्यक है।
- पारंपरिक ऊर्जा स्रोत के मुकाबले रसोई पकने में अधिक समय लगता है।
सौर जल तापन प्रणाली
सौर जल तापन प्रणाली एक ऐसी प्रणाली है जो सौर ऊर्जा का उपयोग घरेलू, वाणिज्यिक तथा औद्योगिक जरूरतों में करती है। पानी को गर्म करना दुनिया में सौर ऊर्जा का सबसे आम उपयोग है। एक सामान्य सौर जल तापन प्रणाली, जिसकी क्षमता प्रति दिन 100 लीटर पानी गर्म करने की है, प्रति वर्ष 1500 यूनिट बिजली बचा सकती है।
सौर जल तापन प्रणाली के भाग
- सौर जल तापन प्रणाली में चपटे प्लेट वाला सौर संग्राहक, एक भंडारण टंकी, जिसे संग्राहक के पीछे ऊंचाई पर रखा जाता है और जोड़नेवाले पाइप होते हैं।
- संग्राहक में आमतौर पर तांबे की नालियां होती हैं, जिन्हें तांबे की चादर पर वेल्डिंग से जोड़ा जाता है (दोनों पर उच्च अवशोषक काली कोटिंग लगायी जाती है)। इसके पीछे एक इंसुलेटिंग सामग्री और ऊपर मोटे कांच की चादर लगी होती है। यह पूरी इकाई एक चपटे बक्से में रखी होती है।
- कुछ विशिष्ट मॉडलों में तांबे के स्थान पर वायु शून्य कांच की नलियां लगायी जाती हैं। इस मॉडल में अलग कवर शीट और इंसुलेटिंग बक्से की जरूरत नहीं होती है।
कार्य प्रणाली
- नलियों से होकर बहता जल, सौर उष्मा का अवशोषण कर गर्म होता रहता है।
- गर्म पानी को भावी उपयोग के लिए टंकी में जमा किया जाता है।
- टंकी में जमा पानी रात भर गर्म रहता है, क्योंकि टंकी पूरी तरह इंसुलेटेड होता है और उससे ऊष्मा की क्षति कम होती है।
सौर जल तापन प्रणाली का उपयोग
- घरों में नहाने, साफ-सफाई और कपड़े धोने आदि के लिए।
- इसका उपयोग विभिन्न औद्योगिक कार्यों के लिए।
बरसात के दिनों में सौर जल हीटर का उपयोग
- अधिकांश घरेलू सौर जल हीटरों में विद्युत बैकअप दिया जाता है।
- आमतौर पर भंडारण टंकियों में विद्युत हीटिंग एलीमेंट लगा दिया जाता है, जिसे बादल वाले दिनों में चालू किया जा सकता है।
- कुछ मामलों में सूर्य से गर्म होनेवाले पानी को मौजूदा विद्युत गीजरों में भेजा जाता है। इन गीजरों को केवल बादलवाले दिनों में ही चलाना होता है।
लागत
उपलब्ध सबसे छोटे सौर जल हीटर की क्षमता प्रतिदिन एक सौ लीटर है, जो चार से पांच सदस्यों वाले परिवार के लिए पर्याप्त है। यह 15 हजार से 18 हजार रुपये के बीच आता है तथा इससे प्रति वर्ष करीब डेढ़ हजार यूनिट बिजली बचायी जा सकती है।
उपलब्धता और मरम्मत
- सौर जल तापन प्रणालियां निर्माताओं, उनके विक्रेताओं और आदित्य सोलर शॉप से प्राप्त कर अपने घर में लगवायी जा सकती है।
- इनके पास मरम्मत और सर्विसिंग की सुविधाएं भी उपलब्ध होती हैं।
- राज्य नोडल एजेंसियां भी इनकी उपलब्धता के बारे में जानकारी उपलब्ध कराती हैं।
पानी गर्म करने की उपयुक्त सौर प्रणाली के चयन के लिए युक्तियाँ
फ्लैट प्लेट कलेक्टर (FPC) आधारित प्रणालियाँ धातु प्रकार की होती हैं और इवेकुएटेड ट्यूब कलेक्टर (ETC) आधारित प्रणाली, जो कांच की बनी और नाज़ुक प्रकृति की होती हैं, की तुलना में अधिक दिन चलती हैं|
ETC आधारित प्रणालियां FPC आधारित प्रणालियों की तुलना में 10 से 20% सस्ती होती हैं| वे ठंडे क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करती हैं और उनमें उप-शून्य तापमान के दौरान जमने की समस्या नहीं होती है| FPC आधारित प्रणालियाँ भी उप-शून्य तापमान पर जमने के प्रति रोधी घोल के साथ अच्छा प्रदर्शन करती हैं लेकिन उनकी लागत बढ़ जाती है|
उन स्थानों पर जहां पानी कठोर हों और क्लोरीन की मात्रा अधिक हो, वहाँ हीट एक्सचेंजर के साथ FPC प्रणाली स्थापित की जानी चाहिए क्योंकि वो सौर कलेक्टर की तांबे की ट्यूब में स्केल जमने से बचाएगा, अन्यथा पानी का प्रवाह कम हों सकता है और तापीय प्रदर्शन भी कमतर हो सकता है| ETC आधारित प्रणालियों में इस तरह की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता है|
एक ऐसे घर, जिसमें एक बाथरूम तथा 3 से 4 सदस्य हों, 100 लीटर प्रति दिन क्षमता की प्रणाली पर्याप्त होना चाहिए। बाथरूम की अधिक संख्या होने पर, पाइप में पानी का दबाव कम होने व परिवार के सदस्यों की संख्या अधिक होने की वज़ह से क्षमता में तदनुसार वृद्धि करनी होगी। आम तौर पर क्षमता का फैसला स्नान के लिए सुबह के समय गर्म पानी की जरूरतों पर आधारित किया जाता है। यदि उपयोग शाम को तथा अन्य समय पर भी किया जाना हो, तो क्षमता का निर्णय उसके अनुसार लिया जाता है।
प्रकार और स्थान के आधार पर एक 100 एलपीडी क्षमता की प्रणाली की लागत रु.16,000 से रु.22,000 तक हो सकती है। पहाड़ी और पूर्वोत्तर क्षेत्र में लागत 15 से 20% अधिक हो सकती है। तथापि, क्षमता में वृद्धि के साथ लागत में रैखिक वृद्धि नहीं होती है, बल्कि जब हम उच्च क्षमता प्रणाली की ओर जाते हैं तो यह अनुपात नीचे आता है। प्रणाली की लागत में आवश्यक ठंडे पानी के टैंक व स्टैंड की लागत शामिल नहीं होती है, यदि घर / भवन में एक ओवरहेड टैंक स्थापित नहीं किया गया हो। अगर बाथरूम की संख्या एक से अधिक हो तो गर्म पानी की इंसुलेशनयुक्त पाइप लाइन की लागत भी, अतिरिक्त हो सकती है। इन सभी घटकों के प्रति अतिरिक्त लागत में 5 से 10% की वृद्धि हो सकती है।
सौर प्रणाली के भंडारण टैंक में बिजली का बैकअप लगाने से बचें। यदि मान लें कि आपके पास 10 LPD से कम क्षमता का बिजली का गीज़र है तो या एक इंस्टंटेनिअस गीज़र है तो बेहतर यह होगा कि आप सौर प्रणाली के निकास पाइप को गीज़र में जाने वाली पानी की लाइन से जोड़ें और थर्मोस्टेट को 40O पर सेट करें। आपका गीज़र तभी चालू होगा जब आपको सौर प्रणाली से पानी 40O से कम पर मिले और तापमान 42 या उसके आसपास जाने पर वह बन्द हो जाएगा। इससे बिजली की बहुत बचत होगी और आप पानी अपनी आवश्यकता के अनुसार गर्म कर पाएंगे। लेकिन यदि आपके पास उच्च क्षमता का भंडारण गीजर हो, तो यह बेहतर होगा कि आप सौर प्रणाली के लिए एक अलग नल रखें और जब आपको उससे गर्म पानी नहीं मिले तभी अपने बिजली के गीजर का उपयोग करें।
सौर जल तापक- महत्त्वपूर्ण तथ्य
- होटल, अस्पताल, रेस्तरा, डेयरी, घरों, उद्योग आदि के लिए जल 60-800 सेंटीग्रेड तापमान पर गर्म करें।
- 100-300 लीटर क्षमता वाले सौर जल-तापक घरेलू प्रयोग हेतु उपयुक्त होते हैं।
- रेस्तरा, कैन्टीन, अतिथिगृह, होटल, अस्पताल इत्यादि में बड़े जल तापक प्रणाली को प्रयोग में लाया जा सकता है।
ईंधन की बचत
100 लीटर क्षमता वाले एक सौर जल तापक का इस्तेमाल घरेलू उपयोग हेतु विद्युत चालित गीजर के स्थान पर किया जा सकता है एवं वर्ष में 1500 यूनिट विद्युत की बचत की जा सकती है।
विद्युत उत्पादन में लागत की बचत
100 लीटर क्षमता वाले 1000 सौर जल-तापक, पीक लोड के समय 1 मेगावाट बिजली बचत में योगदान कर सकता है।
पर्यावरण को होने वाले लाभ
100 लीटर क्षमता वाला एक सौर ऊर्जा तापक प्रति वर्ष 1.5 टन कार्बन डायऑक्साइड के उत्सर्जन को रोकता है।
आयु : 15-20 वर्ष
अनुमानित लागत
100 लीटर क्षमता वाले एक सौर ऊर्जा तापक की लागत लगभग 22,000 रुपये होती है। उच्च क्षमता वाले सौर ऊर्जा तापक के लिए प्रति लीटर 110-150 रुपये की लागत आती है।
पैसे वापसी की अवधि:
- विद्युत के विस्थापन से 3-4 वर्ष
- फर्नेस ऑयल के विस्थापन से 4-5 वर्ष
- कोयला बदलने से 6-7 वर्ष
इरेडा व बैंकों से प्राप्त ऋण पर ब्याज दर में छूट योजना
. उपयुक्त निकाय | इवैक्वेटेड ट्यूबलर कलेक्टर्स (किसी भी साइज का) या समतल प्लेट वाले सौर जल-तापन |
2. ऋण प्राप्त करने की कोई योग्यता | कोई भी अंतिम प्रयोक्ता |
3. ऋण देने वाली एजेंसियाँ | भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (इरेडा), सरकारी/निजी क्षेत्र के बैंक, अनुसूचित सहकारी बैंकों, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अनुमोदित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, इरेडा के मध्यस्थ (निर्माता/आपूर्तिकर्त्ता) तथा अन्य सरकारी/निजी वित्तीय संस्थाओं द्वारा ऋण उपलब्ध कराये जाएँगे। योजना इरेडा एवं अन्य वित्तीय संस्थाओं/बैंकों द्वारा लागू की जाएगी जहाँ आवंटित राशि का संचालन नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की ओर से इरेडा द्वारा किया जाएगा। |
4. ऋण की राशि | इरेडा/बैंक/वित्तीय संस्था द्वारा स्वीकृत परियोजना लागत का 85% तक |
5. ऋण की अवधि | अधिकतम 5 वर्ष |
6. ब्याज की दर | घरेलू प्रयोक्ताओं के लिए 2% |
7. वित्तीय संस्थाओं/बैंकों/इरेडा के मध्यस्थों को सेवा शुल्क तथा उत्प्रेरकों को प्रोत्साहन राशि | वित्तीय संस्थाओं/बैंकों/इरेडा के मध्यस्थों को प्रत्येक ऋण के अनुदान भुगतान पर 200 रुपये |
सौर जल-तापक कार्यक्रम में शामिल बैंक व वित्तीय संस्थानों की सूची
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक
1. केनरा बैंक
2. बैंक ऑफ महाराष्ट्र
3. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया
4. सिंडिकेट बैंक
5. पंजाब व सिंध बैंक
6. पंजाब नेशनल बैंक
7. आँध्रा बैंक
8. विजया बैंक
9. देना बैंक
10. बैंक ऑफ इंडिया
11. ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स
गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ
12. इरेडा
13. नागार्जुन क्रेडिट्स व कैपिटल लिमिटेड
14. एस.आर.आइ.ई इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड
15. भोंसले लीजिंग फाइनेंस कंपनी लिमिटेड
16. मध्य प्रदेश फाइनेनशियल कार्पोरेशन
निजी बैंक
17. रत्नाकर बैंक लि.
18. द युनाइटेड वेस्टर्न बैंक लिमिटेड
सहकारी बैंक
19. नागपुर नागरिक सहकारी बैंक लिमिटेड
20. जलगाँव जनता सहकारी बैंक लिमिटेड
21. कल्याण जनता सहकारी बैंक लिमिटेड
22. शोलापुर जनता सहकारी बैंक लिमिटेड
23. अकोला जनता कॉमर्शियल को-ऑपरेटिव बैंक
24. द अकोला अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड
25. परवरा सहकारी बैंक लिमिटेड
26. कॉसमोस को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड
27. शिक्षक सहकारी बैंक लिमिटेड
28. इचलकरंजी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड
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