21 दिसंबर या शीत अयनांत (Winter Solstice) उत्तरी गोलार्द्ध में वर्ष का सबसे छोटा दिन होता है। इसी दिन दक्षिणी गोलार्द्ध में ग्रीष्म अयनांत, वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है।
‘Solstice’ एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है “Stalled Sun” यानी “ठहरा हुआ सूर्य”। यह एक प्राकृतिक घटना है जो पृथ्वी के प्रत्येक गोलार्द्ध में वर्ष में दो बार होती है, एक बार ग्रीष्म ऋतु में और एक बार शीत ऋतु में।इस समय सूर्य मकर रेखा पर लम्बवत चमकता है। इस स्थिति को शीत अयनांत कहते हैं।इस समय दक्षिणी गोलार्द्ध में दिन की अवधि लंबी तथा रात छोटी होती है।वस्तुतः सूर्य के दक्षिणायन होने अर्थात् दक्षिणी गोलार्द्ध में उन्मुख होने की प्रक्रिया 23 सितंबर के बाद से प्रारंभ हो जाती है जिससे दक्षिणी गोलार्द्ध में दिन बड़े व रातें छोटी होने लगती हैं।इस समय उत्तरी गोलार्द्ध में ठीक विपरीत स्थिति देखी जाती है।
22 दिसंबर के उपरांत 21 मार्च तक सूर्य पुनः विषुवत रेखा की ओर उन्मुख होता है एवं दक्षिणी गोलार्द्ध में धीरे-धीरे ग्रीष्म ऋतु की समाप्ति हो जाती है।
दिनों के छोट-बड़े होने का कारण पृथ्वी का अपने अक्ष पर झुकाव है। पृथ्वी अपने कक्षीय तल पर 23.5° के कोण पर झुकी हुई है। पृथ्वी का आकार भू-आभ (Geoid) होने के कारण इसके आधे भाग पर सूर्य का प्रकाश पड़ता है अतः आधे भाग भर दिन रहता है, जबकि शेष आधे भाग पर उस समय प्रकाश नहीं पहुँचता है इसलिये आधे भाग पर रात रहती है। पृथ्वी का झुकाव विभिन्न मौसमों के लिये भी उत्तरदायी है। यह घटना वर्ष में उत्तरी से दक्षिणी गोलार्द्ध तक सूर्य की गति और इसके विपरीत वर्ष में मौसमी बदलाव का कारण है।
# शीत_अयनांत
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