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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

"गलतियाँ जिनकी वजह से असफल होते हैं हम"



👉1.गलत शुरुआत: अक्सर जब तैयारी के क्षेत्र में आते हैं तो जोश इतना होता है कि बिना कुछ जाने और समझे बस जुट जाते हैं तैयारी में।लेकिन वो सिर्फ आपका जोश है और आपको जोश के साथ दृढ़ संकल्प,दृढ़ इच्छाशक्ति,अटूट विश्वास,मानसिक रूप से हार को सहन करने की शक्ति की भी आवश्यकता होती है।आपका पहला कदम परीक्षा के बारे में सम्पूर्ण जानकारी,सिलेबस की सम्पूर्ण जानकारी लेना होना चाहिए।
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👉2.गलत माध्यम का चयन: हिंदी भाषी या अन्य क्षेत्रीय भाषाओं से तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के मन मे ऐसी धारणा बन चुकी है कि अगर सिलेक्शन होगा तो सिर्फ अंग्रेजी विषय से इसलिए अंग्रेजी विषय का चयन करें।खैर ये बात सच है कि सफल विद्यार्थियों में सर्वाधिक प्रतिशत अंग्रेजी भाषा रखने वालों का है लेकिन हिंदी भाषा से चयन कम होने के बहुत सारे कारण हैं।आप उस भाषा का चयन करें जिस भाषा मे आप अच्छा लिख सकते हैं।क्योंकिं मुख्य परीक्षा में अंक भाषा के चुनाव से नहीं आपके उत्तर लेखन से मिलते हैं।
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👉3.गलत वैकल्पिक विषय का चयन: अक्सर देखा है कि लोग अपने वैकल्पिक विषय का चयन पिछले वर्षों में उस विषय के कितने अभ्यर्थी सफल हुए उनकी संख्या को देख कर करते हैं जो कि सबसे बड़ी गलती है विषय का चयन अपनी रुचि के हिसाब से करें जिस विषय मे आप सहज महसूस करें और अपने प्राप्त ज्ञान को परीक्षा में बेहतर तरीके से लिख सकें उस विषय का चयन करें।
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👉4.गलत मार्गदर्शन : गलत मार्गदर्शन आपके जीवन के कुछ बहुमूल्य वर्षों का विनाश कर सकता है।इसलिए हर किसी के अंधभक्त ना बने और अपनी बुद्धि विवेक का भी अनुशरण करें।ये सही है कि एक सफल व्यक्ति आपको सफलता के लिए दिशा बताएगा लेकिन एक असफल व्यक्ति आपको उन गलतियों को बताएगा जिनका वो साक्षी रहा है।और ये दोनों बातें जानना आपके लिए जरूरी है।
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👉5.गलत अध्ययन सामग्री: तैयारी में आते ही लोग इस मायाजाल में उलझ जाते हैं और 100% सफलता की गारंटी देनी वाली किताबें,चमत्कारी नोट्स इत्यादि इत्यादि खरीद कर अपनी रैक सजाने लग जाते हैं।जबकि आपको NCERT के साथ प्रत्येक विषय से 2-3 अपेक्षित किताबें और 2-3 मासिक पत्रिकाएं पूर्व वर्ष के हल प्रश्न पत्र चाहिए होती हैं परीक्षा के निकट टेस्ट सीरीज जॉइन करनी चाहिए या हल करनी चाहिए।नोट्स के पीछे की दीवानगी भूल जाओ अगर परीक्षा पास करनी है तो। किसी भी 1 या 2 कोचिंग के नोट्स और किसी अनुभवी अभ्यर्थी के ऐसे नोट्स जो upsc का पूरा सिलेबस कवर करते हैं और आपकी समझ मे आ रहे हैं काफी हैं।
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👉6.गलत रणनीति: बहुत से लोग कोई भी रणनीति नही बनाते या फिर गलत बना लेते हैं लोगों से पता करके या फिर इंटरनेट की सहायता से सभी अच्छे अच्छे लेखकों की किताबें ले लेते हैं और बस लग जाते हैं ऐसा नहीं करना चाहिए। हमे करना चाहिए कि सबसे पहले NCERT की वो सभी किताबें खरीदें जो आवश्यक हैं और सबसे पहले वो पढ़ें कम से कम 2-3 बार साथ मे पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र पर नज़र डालते रहें।जब आपका बेसिक मजबूत हो जाये फिर उठाएं सभी रेफरेंस किताबों को।
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👉7.पढ़ने का गलत तरीका: बहुत मित्रों को देखा है जो बस दिन रात पढ़ने में लगे रहते हैं लेकिन फिर भी किसी भी परीक्षा का प्रीलिम पेपर तक पास नही हो पाता। हम कितने घंटे पढ़ रहे हैं ये मायने नहीं रखता।हम क्या पढ़ रहे हैं और कैसे पढ़ रहे हैं ये मायने रखता है।आप एक बार मे 2 विषय उठाइये और दिन में जितने घंटे पढ़ते हैं उनको 2-2 घंटे के स्लॉट्स में बांटिए। जैसे कि आप 8 घंटे पढ़ते हैं तो इसको 4 भागों में बांट लीजिये और 2 घण्टे का एक स्लॉट समसामयिकी,न्यूज़पेपर,कंटेम्प्रेरी इस्यू आदि को दीजिये और 2 घंटे का समय अपनी वैकल्पिक विषय को दीजिये। बाकी 2-2 घंटे के 2 स्लॉट्स 2 विषय जो आपको पढ़नी हैं उनको दीजिये और हर 2 घंटे की पढ़ाई के बाद थोड़ा दिमाग को आराम दीजिये।
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👉8.निरंतरता की कमी: अक्सर जब हम जोश में होते हैं तो निरंतर 10-12 या अधिक घण्टे पढ़ाई करते हैं लेकिन बीच बीच मे 5-10 दिन का गैप कर लेते हैं जो कि गलत है।आप अपना रोजाना का एक दिनचर्या बनाइये। अगर जॉब करने वाले हैं तो उसके हिसाब से या फिर सिर्फ तैयारी करने वाले हैं तो वो भी उसके हिसाब से बनाएं और दृढ़ता से अनुशरण करें।
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👉9.सोशल जीवन का त्याग: ये सही है कि यदि आपको अपना अधिकतम समय पढ़ाई को देना है तो सोशल जीवन से थोड़ा दूरी बना लेने में ही भलाई है लेकिन पूरी तरह से मित्र और परिवार से दूर मत होइए।क्योंकि जब अकेलापन महसूस होगा तो आप डिप्रेशन में चले जायँगे वो ज्यादा खतरनाक स्थिति होगी।इसलिए पढ़ाई और समाज के बीच संतुलन बनाये रखिये।
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👉10.अपने शौक,खुशियों और व्यक्तित्व का त्याग: ये सोचना गलत होगा कि हमे सफल होना है तो हमारी जिंदगी में मौज मस्ती की कोई जगह नहीं।जबकि होना ये चाहिए कि आप थोड़ा घूमिये फिरिये,मनोरंजन कीजिये,गाना बजाना या फिर कोई खेल जो आपके शौक हैं सब कीजिये लेकिन एक सीमा के अंदर रहकर।सप्ताह में एक दिन या 2 सप्ताह में एक दिन कुछ घंटे आप खुद की खुशियों को भी दीजिये।जब हमारा मन खुश रहता है और दिमाग शांत रहता है तो हमारे दिमाग की क्षमता का हम पूर्ण इस्तेमाल कर सकते हैं।यही कारण है कि पढ़ाई के साथ मौज मस्ती और खुश रहने वाले लोग जल्दी सफल होते हैं।हम गधे नहीं हैं जो बस एक ही काम करना है।
स्मार्ट स्टडी करिये और पढ़ाई को एन्जॉय करिये।

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