► ध्वनि :- ध्वनि तरंगे अनुदैर्ध्य तरंगे (Longitudinal wave) होती है |
→ तरंग 2 प्रकार की होती है-
• यांत्रिक तरंगे (Mechanical waves)
• अयांत्रिक तरंगे (Non-Mechanical waves)
► यांत्रिक तरंगे - यह तरंगे वह होती है जिन्हे संचरण करने के लिए माध्यम की जरूरत होती है |
→ यह 2 प्रकार की होती है -
1) अनुप्रस्थ तरंग (Transverse waves)
2) अनुदैर्ध्य तरंग (Longitudinal wave)
→ अब हम समझते है की इनकी Properties मे क्या Diffrence है -
♦ अनुप्रस्थ तरंग (Transverse waves) क्या होती है ?
Suppose करते है कोई तरंग है वह एक माध्यम मे जा रही है तो इस माध्यम मे जो कणो का Movement लंभवत हो रहा है एसी Wave को हम अनुप्रस्थ तरंगे कहेंगे |
► यह ठोसों मे और द्रव की सतह पर संचारित हो सकती है |
► अनुदैर्ध्य तरंग (Longitudinal wave) क्या होती है ?
→ Suppose करते है कोई तरंग है वह एक माध्यम मे जा रही है अब इस माध्यम मे जो कण आवृत्ति के समानान्तर Movement कर रहे है तो उसे हम अनुदैर्ध्य तरंग(Longitudinal wave) कहते है |
► अनुदैर्ध्य तरंग (Longitudinal wave) ठोस द्रव गैसों मेउत्पन्न हो सकती है |
► अयांत्रिक तरंगे – इनको संचरण करने के लिए माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है |
जैसे – प्रकाश तरंगे रेडियो तरंगे |
► ध्वनि की उत्पत्ति :- वस्तुओ में कम्पन्न से होती है |
► V Imp Point:
• ध्वनि किसी भी माध्यम में गमन कर सकती है |
• लेकिन निर्वात (Vacuum) में गमन नहीं कर सकती है | क्योकि यह यांत्रिक तरंग के अंदर आती है |
► आवृति(frequency) के आधार पर तरंगो को 3 भाग मेंबाटा गया ->
• कोई इंसान वही तरंग को सुन सकता है जिसकी आवृत्ति 20Hz से 20,000 Hz तक होती है |
• इसके अलावा जो 0Hz से 20Hz तक की Wave और 20,000 से ऊपर तक की Wave को भी इंसान नहीं सुन सकते है |
► 0Hz से 20Hz की Wave को Infrasonic Waveबोला जाता है |
• 20Hz से 20,000 Hz तक की आवृत्ति जिसे मनुष्य सुन सकता है Audible Wave बोला गया है |
► 20,000Hz से उससे ऊपर तक की आवृत्ति को Ultrasonic Wave बोला गया है |
► ध्वनि की चाल - ठोस > द्रव > गैस मे होती है |
► Imp Point :-
• अगर कोई Wave है उस Wave को हम एक Midium से दूसरे Midium मे भेजते है तो उसकी Properties मे क्या-क्या Change आयेगा हम ये समझते है |
• मान लेते है एक माध्यम है और दूसरा माध्यम है पहला वाला ठोस है और दूसरा वाला गैस तो एक माध्यम से दूसरे माध्यम मे Wave जा रही उसकी आवृत्ति मे कोई भी परिवर्तन नहीं होगा |
• आवृति – No Change
• इनकी तरंगदैर्य बदल जाती है |
► ध्वनि की चाल पर भौतिक राशियों (दाब, ताप ) का प्रभाव :-
→ दाब :- सामान ताप पर गेसो में ध्वनि की चाल पर दाब को बढ़ाने पर ध्वनि की चाल मे कोई भी परिवर्तन नहीं होगा |
► ताप :- माध्यम का ताप बढ़ाने पर ध्वनि की चाल भी बढ़ेगी |
► ध्वनि के लक्षण -
1) तीव्रता(Intensity) - ध्वनि तीव्र सुनाई देना
• ध्वनि की तीव्रता मात्रक - डेसीबेल
2) तारत्व(Pitch) - ध्वनि का मोटा या तीक्ष्ण होना |
• तारत्व ध्वनि की आवृति पर निर्भर करता है आवृति ज्यादा मतलब ध्वनि का तारत्व ज्यादा |
► डाप्लर प्रभाव :- श्रोता और स्त्रोत के बिच आपेक्षित गति है तो आवृति बदलती प्रतीत होती है |
Note:- सोनार (Sonar) एक तकनीक है जिसमे नौचालन जल के अन्दर या सतह पर वस्तुओं का पता करने के लिये ध्वनि संचरण का उपयोग करती है |
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