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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

कामायनी ।।

सर्ग 15 (मंगला प्रसाद पारितोषिक से पुरस्कृत कृति )

1.चिंता 
2.आशा
3. श्रद्धा
4. काम
5.वासना
6.लज्जा
7.कर्म
8.ईर्ष्या
9.ईडा
10.स्वप्न
11. संघर्ष
12.निर्वेद
13.दर्शन
14.रहस्य
15.आनंद
कामायनी का चिंता सर्ग 1928 ई में सुधा पत्रिका में प्रकाशित हुआ था। कामायनी के अंतिम चार सर्गो पर शैवागम दर्शन का प्रभाव है।

👉👉कामायनी का अंगीरस - शांत रस
😇 कायमनी का मुख्य छंद --- तांटक
😄 चिंता , आशा, स्वप्न, निर्वेद, सर्गो मे - आल्हा छंद
😊 रहस्य , इड़ा, श्रद्धा, लज्जा,सर्गो में - लावनी छंद
😊संघर्ष सर्ग में--रोला छंद
😊 आनंद सर्ग मे --- सखी छंद
😊 वासना सर्ग में --- रूप माला छंद
👉 कामायनी का दर्शन -- शैव दर्शन / समरसता या आनंद वाद / प्रत्यभिज्ञा दर्शन 
👉कामायनी की पूर्व पीठिका-- प्रेमपथिक
👉 कामायनी की श्रद्धा का पूर्व संस्करण -- उर्वशी
👉कामायनी महाकाव्य का हृदय--- लज्जा सर्ग

 👉👉 कामायनी की प्रतीक योजना💐💐
 
 1.मनु --मन का 
 2.श्रद्धा ------ ह्र्दय की
 3.ईडा ------ बुद्धि की
4.कुमार --- मानव का 
5.आकुलि किरात -- आसुरी शक्ति 

कामायनी पर प्रसिद्ध पुस्तकें👍👍
1, कामायनी एक पुनर्विचार ---मुक्तिबोध
2, कामायनी अध्ययन की समस्याएं -- डॉ नगेन्द्र
3, कामायनी : मूल्यांकन और मूल्यांकन -- इन्द्रानाथ मदान
4, कामायनी एक पुनर्मूल्यांकन --रामस्वरूप चतुर्वेदी

💐💐💐
कामायनी महाकाव्य के विषय मे महत्वपूर्ण उक्तियाँ👉👉
👉 कामायनी छायावाद का उपनिषद - शांतिप्रिय द्विवेदी
👉 रहस्यवाद का पहला महाकाव्य - सूर्य कांत त्रिपाठी निराला
👉 कामायनी मानवता का रसात्मक इतिहास - नन्द दुलारे वाजपेयी
👉 मानव चेतना के विकास का महाकाव्य - डॉ नगेन्द्र
👉 कामायनी एक आर्ष महाकाव्य - डॉ नगेन्द्र
👉 कामायनी एक रूपक महाकाव्य है - डॉ नगेन्द्र
👉 आधुनिक सभ्यता का प्रतिनिधि काव्य - डॉ नामवर सिंह
👉 कामायनी फैंटेसी है - मुक्तिबोध
👉 कामायनी एक असफल कृति है - डॉ इंद्रनाथ मादान
👉 कामायनी नए युग का प्रतिनिधि काव्य है - नन्द दुलारे वाजपई
👉 कामायनी ताज महल के समान है - सुमित्रानन्दन पंत
👉 कामायनी समग्रतः मे समासोकित का विधान लक्षित करती है - डॉ नगेन्द्र
👉 कामायनी विश्व साहित्य का आठवां महाकाव्य है - श्याम नारायण पाण्डेय
👉 कामायनी दोषरहित दोषण सहित रचना है- रामधारी सिंह दिनकर
👉 कामायनी आधुनिक हिंदी साहित्य का सर्वोत्तम् महाकाव्य है - हरदेव बाहरी
👉 कामायनी मधुर रस से स्कित महाकाव्य है - राम रतन भटनागर
👉 कामायनी विराट सामन्जस्य की सनातन गाथा है - विश्वभर मानव
👉 कामायनी का कवि दूसरी श्रेणी का कवि है- हजारी प्रसाद द्विवेदी
👉 कामायनी को कम्पोजिशन की संज्ञा दी - राम स्वरूप चतुर्वेदी
👉 कामायनी अधुनिक समीक्षक और रचनाकार दोनों के लिए परीक्षा स्थल है - राम।स्वरूप चतुर्वेदी
👉 कामायनी जीवन की पुनर्रचना है - मुक्तिबोध

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