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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

प्राचीन इतिहास - सामवेद से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य ।।

✍️ सामवेद को भारतीय संगीत का मूल ग्रंथ माना जाता है।

✍️ सामवेद के प्रथम दृष्टा या आद्य आचार्य जैमिनीय थे वहीं सुकर्मा ने कालान्तर में सामवेद का विस्तार किया।

✍️ इसमें कुल मंत्रों की संख्या 1869' है, लेकिन कुछ मन्त्र एकाधिक बार आये हैं यदि इन्हें निकाल दे तो अब कुल मंत्रों की संख्या 1549 होगी। इनमें से भी 1474 मंत्र ऋग्वेद से लिये गये हैं। इसी कारण सामवेद को ऋग्वेद से अभिन्न माना जाता है।

✍️ यह भारतीय संगीत शास्त्र पर प्राचीनतम ग्रन्थ है।

✍️ इसका पाठ करने वाला पुरोहित उदगातृ कहलाता है।

✍️ सामवेद के प्रथम दृष्टा वेदव्यास के शिष्य जैमिनी को माना जाता है।

✍️ सामवेद से सर्वप्रथम 7 स्वरों ( सा, रे , गा, मा.....) की जानकारी प्राप्त होती है।

✍️ सामवेद का उपवेद ‘गन्धर्ववेद’कहलाता है। 

Ancient History - Important Facts related to SAMVEDA

✍️ Samaveda is considered to be the basic text of Indian music.

✍️ Samveda's prima facie or Adya Acharya was Gemini, while Sukarma expanded the Samaveda over a period of time.

✍️ The total number of mantras in it is 1869 ', but some mantras have come multiple times, if removed, then the total number of mantras will be 1549. Of these, 1474 mantras have been taken from the Rigveda. That is why the Samaveda is considered integral to the Rigveda.

✍️ It is the oldest text on Indian musicology.

✍️ The priest who recites it is called ‘Udgatra’.

✍️ Jaimini, a disciple of the Vedavyasa, is considered the prima facie compiler of the Samaveda, 

✍️ First information about 7 tones (Sa, Re, Ga, Ma .....) has been obtained from Samaveda.

✍️ The Upveda of Samaveda is called 'Gandharveda'.

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