• यजुर्वेद के दो भाग हैं – शुक्ल यजुर्वेद एवं कृष्ण यजुर्वेद।
• इसमें यज्ञ की विधियों / कर्मकाण्डों पर बल दिया गया है।
• इसका पाठ करने वाला अध्वर्यु कहलाता है।
• इसमें 40 मण्डल और 2000 मंत्र हैं।
• इसमें यज्ञ एवं यज्ञ बलि की विधियों का प्रतिपादन किया गया है।
• यजुर्वेद में हाथियों के पालने का उल्लेख है।
• यजुर्वेद में सर्वप्रथम राजसूय तथा वाजपेय यज्ञ का उल्लेख मिलता है।
Ancient History - Important Facts related to YAJURVEDA
• Yajurveda is believed to originate from Vayu. It is also called the Veda of speed or karma.
• Yajurveda has two parts - Shukla Yajurveda and Krishna Yajurveda.
• It emphasizes the rituals and various activities of Yajna.
• One who recites it is called ‘Adhvaryu’
• It has 40 mandalas and 2000 verses
• In this, the methods of yajnas and yajna sacrifices have been mentioned
• The cradle of elephants is mentioned in the Yajurveda.
• The first mention of Rajasuya and Vajpeya Yagya has been found in Yajurveda.
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