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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

मानव तस्करी किसे कहते हैं और इसके क्या कारण हैं?

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मानव तस्करी सबसे नवीनतम प्रकार का अपराध है. यह आधुनिक प्रकार का अपराध देश के लगभग हर हिस्से में बहुत तेजी से अपने पंख फैला रहा है. इस लेख में हमने इस अपराध की परिभाषा और विश्व में तेजी से इसके प्रसार के कारणों के बारे में बताया है.

#मानव_तस्करी_की_परिभाषा
संयुक्त राष्ट्र की परिभाषा के अनुसार; किसी व्यक्ति को बल प्रयोग कर, डराकर, धोखा देकर, हिंसा जैसे तरीकों से भर्ती, तस्करी या बंधक बना कर रखना मानव तस्करी के अंतर्गत आता है. इसमें पीड़ित व्यक्ति से देह व्यापार, घरेलू काम, गुलामी इत्यादि कार्य पीड़ित व्यक्ति की इच्छा के विरुद्ध कराये जाते हैं.
यहां मैं एक सामान्य गलत धारणा को स्पष्ट करना चाहूंगा; कुछ लोग सोचते हैं कि गैर कानूनी तरीकों से लोगों को किसी और देश की सीमा पार कराना ही मानव तस्करी होती है. नहीं; केवल किसी देश का बॉर्डर पार करना ही मानव तस्करी को परिभाषित नहीं करता है बल्कि इसमें अन्य गतिविधियाँ भी शामिल होतीं हैं.
बाल तस्करी के मामले में मानव तस्करी को परिभाषित करने के लिए किसी भी तरह की हिंसा या जबरदस्ती शामिल नहीं है. बस बच्चों को शोषणकारी परिस्थितियों में शामिल करना ही मानव तस्करी माना जाता है.

#मानव_तस्करी_के_मुख्य_उद्देश्य_हैं;
1. जबरन वेश्यावृत्ति करना
2. बंधक मजदूर बनाना / गुलामी कराना
3. जबरदस्ती भीख मांगना
4. जबरन आपराधिकता में शामिल करना
5. घरेलू गुलामी
6. जबरन शादी करना
7. जबरन अंग निकालना (जैसे किडनी, आँख, खून इत्यादि)
8. जबरदस्ती नशीली दवाओं की तस्करी

#मानव_तस्करी_के_पीछे_आम_कारण_हैं;
1. गरीबी से बचने के लिए
2. जीवन को बेहतर बनाने के लिए
3. अपने परिवारों का भरण पोषण करने के लिए
4. नौकरी पाने के लिए
5. कुछ लोग नौकरी, यात्रा और आवास की व्यवस्था करने और अन्य प्रकार के जेब खर्च करने के लिए उधार ले लेते हैं लेकिन जब उन्हें जॉब नहीं मिलती है तो ये लोग उधार देने वाले लोगों का आसानी से शिकार बन जाते हैं.
6. कुछ मामलों में तो तस्कर, लोगों के डाक्यूमेंट्स और अन्य जरूरी कागजात भी रख लेते हैं और जब तक उनका कर्ज नहीं चुकता हो जाता है तब तक ये लोग शोषण करते हैं.
#स्मगलिंग_और_ट्रैफिकिंग_में_अंतर
लोगों में एक आम धारणा है कि स्मगलिंग और ट्रैफिकिंग में कोई अंतर नहीं है. लेकिन यह सच नहीं है क्योंकि स्मगलिंग तब घटित होती है जब एक तय फीस के लिए लोगों को एक देश की सीमा के पार ले जाया है या कुछ चीजों जैसे सोना या ड्रग्स को भी किसी देश की सीमा में सप्लाई किया जाता है. यह पूरा काम हो जाने के बाद स्मगलिंग करने वाला व्यक्ति फ्री हो जाता है.
दूसरी ओर मानव तस्करी; बलात श्रम, शोषण और वेश्यावृत्ति आदि जैसे कार्यों के लिए व्यक्ति का मूवमेंट है. ट्रैफिकिंग में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार करने की आवश्यकता नहीं होती है. मानव तस्करी राष्ट्रीय स्तर पर या एक समुदाय के भीतर भी हो सकती है.

#मानव_तस्करी_के_बारे_में_तथ्य (संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स और अपराध और अन्य संस्थानों के अनुसार)
A. तस्करी के शिकार लोगों में 51% महिलाएं, 28% बच्चे और 21% पुरुष हैं.
B. सेक्स उद्योग में शोषित 72% महिलाएं हैं
C. पहचाने गए मानव तस्करों में 63% पुरुष और 37% महिलाएँ शामिल हैं.
D. 43% पीड़ित किसी देश की सीमाओं के भीतर ही घरेलू स्तर पर मानव तस्करी का शिकार बनते हैं.
E. अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक संगठन के अनुमान के अनुसार वैश्विक स्तर पर मानव तस्करी से 40.3 मिलियन लोग पीड़ित हैं.
F. अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक संगठन के अनुमान के अनुसार दुनिया में जबरन श्रम और मानव तस्करी का उद्योग $150 बिलियन का है.
G. भारत उन देशों में से है, जिनमें मानव तस्करी के शिकार लोगों की सबसे बड़ी संख्या है. एक अनुमान के अनुसार भारत में एक गरीब बच्ची को वेश्यावृत्ति में फंसाने में सिर्फ 48 घंटे लगते हैं.
उपरोक्त व्याख्या और तथ्यों से पता चलता है कि मानव तस्करी एक वैश्विक समस्या है. इसके फैलने का मूल कारण व्यापक गरीबी है. यदि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस अपराध को रोकना चाहता है तो सभी अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों को वैश्विक स्तर पर प्रभावित देशों के साथ सामूहिक रूप से मिलकर काम करने की आवश्यकता है.

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