आज का विषय :- शब्द भेद ।।

हिंदी भाषा में जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है उन शब्दों को चार भागों में विभाजित किया गया है।

🔰पहला :- उत्पत्ति के आधार पर :-

 इसके अंतर्गत हम शब्दों को इस आधार पर जानते हैं कि आखिर इन शब्दों की उत्पत्ति कहां से हुई है कुछ शब्द संस्कृत भाषा से हिंदी भाषा में समान रूप से लाए गए जिन्हें हमने तत्सम शब्द का , वहीं इसके अलावा कुछ शब्दों का प्रयोग हमने संस्कृत भाषा में कुछ बदलाव करके लाया गया जिन्हें हमने तद्भव शब्द का नाम दिया।कुछ शब्दों को आम बोलचाल की भाषा में जोड़ लिया गया जने देशज शब्द कहा गया इसके अलावा कुछ शब्द विदेशी भाषा से जोड़े गए जिन्हें हमने विदेशज शब्द कहा। और अन्य बच्चे शब्द कुछ इस प्रकार रहे जो पूरे विश्व में प्रचलित हैं जिनमें कुछ भी फेरबदल ना करके हमने हिंदी भाषा में जोड़ लिया उन्हें प्रचलित शब्द कहा गया।

🔰दूसरा :- रचना के आधार पर :- 

शब्दों की रचना किस प्रकार से की गई है इन्हें तीन भागों में बांटा गया है सबसे पहले रूढ़ शब्द होते हैं , यह वह शब्द होते हैं जिन्हें तोड़कर कोई अन्य शब्द नहीं बनाया जा सकता या फिर 2 शब्दों को जोड़कर रूढ़ शब्द नहीं बन सकते अर्थ यह हुआ यह मूल शब्द होते हैं। योगिक शब्द वह होते हैं जिन्हें हम दो से अधिक रूढ़ शब्दों को मिलाकर बनाते हैं। अंत में आते हैं योगरूढ़ शब्द ऐसे शब्द जो कोई विशेष अर्थ प्रदान करते हैं उन्हें योगरूढ़ कहते हैं।

🔰तीसरा :- प्रयोग के आधार पर :- 

इन्हें दो भागों में विभाजित किया गया है जिनमें सबसे पहला होता है विकारी शब्द , यह ऐसे शब्द होते हैं जिनमें लिंग वचन कारक के अनुसार परिवर्तन होता रहता है। इसके विपरीत अविकारी शब्द ऐसे होते हैं जन में कोई परिवर्तन नहीं होता।

🔰चौथा :- अर्थ के आधार पर :-

 एकार्थी शब्द वे शब्द होते हैं जिनका सिर्फ एक अर्थ होता है और अनेकार्थिक शब्द ऐसे शब्द होते हैं जिनके एक से अधिक अर्थ होते हैं। 

समानार्थी शब्द ऐसे शब्द होते हैं जो विभिन्न प्रकार से लिखे जाते हैं मगर उनका अर्थ समान होता है और अंत में आते हैं विपरीतार्थिक शब्द जिन्हें हम विलोम शब्द भी कहते हैं। 

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