❇️नागोबा जात्रा (Nagoba Jatara) एक आदिवासी त्योहार है जो तेलंगाना राज्य के आदिलाबाद ज़िले में मनाया जाता है।
🔰मुख्य बिंदु:-✅
❇️यह त्योहार पुष्य मास में शुरू होता है और 10 दिनों तक चलता है।
❇️ 10 दिनों तक चलने वाला यह त्योहार गोंड जनजाति के मेश्राम कुल (Mesram Clan) के लोगों द्वारा मनाया जाता है। यह मेश्राम कुल के लोगों द्वारा मनाया जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा जनजातीय कार्निवल है।
❇️ इस त्योहार पर मेश्राम कुल से संबंधित महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा और मध्य प्रदेश के आदिवासी लोग पूजा करते हैं।
❇️ आदिवासी पुजारियों द्वारा केसलपुर गाँव (आदिलाबाद) से 70 किमी. दूर गोदावरी नदी से लाए गए जल से नागोबा की मूर्ति पर जलाभिषेक करने के बाद 10 दिवसीय उत्सव शुरू होता है।
🔰 पारंपरिक परिधान:-✅
❇️इस उत्सव के दौरान आदिवासी लोग सफेद धोती-कुर्ता और पगड़ी तथा महिलाएँ पारंपरिक रंगीन नौ-वारी (मराठी साड़ी) पहनती हैं।
🔰गुसाड़ी नृत्य ( #Gusadi_Dance):-✅
❇️इस अवसर पर गोंड जनजाति के लोगों द्वारा गुसाड़ी नृत्य (Gusadi Dance) का आयोजन किया जाता है।
🔰नागोबा ( #Nagoba):-✅
❇️इस उत्सव के दौरान सभी गतिविधियों का केंद्र नाग देवता (नागोबा) का श्री शेक मंदिर है। यह मंदिर आदिवासी लोगों को समर्पित है।
🔰भेटिंग (Bheting) प्रथा:-✅
❇️भेटिंग ( #Bheting) इस उत्सव का एक अभिन्न अंग है जहाँ पहले जात्रा के दौरान नई दुल्हनों को कुल देवता से परिचय कराया जाता है।
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