❇️गेहूं की फसल को प्रभावित करने वाले पीला रतुआ (Yellow Rust) रोग के कारण पंजाब एवं हरियाणा में गेहूं की पैदावार घटने का अनुमान है।
🔰मुख्य बिंदु:-✅
❇️पीला रतुआ एक कवक रोग है जो पत्तियों को पीला कर देता है जिससे प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया बाधित होती है।
❇️यह रोग माग्नापोर्थ ओर्यज़े फंगस (Magnaporthe Oryzae Fungus) के कारण होता है और इसे वर्ष 1985 में ब्राज़ील में खोजा गया था।
❇️यह कवक गेहूँ की पत्तियों को प्रभावित करता है और इनके क्लोरोफिल को खाता है जिससे पौधे की वृद्धि प्रभावित होती है। माना जाता है इससे फसल उत्पादन में 20% तक गिरावट आ जाती है।
🔰पंजाब में गेहूँ की फसल की स्थिति:-✅
❇️कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि पिछले कुछ दिनों में पंजाब के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से लगभग 1.6-3.0 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया है। इससे गेहूँ (Wheat) की फसल पीला रतुआ रोग से प्रभावित हुई है।
❇️गेहूँ, रबी की फसल है। इसके लिये 50 सेमी. से 75 सेमी. तक वर्षा, आरंभ में 10-15 डिग्री सेल्सियस तथा बाद में 20-25 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है।
❇️ इस फसल को अक्तूबर के अंत से दिसंबर के बीच बोया जाता है जबकि इस फसल कटाई अप्रैल से शुरू हो जाती है।
❇️ गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान बढ़ने से कवकों के प्रसार में उल्लेखनीय रूप से वृद्धि हुई है।
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