Didymocarpus/Stoneflower
हाल ही में भारतीय एवं चीनी वैज्ञानिकों की एक टीम ने पूर्वोत्तर भारत व चीन के युन्नान (Yunnan) प्रांत में डिडायमोकॉर्पस (Didymocarpus) या स्टोनफ्लावर (Stoneflower) की एक नई प्रजाति ‘डिडायमोकॉर्पस सिनोइंडिकस’ (Didymocarpus Sinoindicus) की खोज की है।
प्रमुख बिंदु:
यह प्रजाति अक्सर नम चट्टानों एवं पत्थरों पर उगती है। और दक्षिण एशिया के वर्षा वनों में पाई जाती है।
स्टोनफ्लावर की चीन में 34 प्रजातियाँ और भारत लगभग 25 प्रजातियाँ पाई जाती हैं जिनमें से अधिकांश पूर्वोत्तर भारत में पाई जाती हैं।
गौरतलब है कि भारतीय एवं चीनी वैज्ञानिकों की टीम द्वारा खोजी गई ‘डिडायमोकॉर्पस सिनोइंडिकस’ को भारत में डिडायमोकॉर्पस जीनस की एक नई प्रजाति के रूप में दर्ज किया गया है।
हाल के वर्षों में खोजी गई ‘डिडायमोकॉर्पस’ जीनस की अन्य प्रमुख प्रजातियाँ:
डिडायमोकॉर्पस मोइल्लेरी (Didymocarpus Moelleri):
वर्ष 2016 में केरल के वैज्ञानिकों ने अरुणाचल प्रदेश में खोजी गई ‘डिडायमोकॉर्पस मोइल्लेरी’ (Didymocarpus Moelleri) का उल्लेख किया था जिसमें नारंगी रंग का फूल खिलता है और यह अरुणाचल प्रदेश में केवल एक ही स्थान पर पाई जाती है।
डिडायमोकॉर्पस भूटानिकस (Didymocarpus Bhutanicus):
फरवरी, 2020 में सिक्किम में पहली बार ‘भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (Botanical Survey of India)’ की एक टीम ने डिडायमोकॉर्पस भूटानिकस (Didymocarpus Bhutanicus) की खोज की थी जो पहले केवल भूटान में ही पाई जाती थी।
वर्ष 2019 में वैज्ञानिकों ने पहली बार लाओस में डिडायमोकॉर्पस जीनस की एक नई प्रजाति ‘डिडायमोकॉर्पस मिडिलटोनी’ (Didymocarpus Middletonii) को खोजा था इसके बाद वर्ष 2020 की शुरुआत में लाओस में ही ‘डिडायमोकॉर्पस अल्बिफ्लोरस’ (Didymocarpus Albiflorus) को भी खोजा गया जिसमें बर्फ जैसे सफेद फूल खिलते हैं।
‘डिडायमोकॉर्पस’ जीनस की चार प्रजातियों की पुनः खोज:
1. डिडायमोकॉर्पस एडेनोकॉर्पस (Didymocarpus Adenocarpus):
इस प्रजाति को 87 वर्षों बाद उत्तरी मिज़ोरम से पुनः खोजा गया है।
यह उत्तरी मिज़ोरम में उष्णकटिबंधीय नम सदाबहार वनों में आंशिक रूप से छायांकित क्षेत्रों में उगती है।
2. डिडायमोकॉर्पस पैरियोरम (Didymocarpus Parryorum):
इस प्रजाति को दक्षिण मिज़ोरम से पुनः खोजा गया है जिसमें छोटे, नारंगी फूल खिलते हैं।
इसे 90 वर्ष बाद पुनः खोजा गया है।
3. डिडायमोकॉर्पस लाइनिकैप्सा (Didymocarpus Lineicapsa):
इस प्रजाति को मिज़ोरम के मामित ज़िले से पुनः खोजा गया है।
4. डिडायमोकॉर्पस वेंगेरी (Didymocarpus Wengeri):
यह प्रजाति दक्षिण मिज़ोरम में सिर्फ दो स्थानों पर खड़ी ढाल के किनारों पर उगती है और IUCN दिशा-निर्देशों के आधार पर वैज्ञानिकों की टीम द्वारा इसे ‘गंभीर रूप से लुप्तप्राय’ श्रेणी में वर्गीकृत किया गया है।
0 comments:
Post a Comment
We love hearing from our Readers! Please keep comments respectful and on-topic.