जन्म भूमि- फ़ैज़ाबाद, उत्तर प्रदेश
मृत्यु -30 सितंबर 1994
संतान - पुत्र- अजित शंकर चौधरी, पुत्री- कीर्ति चौधरी
प्रसिद्धि - कवियित्री
काल- आधुनिक काल
युग- छायावादी युग
काव्यधारा- राष्ट्रीय चेतना प्रधान काव्य धारा के अन्तर्गत समष्टि चेतना प्रधान काव्य की कवियत्री
#रचनाएं:-
#कविता संकलन:-
विहाग (1940)
आशापर्व (1942)
बोलों के देवता (1945)
पंथिनी
#कहानी संग्रह:-
अचल सुहाग (1939)
वर्ष गाँठ (1942
#अन्य :-
प्रसारिका, कथा कुंज, फूलों के गहने, वैज्ञानिक बोधमाला, आंचल के फूल, आँगन के फूल, दादी का मटका।
#विशेष_तथ्य:-
- इन्होंने स्वाधीनता आंदोलन में सक्रिय योगदान दिया।
- इनके पुत्र अजीत कुमार सिन्हा एक प्रतिभा संपन्न लेखक थे।
-इनकी पुत्री कीर्ति चौधरी ने तार सप्तक की प्रसिद्ध कवियित्री के रूप में अपनी पहचान बनाई।
-सुमित्रा कुमारी सिन्हा आकाशवाणी लखनऊ से सम्बद्ध रहीं।
-इन्होंने बाल साहित्य के क्षेत्र में भी महत्त्वपूर्ण काम किया है।
नोट:- संकलन में कोई त्रुटि हो तो जरूर बताएं|
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