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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

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पर्यावरण पेडागॉजी (Environmental Pedagogy in Hindi)

“ राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा 2005 के अनुसार प्राथमिक स्तर पर पर्यावरण अध्ययन का उद्देश्य अवलोकन मापन और भविष्यवाणी करने के कौशलों का विकास करना है।” प्राथमिक स्तर पर पर्यावरण शिक्षा बच्चों की बहुत सारी खोज करने की प्रवृत्ति, कौशल एवं अवधारणाओं को विकसित करने के लिए आवश्यक है।  

० पर्यावरण अध्ययन अपने परिवेश के सामाजिक और बौद्धिक घटकों की  अंतः क्रियाओं का अध्ययन है।

~ इसके सामाजिक घटक :  संस्कृति, भाषा, मूल्य, दर्शन।
~ भौतिक घटक :  हवा, पानी, जंगल, खनिज इत्यादि।

० पर्यावरण अध्ययन की पाठ्य पुस्तकों में अभ्यास एवं गतिविधियों को इकाई के अंत में उपलब्ध  कराना चाहिए ।

० बच्चे अपने आसपास के परिवेश, माहौल आदि की चर्चा करते हैं एक पर्यावरण शिक्षक के रूप में आपको उनके दृष्टिकोण को स्वीकार करना चाहिए एवं उन्हें सम्मान देना चाहिए।

० पर्यावरण अध्ययन की कक्षा में छात्रों के वास्तविक जीवन को पाठ्य पुस्तक से जोड़कर शिक्षा प्रदान करना ही सबसे प्रभावशाली शिक्षा है उदाहरण के लिए- EVS  के पुस्तक में रेल टिकट की तस्वीर शामिल करके उसका वास्तविक सूचना देना।

० पाठ्य पुस्तक के माध्यम से प्राप्त ज्ञान बच्चों के अवलोकन से प्राप्त ज्ञान से उत्तम नहीं होना चाहिए।

० पर्यावरण अध्ययन की पाठ्य पुस्तकों में वर्ग पहेली को भी शामिल किया जाना चाहिए इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों में तर्ककात्मक क्षमता, रचनात्मक क्षमता एवं जिज्ञासु पन को विकसित करना है।

० पाठ्य पुस्तक में समझाया गया सबक या विषय छात्र द्वारा सर्वोत्तम आत्मसात तब किया जा सकता है ।

० पर्यावरण अध्ययन की कक्षा बारहवीं संसार से छात्रों को जोड़ने हेतु अनुभव को साझा करता है।

० जब भी अपने व्यक्तिगत अवलोकन के साथ इस प्रक्रिया से जुड़े हुए हो क्योंकि NCF-2005  मैं भी करके सीखने पर बल दिया गया है।

० पर्यावरण अध्ययन की शिक्षा शास्त्र के अच्छे ज्ञान से शिक्षक बच्चों को पर्यावरण शिक्षा को वास्तविक जीवन से जोड़कर शिक्षा दे सकता है  जो कि प्राथमिक स्तर पर पर्यावरण शिक्षा का मुख्य उद्देश्य है।

० एक शिक्षक के रूप में छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए छात्रों के अनुभवों को स्वीकार करने के साथ उनकी गलतियों को सुधारना चाहिए ।

० पर्यावरण अध्ययन का एक शिक्षक विषय शुरू करने से पहले छात्रों से एक सवाल पूछता है-  जो की शिक्षा नीति से संबंधित होता है जैसे ज्ञात- अज्ञात की ओर उस सवाल के माध्यम से  शिक्षक को छात्रों की पूर्व ज्ञान का पता चल जाता है और इससे विषय वस्तु के प्रति छात्रों में दिलचस्पी भी बह जाती है।

० प्राथमिक स्तर के पर्यावरण अध्ययन की पाठ्यपुस्तक में निम्न बातें शामिल की जानी चाहिए।

० कुछ ऐसी शिक्षण विधियां हैं जिन्हें प्राथमिक स्तर पर शामिल किया जाना चाहिए जैसे समग्र से आंशिक की ओर, सरल से जटिल तक, ज्ञात- अज्ञात की और आदि।

० पर्यावरण ऐसा विषय है, जो कि ऐसी अवधारणाओं से भरा हुआ है जो व्यावहारिक ज्ञान से ही बेहतर समझा जा सकता है।  पर्यावरण अध्ययन की शिक्षा के दौरान छात्रों के क्रियाशील रहने की आवश्यकता होती है।

बाल मनोविज्ञान ।।

प्रश्‍न 1- शिशु के मस्तिष्‍क का वजन होता है। 
उत्‍तर - 350ग्राम 

प्रश्‍न 2- वयस्‍क व्‍यक्ति के मस्तिष्‍क का वज hन होता है। 
उत्‍तर - 1400 ग्राम 

प्रश्‍न 3- दो बार आने वाले दॉंतों की संख्‍या है। 
उत्‍तर - 20 

प्रश्‍न 4- 'मनुष्‍य एक सामाजिक प्राणी है।' यह कथन किसका है- 
उत्‍तर - अरस्‍तू 

प्रश्‍न 5- बालक में सामाजीकरण का प्रारंभ किस अवस्‍था में होता है। 
उत्‍तर - शैशवावस्‍था में 

प्रश्‍न 6- बालक का सामाजीकरण किस अवस्‍था में पूर्ण हो जाता है। 
उत्‍तर - किशोरावस्‍था में 

प्रश्‍न 7- बालक की गिरोह की अवस्‍था किस अवस्‍था को कहा गया है। 
उत्‍तर - बाल्‍यावस्‍था को 

प्रश्‍न 8- बालक में नकारात्‍मक सोच किस अवस्‍था में उत्‍पन्‍न होती है। 
उत्‍तर - किशोरावस्‍था में 

प्रश्‍न 9- सामाजिक अधिगम का सिद्धांत किसने दिया। 
उत्‍तर - बंडूरा और बाल्‍टर ने 

प्रश्‍न 10- मनोसामाजिक िवकास का सिद्धांत किसने दिया। 
उत्‍तर - इरिक्‍सन 

प्रश्‍न 11- वर्तमान में िवद्यालय जाने की उम्र है। 
उत्‍तर - 3 वर्ष 

प्रश्‍न 12- औपचारिक शिक्षा प्रारंभ होने की उम्र है। 
उत्‍तर - 6 वर्ष 

प्रश्‍न 13- शर्म की अवस्‍था कहा जाता है। 
उत्‍तर - बाल्‍यावस्‍था को 

प्रश्‍न 14- अनुकरण की अवस्‍था कहा जाता है। 
उत्‍तर - शैशवावस्‍था को 

प्रश्‍न 15- स्‍वप्रेम की भावना किस अवस्‍था में होती है। 
उत्‍तर - शैशवावस्‍था में 

प्रश्‍न 16- सामाजिकता को मापने की िवधि है। 
उत्‍तर - शोस्‍योमेट्री 

प्रश्‍न 17- वाइन लैण्‍ड शोस्‍योमेट्री स्‍केल का निर्माण किसने किया। 
उत्‍तर - एडलर ने 

प्रश्‍न 18- 1 वर्ष में बालक का वजन जन्‍म के समय का हो जाता है। 
उत्‍तर - 3 गुना 

प्रश्‍न 19- 6 माह में बालक का वजन जन्‍म के समय का हो जाता है। 
उत्‍तर - 2 गुना 

प्रश्‍न 20- जन्‍म के समय बालक की लंबाई होती है। 
उत्‍तर - 20 इंच 

प्रश्‍न 21- बच्‍च्‍ो को सबसे पहले भाषा का ज्ञान कहा से होता है। 
उत्‍तर - अपने परिवार से । 
प्रश्‍न 22- छटवी कक्षा में पढने वाले बालक का शब्‍द भंण्‍डार लगभग कितना होता है। 
उत्‍तर - 50 हजार शब्‍दों तक । 

प्रश्‍न 23- 10 वी कक्षा में पढनें वाले बालक का शब्‍द भंण्‍डार लगभग कितना होता है। 
उत्‍तर - 80 हजार शब्‍दों तक । 

प्रश्‍न 24- लडका एवं लडकियों में से किसका शब्‍द भंण्‍डार अधिक होता है। 
उत्‍तर - लडकियों का शब्‍द भंण्‍डार अधिक होता है। 

प्रश्‍न 25- भाषा को सीखने के साधन कौन कौन से है। 
उत्‍तर - भाषा को सीखने के साधन निम्‍न है। 
1. अनुकरण के द्वारा (दोहराकर) 
2. खेल- खेल विधि द्वारा 
3. कहानी सुनकर 
4. वार्तालाप द्वारा 
5. प्रश्‍नोत्‍तर विधि से 

प्रश्‍न 26- लडकियॉ संकेतो द्वारा बात करना किस उम्र तक सीख जाती है। 
उत्‍तर - 6 वर्ष की उम्र तक । 

प्रश्‍न 27- भाषा के विकास को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से है। 
उत्‍तर - भाषा के विकास को प्रभावित करने वाले कारक निम्‍न है। 
1. लिंग 
2. बुद्धि 
3. स्‍वास्‍थ्‍य 
4. जनसंचार का माध्‍यम 
5. सम समूह का प्रभाव 
6. सामाजिक आर्थिक स्थिती 
7. पारिवारिक सम्‍बन्‍ध 
8. विद्यालय 
9. आसपडोस के वातावरण का प्रभाव 

प्रश्‍न 28- मनुष्‍य और पशु में मुख्‍य अन्‍तर क्‍या है। 
उत्‍तर - बुद्धि का । 

प्रश्‍न 29- बुद्धि को सबसे पहले किसने परिभाषित किया । 
उत्‍तर - बुद्धि को सबसे पहले परिभाषित यूनान के दार्शनिकों ने किया । 

प्रश्‍न 30- आधुनिक काल में सबसे पहले बुद्धि को किसने समझाया । 
उत्‍तर - अल्‍फ्रेड बिने ने 1904 में बताया । 

प्रश्‍न 31- ईर्ष्या् भावना कौन सी अवस्था में पैदा होती है। 
उत्‍तर - बाल अवस्था ! 
प्रश्‍न 32- स्व: प्रेम ( अपनी वस्तुओ से प्रेम) की अवस्था कौन सी होती है। 
उत्‍तर - शैशव अवस्था । 

प्रश्‍न 33- सामाजिकता नापने कि विधि ( स्केल ) कौन सी है । 
उत्‍तर - सोसियोमेंट्री ( समाजमिति ) 

प्रश्‍न 34- सोसियोमेंट्री स्केल का निर्माण किसने किया । 
उत्‍तर - डॉ. एडलर ने 

प्रश्‍न 35- डॉ. एडलर ने कितनी क्रियाओं के आधार पर सामाजिक परिपक्वता को नापा था। 
उत्‍तर - 117 सामाजिक क्रियाऐ बताई जो जन्म से लेकर किशोर अवस्था तक है। 

प्रश्‍न 36- बालक मानव ध्वनी व अन्य ध्वनी में अन्तर करना कब सीख जाता है। 
उत्‍तर - 1 माह में । 

प्रश्‍न 37- अर्न्तामुखी व बर्हिमुखी मे से सामाजिक‍ विकास किसका अधिक होता है। 
उत्‍तर - बर्हिमुखी का । 

प्रश्‍न 38- इरिक्सन ने अपने मनोसामाजिक सिद्धान्त मे जीवन काल को कितने अवस्था मे बांटा हैा 
उत्‍तर - 8 अवस्था में ।
                                 

डाल्टन योजना

अमरीका के डाल्टन नामक स्थान में 1912 से 1915 के बीच कुमारी हेलेन पार्खहर्स्ट्र ने शिक्षा की एक नई विधि प्रयुक्त की जिसे डाल्टन योजना कहते हैं। 

डाल्टन योजना

यह विधि कक्षाशिक्षण के दोषों को दूर करने के लिए आविष्कृत की गई थी।
डाल्टन योजना में कक्षाभवन का स्थान प्रयोगशाला ले लेती है। 

प्रत्येक विषय की एक प्रयोगशाला होती है, जिसमें उस विषय के अध्ययन के लिए पुस्तकें, चित्र, मानचित्र तथा अन्य सामग्री के अतिरिक्त सन्दर्भग्रंथ भी रहते हैं। 

विषय का विशेषज्ञ अध्यापक प्रयोगशाला में बैठकर छात्रों की सहायता करता है, उनके कार्यों की जाँच तथा संशोधन करता है। 
वर्ष भर का कार्य 9 या 10 भागों में बाँटक निर्धारित कार्य (असाइनमेंट) के रूप में प्रत्येक छात्र को लिखित दिया जाता है। छात्र उस निर्धारित कार्य को अपनी रुचि के अनुसार विभिन्न प्रयोगशालाओं में जाकर पूरा करता है। 

कार्य अन्वितियों में बँटा रहता है। जितनी अन्विति का कार्य पूरा हो जाता है उतनी का उल्लेख उसके रेखापत्र (ग्राफकार्ड) पर किया जाता है। 

एक मास का कार्य पूरा हो जाने पर ही दूसरे मास का निर्धारित कार्य दिया जाता है। इस प्रकार छात्र की उन्नति उसके किए हुए कार्य पर निर्भर रहती है। 

इस योजना में छात्रों को अपनी रुचि और सुविधा के अनुसार कार्य करने की छूट रहती है। मूल स्रोतों से अध्ययन करने के कारण उनमें स्वावलंबन भी आ जाता है। 

इस योजना के अनेक रूपांतर हुए जैसे- बटेविया, विनेटका आदि योजनाएँ। डेक्रौली योजना यद्यपि इससे पूर्व की है, फिर भी उसके सिद्धांतों में डाल्टन योजना के आधार पर परिवर्तन किए गए।

आगमन विधि 

आगमन विधि कक्षा शिक्षण की महत्वपूर्ण विधि है। 
इस विधि में विषयवस्तु के प्रस्तुतीकरण के दौरान सबसे पहले उदाहरण दिए जाते हैं तत्पश्चात सामान्य सिध्दांत का प्रस्तुतीकरण किया जाता है।

आगमन विधि की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं

1- उदाहरण से नियम  की ओर
2- स्थूल से सूक्ष्म की ओर
3- विशिष्ट से सामान्य की ओर
4- ज्ञात से अज्ञात की ओर
5- मूर्त से अमूर्त की ओर
6- प्रत्यक्ष से प्रमाण की ओर

आगमन विधि को प्राय: थकान वाली शिक्षण विधि माना जाता है क्योंकि इसमें शिक्षण प्रक्रिया काफी लम्बी होती है। 

आगमन विधि अरस्तू ने दी थी।

निगमन विधि

कक्षा शिक्षण में निगमन विधि का महत्वपूर्ण स्थान है  यह विधि विज्ञान व गणित शिक्षण के लिए अत्यंत उपयोगी है। 
निगमन विधि के प्रतिपादक अरस्तू हैं।

निगमन विधि की शिक्षण के दौरान प्रस्तुत विषयवस्तु  प्रमुख विशेषताएं निम्न प्रकार हैं
1- सूक्ष्म से स्थूल की ओर
2- सामान्य से विशिष्ट की ओर
3- अज्ञात से ज्ञात की ओर
4- प्रमाण से प्रत्यक्ष की ओर
5- अमूर्त से मूर्त की ओर

शिक्षण की निगमन विधि में शिक्षण प्रक्रिया सामान्य से विशिष्ट की ओर उन्मुख होती है॥ 

इस विधि में पाठ्यचर्या का क्रम  सूक्ष्म से स्थूल की ओर होता है। विषयवस्तु के प्रस्तुतीकरण का क्रम अमूर्त से मूर्त की तरफ होता है। कक्षा शिक्षण प्रमाण से प्रत्यक्ष की ओर होता है एवं विषयवस्तु की प्रकृति अज्ञात से ज्ञात की ओर होती है।

निगमन विधि को विज्ञान व गणित शिक्षण के लिए उपयोगी माना जाता है लेकिन कुछ विद्वान मानते हैं इस शिक्षण की इस विधि में विद्यार्थी रटने की प्रवृत्ति को ओर बढने लगते हैं जो शिक्षण अधिगम की गति को धीमी करता है।

आगमन निगमन विधि के जनक/प्रतिपादक अरस्तू हैं।

प्रोजेक्ट विधि

प्रोजेक्ट (योजना) विधि शिक्षण की नवीन विधि मानी जाती है। 
इसका विकास शिक्षा में सामाजिक प्रवृत्ति के फलस्वरूप हुआ। 
शिक्षा इस प्रकार दी जानी चाहिए जो जीवन को समर्थ बना सके। 
इसके प्रवर्तक जान ड्यूबी के शिष्य डब्ल्यू0एच0 किलपैट्रिक थे। 
यह विधि अनुभव केन्द्रित होती है। 
यह बालकों के समाजीकरण पर विशेष बल देती है।

योजना विधि में छात्रों के जीवन से संबंधित समस्याओं को वास्तविक रूप में प्रस्तुत किया जाता है। 
छात्र समस्या की अनुभूति करते हैं। समस्या समाधान की योजना तैयार की जाती है। 
इसके लिए अनेक सूचनाओं को एकत्रित किया जाता है। 
शिक्षक केवल निर्देशक / सुगमकर्ता का कार्य करता है। 
छात्र स्वंय विषय वस्तु सामग्री का अध्ययन करके समस्या का समाधान करते है।

प्रोजेक्ट पद्धति का महत्व-

- विद्यालय के वातावरण को रोचक बनाने हेतु

- शिक्षार्थी द्वारा सीखे हुए ज्ञान का दैनिक जीवन में उपयोग करने हेतु

- शिक्षार्थी को सक्रिय रखने तथा विद्यालय के कार्यों में रूचि लेने हेतु

- बालक की रूचियों, प्रवृत्तियों तथा आवश्यकताओं में सामंजस्य बिठाने हेतु

बाल मनोविज्ञान महत्वपर्ण प्रश्नोत्तरी।।

प्रश्‍न 1 – बुद्धि का संज्ञानात्‍मक सिद्धान्‍त किसने दिया ।
उत्‍तर – जीनप्‍याजे ने ।

प्रश्‍न 2 – बुद्धि का संवेगात्‍मक विकास का सिद्धान्‍त किसने दिया ।
उत्‍तर – गोलमैन ने ।

प्रश्‍न 3 – बुद्धि का संरचना सिद्धान्‍त किसने दिया ।  
उत्‍तर – आइजेन्‍क ने ।

प्रश्‍न 4 – बुद्धि का पदानुकृत संरचना सिद्धान्‍त किसने दिया ।  
उत्‍तर – फिलिप बर्नन ने ।

प्रश्‍न 5 – बुद्धि का एकीकृत संरचना सिद्धान्‍त किसने दिया ।  
उत्‍तर – J.P. गिलफोर्ड ने ।

प्रश्‍न 6 – बुद्धि का त्रिक – बिन्‍दु सिद्धान्‍त किसने दिया ।  
उत्‍तर – स्‍टर्न वर्ग ने ।
इन्‍होंनं बुद्धि को तीन भागों मे बांटा ।
1. विशलेषणत्‍मक बुद्धि 
2. व्‍यवहारिक बुद्धि
3. सृजानात्‍मक बुद्धि

प्रश्‍न 7 – जीनप्‍याजे  के  अनुसार  बुद्धि क्‍या  है।
उत्‍तर – जीनप्‍याजे के अनुसार बुद्धि वातावरण के साथ अनुकूलन करने की प्रक्रिया है।

प्रश्‍न 8 – अल्‍फ्रेड बिने के अनुसार बुद्धि के प्रकार बताईये ।  
उत्‍तर – अल्‍फ्रेड बिने के अनुसार बुद्धि चार शब्‍दों से मिलकर बनी है।
1. ज्ञान                    
2. अविष्‍कार
3. निर्देश                        
4. आलोचना

प्रश्‍न 9 – टर्मन के अनुसार बुद्धि की क्‍या परिभाषा है।  
उत्‍तर – टर्मन के अनुसार –
बुद्धि अमूर्त विचारों के बारे में सोचने की योग्‍यता है।

प्रश्‍न 10 – बुडवर्थ के अनुसार बुद्धि की क्‍या परिभाषा है।  
उत्‍तर – बुडवर्थ के अनुसार –
बुद्धि कार्य करने की एक विधि है।

प्रश्‍न 11 – स्‍टर्न के अनुसार बुद्धि की क्‍या परिभाषा है।  
उत्‍तर – स्‍टर्न के अनुसार –
बुद्धि एक सामान्‍य योग्‍यता है। जिसके द्वारा व्‍यक्ति नई परिस्थितियों के साथ समायोजन करता है।

प्रश्‍न 12 – बकिन्‍घम के अनुसार बुद्धि की क्‍या परिभाषा है।  
उत्‍तर – बकिन्‍घम के अनुसार –
सीखने की शक्ति ही बुद्धि है।

प्रश्‍न 13 – वैसलर के अनुसार बुद्धि की क्‍या परिभाषा है।  
उत्‍तर – वैसलर के अनुसार –
बुद्धि किसी कार्य को करने की , तार्किक चिन्‍तन करने की , वातावरण के साथ समायोजन करने की सामूहिक योग्‍यता होती है।

प्रश्‍न 14 – स्‍पीयर मैन के अनुसार बुद्धि की क्‍या परिभाषा है।  
उत्‍तर – स्‍पीयर मैन के अनुसार –
बुद्धि तार्किक चिन्‍तन करने की योग्‍यता है।

प्रश्‍न 15 – सामान्‍यत: बुद्धि कितने प्रकार की है।   
उत्‍तर – सामान्‍यत: बु‍द्धि तीन प्रकार की होती है।
1. अमूर्त बुद्धि                    
2. मूर्त बुद्धि  ( यांन्त्रिक बुद्धि )
3. सामाजिक बुद्धि

प्रश्‍न 16 – अमूर्त बु‍द्धि सामान्‍यत: किन व्‍यक्तियों में पाई जाती है।  
उत्‍तर – अमूर्त बुद्धि सामान्‍यत: -
1. शिक्षक
2. लेखक
3. कलाकार
4. वैज्ञानिक   एवं आदि व्‍यक्तियों में ।

प्रश्‍न 17 – यांत्रिक बुद्धि या स्‍थूल बुद्धि किसे कहा जाता है।   
उत्‍तर – मूर्त बुद्धि को ।

प्रश्‍न 18 – मूर्त बुद्धि किन व्‍यक्तियों में पाई जाती है।
उत्‍तर – मूर्त बुद्धि निम्‍न व्‍यक्तियों में पाई जाती है –
1. इंजीनियर                  
2. फॉरमैन              
3. कम्‍प्‍यूटर आपरेटर  आदि
4. मैकेनिक
5. इलैक्‍ट्रीशियन

प्रश्‍न 19 – सामाजिक बुद्धि किन लोगो में पई जाती है।
उत्‍तर – सामाजिक बुद्धि निम्‍न लोगो में पाई जाती है। -
1. सामाज सेवक          
2. बीमा का ऐजेन्‍ट
3. नेताजी
4. पंडित जी

प्रश्‍न 20 – एक कारक सिद्धान्‍त को और किस नाम से जाना जाता है।
उत्‍तर – एक कारक सिद्धान्‍त को राज‍कीय सिद्धान्‍त के नाम से जाना जाता है।

प्रश्‍न 22 – बुद्धि का सबसे पुराना सिद्धान्‍त कौन सा है।
उत्‍तर – बुद्धि का सबसे पुराना सिद्धान्‍त एक कारक सिद्धान्‍त है।

प्रश्‍न 22 – बुद्धि का द्विकारक सिद्धान्‍त किसने दिया।
उत्‍तर – स्‍पीयर मैन ने दिया।

प्रश्‍न 23 – स्‍पीयर मैन कहॉं के निवासी थे।  
उत्‍तर – स्‍पीयर मैन फ्रांस के निवासी थे।

प्रश्‍न 24 – स्‍पीयर मैन पहले किस विषय के प्रोफेसर थे।
उत्‍तर – स्‍पीयर मैन पहले संख्‍यकी विषय के प्रोफेसर थे बाद में मनोविज्ञान के प्रोफेसर बने।

प्रश्‍न 25 – स्‍पीयर मैन ने बुद्धि का सम्‍बन्‍ध किस से बताया है।
उत्‍तर – स्‍पीयर मैन ने बुद्धि का सम्‍बन्‍ध चिन्‍तन से बताया है।
                                                     
प्रश्‍न 26 – पियाजे के अनुसार निम्‍नलिखित में से कौन सी अवस्‍था है जिसमें बच्‍चा अमूर्त संकल्‍पनाओं के विषय में तार्किक चिंतन करना आरंभ करता है।
उत्‍तर – औपचारिक संक्रियात्‍मक अवस्‍था

प्रश्‍न 27 – बच्‍चों में बौद्धिक विकास की चार विशिष्‍ट अवस्‍थाओं की पहचान की गई।
उत्‍तर – पियाजे द्वारा

प्रश्‍न 28 – ‘’विकास कभी न समाप्‍त होने वाली प्रक्रिया है’’ यह विचार किससे संबंधित है।
उत्‍तर – निरन्‍तरता का सिद्धांत

प्रश्‍न 29 – वह अवस्‍था जब बच्‍चा तार्किक रूप से वस्‍तुओं व घटनाओं के विषय में चिंतन प्रारंभ करता है।
उत्‍तर – मूर्त संक्रियात्‍मक अवस्‍था

प्रश्‍न 30 – किस अवस्‍था मे बच्‍चे अपने समवयस्‍क समूह के सक्रिय सदस्‍य हो जाते है।
उत्‍तर – किशोरावस्‍था

प्रश्‍न 31 – बच्‍चे के संज्ञानात्‍मक विकास को सबसे अच्‍छे तरीके से कहॉ परिभाषित किया जा सकता है।
उत्‍तर – विद्यालय एवं कक्षा में

प्रश्‍न 32 – पियाजे के अनुसार बौद्धिक विकास का निर्धारक तत्‍व नही है।
उत्‍तर – सामाजिक संचरण

प्रश्‍न 33 – बालकों की सोच अमूर्तता की अपेक्षा मूर्त अनुभवों एवं प्रत्‍ययों से होती है। यह अवस्‍था है।
उत्‍तर – 7 से 12 वर्ष तक

प्रश्‍न 34 – संवेदी पेशीय अवस्‍था होती है।
उत्‍तर – 0 - 2 वर्ष तक

प्रश्‍न 35 – एक 13 वर्षीय बालक बात-बात में अपने बड़ों से झगड़ा करने लगता है और हमेशा स्‍वयं को सही साबित करने की कोशिश करता है वह विकास की कौन सी अवस्‍था है।
उत्‍तर – किशोरावस्‍था

प्रश्‍न 36 – ‘खिलौनों की आयु कहा जाता है।‘
उत्‍तर – पूर्व बाल्‍यावस्‍था को

प्रश्‍न 37 – उत्‍तर बाल्‍यावस्‍था में बालक भौतिक वस्‍तुओं के किस आवश्‍यक तत्‍व में परिवर्तन समझने लगता है।
उत्‍तर – द्रव्‍यमान,  संख्‍या और क्षेत्र

प्रश्‍न 38 – दूसरे वर्ष के अंत तक शिशु का शब्‍द भंडार हो जाता है।
उत्‍तर – 100 शब्‍द

प्रश्‍न 39 – शर्म तथा गर्व जैसी भावना का विकास किस अवस्‍था में होता है।
उत्‍तर – बाल्‍यावस्‍था

प्रश्‍न 40 – मैक्‍डूगल के अनुसार मूल प्रवृति ‘जिज्ञासा’ का संबंध कौन संवेग से है।
उत्‍तर – आश्चर्य

प्रश्‍न 41 – शैशवावस्‍था की मुख्‍य विशेषता नही है।
उत्‍तर – चिन्‍तन प्रक्रिया

प्रश्‍न 42 – किसी विद्यार्थी कह सबसे महत्‍वपूर्ण विशेषता है।
उत्‍तर – आज्ञाकारिता

प्रश्‍न 43 – मानवीय मूल्‍यों, जो प्रकृति में सार्वत्रिक हैं, के विकास का अर्थ है-
उत्‍तर – अभिव्‍यक्ति

प्रश्‍न 44 – किस स्‍तर के बच्‍चे अपने समकक्षी वर्ग के सक्रिय सदस्‍य बन जाते है।
उत्‍तर – किशोरावस्‍था

प्रश्‍न 45 – विकास शुरू होता है।
उत्‍तर – प्रसवपूर्ण अवस्‍था से

प्रश्‍न 46 – बहुविध बुद्धि सिद्धांत के अनुसार सभी प्रकार के पशुओं, खनिजों और पेड़-पौधों को पहचाने और वर्गीकृत करने की योग्‍यता .................. कहलाती है।
उत्‍तर – संज्ञानात्‍मक गतिविधि

प्रश्‍न 47 –पियाजे के अधिगम के संज्ञानात्‍मक सिद्धांत के अनुसार, वह प्रक्रिया जिसके द्वारा संज्ञानात्‍मक संरचना को संशोधित किया जाता है ................. कहलाती है।
उत्‍तर – समावेशन  

प्रश्‍न 48 – कोहलबर्ग के अनुसार सही और गलत प्रश्‍नों के बारे में निर्णय लेने में शामिल चिंतन प्रक्रिया को कहा जाता है।
उत्‍तर – नैतिक तर्कणा

प्रश्‍न 49 – एक व्‍यक्ति अपने समकक्ष व्‍यक्तियों के समूह के प्रति आक्रामक व्‍यवहार करता है और विद्यालय के मानदंडों को नही मानता। इस विद्यार्थी को ..................... में सहायता की आवश्‍यकता है।
उत्‍तर – भावात्‍मक क्षेत्र

प्रश्‍न 50 – शिक्षक को यह सलाह दी जाती है कि वे उपने शिक्षार्थियों को सामूहिक गतिविधियों में शामिल करें, क्‍योंकि सीखने को सुगम बनाने के अतिरिक्‍त, ये.................... में भी सहायता करती है।
उत्‍तर – समाजीकरण

प्रश्‍न 51 – ब्रूनर किस समप्रदाय के समर्थक थे।
उत्‍तर – संज्ञानवादी 

प्रश्‍न 52 – कौन सा सिद्धान्‍त जीव विधि के हर क्ष्‍ोत्र पर बल देता है।
उत्‍तर – क्षेत्रीय सिद्धान्‍त

प्रश्‍न 53 – गेस्‍टाल्‍ट का अर्थ क्‍या है।
उत्‍तर – सम्‍पूर्ण या समग्र

प्रश्‍न 54 – प्रतिस्‍थापन का सिद्धान्‍त किस वैज्ञानिक ने दिया।
उत्‍तर – गुथरी ने

प्रश्‍न 55 – स्‍वसिद्धान्‍त किसने दिया ।
उत्‍तर – कार्ल रोजर ने

प्रश्‍न 56 –आवश्‍यकता का पद सोपान सिद्धान्‍त किसने दिया।
उत्‍तर – आब्राहिम मौसले ने

प्रश्‍न 57 – अधिगम का अर्थ क्‍या है ।
उत्‍तर – सीखन

प्रश्‍न 58 – अधिगम से क्‍या तात्‍पर्य है।
उत्‍तर –मानव व्‍यवहार में होने वाला स्‍थाई परिवर्तन अधिगम कहलाता है।

प्रश्‍न 59 – अधिगम पूर्ण कब होगा।
उत्‍तर – मानव व्‍यवहार में स्‍थाई परिवर्तन हो जाये।

प्रश्‍न 60 – संज्ञान किसे कहते है।
उत्‍तर – किसी ज्ञान को ग्रहण करना ही संज्ञान कहलाता है।

प्रश्‍न 61 – व्‍यवहारवादी मनोविज्ञान के जनक कौन है।
उत्‍तर – वाटसन ।

प्रश्‍न 62 – मनोविज्ञान के जनक कौन है।
उत्‍तर – सिंगमड फ्रायड 

प्रश्‍न 63 – मनोविशलेषणात्‍मक मनोविज्ञान के जनक कौन है।
उत्‍तर – सिंगमड फ्रायड

प्रश्‍न 64 – अंधो की लिपि के जनक कौन है   
उत्‍तर – लुई ब्रेल

प्रश्‍न 65 – L . K . G व U . K . G  पद्धति के जनक कौन है।
उत्‍तर – फ्रोबेल

प्रश्‍न 66 – नर्सरी पद्धति के जनक कौन है।
उत्‍तर – मारिया मान्‍टेसरी

प्रश्‍न 67 – भूल एवं प्रयत्‍न सिद्धान्‍त किसने दिया।
उत्‍तर – थॉर्नडाइक ने

प्रश्‍न 68 - अनुकूलित अनुक्रिया या क्‍लासिकी अुनबन्‍ध सिद्धान्‍त किसने दिया ।
उत्‍तर – पैवलॉव ने

प्रश्‍न 69 – क्रिया प्रसूत अनुबन्‍ध सिद्धान्‍त किसने दिया ।
उत्‍तर – स्किनर ने

प्रश्‍न 70 – जीनप्‍याजे किस विचारधारा के समर्थक थे।
उत्‍तर – संज्ञानात्‍मक

प्रश्‍न 71 – जीनप्‍याजे किस देश के निवासी थे।
उत्‍तर – स्विट्जरलैण्‍ड के

प्रश्‍न 72 – जीनप्‍याजे ने अपने प्रयोग किस-किस पर किये।
उत्‍तर – जीनप्‍याजे ने अपने प्रयोग अपनी दो पुत्री व एक पुत्र पर किये ।

प्रश्‍न 73 – वह कौन मनोवैज्ञानिक है जो पहले जीवविज्ञान के प्रोफेसर थे बाद मे मनोविज्ञान के प्रोफेसर बने ।
उत्‍तर – जीनप्‍याजे

प्रश्‍न 74 – स्‍कीमा सिद्धान्‍त के जनक कौन है।
उत्‍तर – जीनप्‍याजे

प्रश्‍न 75 – कोहलर किस समप्रदाय के समर्थक थे।
उत्‍तर – संज्ञानवादी

प्रश्‍न 76 – कोहलबर्ग का विकास सिद्धांत किससे संबंधित है।
उत्‍तर – नैतिक विकास

प्रश्‍न 77 – ................ के अतिरिक्‍त बुद्धि के निम्‍नलिखित पक्षों को स्‍टर्नबर्ग के त्रितंत्र सिद्धांत में संबोधित किया गया है।
उत्‍तर – सामाजिक

प्रश्‍न 78 – थ, फ, च ध्‍वनियॉं है।
उत्‍तर – स्‍वनिम

प्रश्‍न 79 – बालकों की सोच अमूर्तता की अपेक्षा मूर्त अनुभवों एवं प्रत्‍ययों से होती है। यह अवस्‍था है-
उत्‍तर – 7 से 12 वर्ष तक

प्रश्‍न 80 – मानव विकास किन दोनों योगदान का परिणाम है।
उत्‍तर – वंशानुक्रम एवं वातावरण का

प्रश्‍न 81 – निम्‍न में से कौन पियाजे के अनुसार बौद्धिक विकास का निर्धारक तत्‍व नही है।
उत्‍तर – सामाजिक संचरण

प्रश्‍न 82 – समस्‍या के अर्थ को जानने की योग्‍यता, वातावरण के दोषों, कमियों एवं रिक्तियों के प्रति सजगता वि‍शेषता है।
उत्‍तर – सृजनशील बालकों की

प्रश्‍न 83 – एक क्रिकेट खिलाड़ी अपनी गेंदबाजी के कौशल को विकसित कर लेता है, पर यह उसके बल्‍लेबाली के कौशल को प्रभावित नही करता। इसे कहते है-
उत्‍तर – शून्‍य प्रशिक्षण अंतरण

प्रश्‍न 84 – गिलफोर्ड ने ‘अभिसारी चिंतन’ पद का प्रयोग किसके समान अर्थ में किया जाता है।
उत्‍तर – सृजनात्‍मकता

प्रश्‍न 85 – व्‍यक्ति एवं बुद्धि में वंशानुक्रम की -
उत्‍तर – नाममात्र की भूमिका है।

प्रश्‍न 86 – जिन इच्‍छाओं की पूर्ति नही होती, उनमें से भंडारगृह किसका है।
उत्‍तर – इदम्

प्रश्‍न 87 – बालक के सामाजिक विकास में सबसे महत्‍वपूर्ण कारक कौन सा है।
उत्‍तर – वातावरण

प्रश्‍न 88 – लड़कियों में बाह्य परिवर्तन किस अवस्‍था में होने लगता है।
उत्‍तर – किशोरावस्‍था

प्रश्‍न 89 – भाषा विकास के क्रम में अंतिम क्रम है-
उत्‍तर – भाषा विकास की पूर्णावस्‍था

प्रश्‍न 90 – विकासात्‍मक बालमनोविज्ञान का जनक किसे माना गया है।
उत्‍तर – जीन पियाजे को

प्रश्‍न 91 – संवेगात्मक स्थिरता का लक्षण है-
उत्‍तर – समायोजित

प्रश्‍न 92 – संवेग शब्‍द का शाब्दिक अर्थ है-
उत्‍तर – उत्‍तेजना या भावों में उथल पुथल

प्रश्‍न 93 – लैमार्क ने अध्‍ययन किया था -
उत्‍तर – वंशानुक्रम का

प्रश्‍न 94 – बालक के सामाजिकरण का प्रथम घटक है।
उत्‍तर – परिवार

प्रश्‍न 95 – प्राकृतिक चयन के सिद्धांत का संबंध है।
उत्‍तर – डार्विन से

प्रश्‍न 96 – अब शिक्षा हो गई है।
उत्‍तर – बाल केन्द्रित  

प्रश्‍न 97 – पैतृक गुणों के हस्‍तांतरण के सिद्धांतों को स्‍पष्‍ट किया था।
उत्‍तर – मैण्‍डल ने

प्रश्‍न 98 – ‘बालक की अभिबृद्धि जैवकीय नियमों के अनुसार होती है’ यह कथन है-
उत्‍तर – क्रोगमैन का

प्रश्‍न 99 – बालविकास का अर्थ है।
उत्‍तर – बालक का गुणात्‍मक परिमाणात्‍मक परिवर्तन

प्रश्‍न 100 – अधिगम का पुनरावृत्ति का सिद्धांत दिया है।
उत्‍तर – पैट्रिक पावलाव ने

मनाेविज्ञान महत्वपूर्ण प्रश्न

प्रश्‍न 1- बुद्धि का संज्ञानात्मक सिद्धान्त किसने दिया । 
उत्‍तर - जीनप्याजे ने । 

प्रश्‍न 2- बुद्धि का संवेगात्मक विकास का सिद्धान्त किसने दिया । 
उत्‍तर - गोलमैन ने । 

प्रश्‍न 3- बुद्धि का संरचना सिद्धान्त किसने दिया । 
उत्‍तर - आइजेन्क ने । 

प्रश्‍न 4- किशोर की सबसे नाजुक एवं संवेदनशील समस्‍या क्‍या होती है। 
उत्‍तर - यौन सम्‍बन्‍धी समस्‍या । 

प्रश्‍न 5- मानव विकास की किस अवस्‍था के बाद व्‍यक्ति परिपक्‍व हो जाता है। 
उत्‍तर - किशोरावस्‍था के बाद । 

प्रश्‍न 6- शिक्षण की विभिन्‍न विधियों के प्रयोग के लिए कौन सी अवस्‍था सर्वाधिक उपयुक्‍त्‍ा है। 
उत्‍तर - बाल्‍यावस्‍था । 

प्रश्‍न 7- मै कौन हूँ, मैं क्‍या हॅूं, आदि जैसी प्रबल भावनाऍ बालक के विकास की किस अवस्‍था की सूचक होती है। 
उत्‍तर - किशोरावस्‍था । 

प्रश्‍न 8- विकास कभी न समाप्‍त होने वाली प्रक्रिया है। यह विचार किस सिद्धान्‍त से सम्‍बन्धित है। 
उत्‍तर - निरन्‍तरता का सिद्धान्‍त । 

प्रश्‍न 9- शिक्षा मनोविज्ञान एक विज्ञान है। 
उत्‍तर - मानव व्‍यवहार का । 

प्रश्‍न 10- विकास प्राणी में प्रगतिशील परिवर्तन है जो निश्चित लक्ष्‍यों की ओर निरन्‍तर निर्देशित होता रहता है। यह कथन किसका है। 
उत्‍तर - ड्रेवर का । 

प्रश्‍न 11- सीखने का सिद्धान्त किसने दिया। 
उत्‍तर - थार्नडाइक ने ! 

प्रश्‍न 12- खेल पद्धत्ति के जनक कौन है। 
उत्‍तर - किल पैट्रिक ! 

प्रश्‍न 13- ह्यूरिस्टिक पद्धत्ति के जनक कौन है। 
उत्‍तर - आर्म स्ट्रांग ! 

प्रश्‍न 14- प्रोजेक्ट पद्धत्ति के जनक कौन है। 
उत्‍तर - जानडेवी । 

प्रश्‍न 15- अस्थाई मानव दांत कितने होते है। 
उत्‍तर - 20 । 

प्रश्‍न 16- शिशु के मस्तिष्क का वजन कितना होता है। 
उत्‍तर - लगभग 350 ग्राम । 

प्रश्‍न 17- मनुष्य के मस्तिष्क का वजन कितना होता है। 
उत्‍तर - लगभग 1400 ग्राम । 

प्रश्‍न 18- जीनप्याजे ने जिनेवा मे किसकी स्थापना की । 
उत्‍तर - लेवोरट्री स्कूल की स्थापना की जिसमें उन्होनें मनोविज्ञान के कई प्रयोग किये । 

प्रश्‍न 19- जीनप्याजे के द्वारा रचित पुस्तक का नाम क्या है। 
उत्‍तर - द लैंगुवेज एण्ड थाट ऑफ द चाइल्ड (यह पुस्तक उन्होनें 1923 में लिखी थी।)

प्रश्‍न 20- जीनप्याजे ने संज्ञानात्मक विकास को ध्यान में रखते हुये बालक की कितनी अवस्था बतलाई ।
उत्‍तर - जीनप्याजे ने संज्ञानात्मक विकास को ध्यान में रखते हुये बालक की 4 अवस्था बतलाई ।
1.संवेदी गत्यात्मक अवस्था (जन्म से 2 वर्ष तक)
2. पूर्व संक्रियात्मक अवस्था (2 से 7 वर्ष तक)
3. ठोस/मूर्त संक्रियात्मतक अवस्था (7 से 11 वर्ष तक)
4. औपचारिक संक्रियात्मंक अवस्था (11 से 18 वर्ष तक) 

प्रश्‍न 21- बच्‍चों में बौद्धिक विकास की चार विशिष्‍ट अवस्‍थाओं की पहचान की गई । 
उत्‍तर - पियाजे द्वारा । 

प्रश्‍न 22- विकास कभी न समाप्‍त होने वाली प्रक्रिया है। यह विचार किससे संबंधित है। 
उत्‍तर - निरंतरता का सिद्धान्‍त । 

प्रश्‍न 23- प्राथमिक स्‍तर पर एक शिक्षक में निम्‍न में से किसे सबसे महत्‍वपूर्ण विशेषता मानना चाहिए। 
उत्‍तर - धैर्य और दृढ़ता । 

प्रश्‍न 24- उत्‍तरबाल्‍यवस्‍था में बालक भौतिक वस्‍तुओं के किस आवश्‍यक तत्‍व में परिवर्तन समझने लगते है। 
उत्‍तर - द्रव्‍यमान , संख्‍या और क्षेत्र । 

प्रश्‍न 25- दूसरे वर्ष में अंत तक शिशु का शब्‍द भंडार हो जाता है। 
उत्‍तर - 100 शब्‍द । 

प्रश्‍न 26- शर्म तथा गर्व जैसी भावना का विकास किस अवस्‍था में होता है। 
उत्‍तर - बालयवस्‍था । 

प्रश्‍न 27- मैक्‍डूगल के अनुसार मूलप्रवृति जिज्ञासा का संबंध कौन संवेग से है। 
उत्‍तर - आश्‍चर्य । 

प्रश्‍न 28- बाल्‍यावस्‍था अवस्‍था होती है। 
उत्‍तर - 12 वर्ष तक। 

प्रश्‍न 29- शारीरिक विकास का क्षेत्र है। 
उत्‍तर - स्‍नायुमंडल 

प्रश्‍न 30- विवेचना रहित विचार की अवस्‍था मानी गई है। 
उत्‍तर - 4 से 7 वर्ष । 

प्रश्‍न 31- बुद्धि का त्रिक - बिन्‍दु सिन्‍द्धान्‍त किसने दिया । 
उत्‍तर - स्‍टर्न वर्ग ने ।
इन्‍होंने बुद्धि को तीन भागों में बांटा ।
1. विशलेषणात्‍मक बुद्धि
2. व्‍यवहारिक बुद्धि
3. सृजानात्‍मक बुद्धि 

प्रश्‍न 32- जीनपियाजे के अनुसार बुद्धि क्‍या है। 
उत्‍तर - जीनपियाजे के अनुसार बुद्धि वातावरण के साथ अनुकूलन करने की प्रक्रिया है। 

प्रश्‍न 33- अल्‍फ्रेड बिने के अनुसार बुद्धि के प्रकार बताईये । 
उत्‍तर - अल्‍फ्रेड बिने के अनुसार बुद्धि चार शब्‍दों से मिलकर बनी है।
1. ज्ञान
2. अविष्‍कार
3. निर्देश
4. आलोचना 

प्रश्‍न 34- टर्मन के अनुसार बुद्धि की क्‍या परिभाषा है। 
उत्‍तर - टर्मन के अनुसार - बुद्धि अमूर्त विचारों के बारे में सोचने की योग्‍यता है। 

प्रश्‍न 35- स्‍टर्न के अनुसार बुद्धि की क्‍या परिभाषा है। 
उत्‍तर - स्‍टर्न के अनुसार - बुद्धि एक सामान्‍य योग्‍यता है। जिसके द्वारा व्यक्ति नई परिस्थितियों के साथ समायोजन करता है।

प्रश्‍न 36- बकिन्घम के अनुसार बुद्धि की क्‍या परिभाषा है। 
उत्‍तर - बकिन्‍घम के अनुसार सीखने की शक्ति ही बुद्धि है। 

प्रश्‍न 37- वैसलर के अनुसार बुद्धि की क्‍या परिभाषा है। 
उत्‍तर - वैसलर के अनुसार बुद्धि किसी कार्य को करने की, तार्किक चिन्‍तन करने की, वातावरण के साथ समायोजन करने की सामूहिक योग्‍यता होती है। 

प्रश्‍न 38- सामन्‍यत: बुद्धि कितने प्रकार. की है। 
उत्‍तर - सामान्‍यत: बुद्धि तीन प्रकार की होती है ।
1. अमूर्त बुद्धि
2. मूर्त बुद्धि (यांन्त्रिक बुद्धि)
3. सामाजिक बुद्धि 

प्रश्‍न 39- यांत्रिक बुद्धि या स्‍थूल बुद्धि किसे कहा जाता है । 
उत्‍तर - मूर्त बुद्धि को । 

प्रश्‍न 40- स्‍पीयर मैन के अनुसार बुद्धि की क्‍या परिभाषा है। 
उत्‍तर - स्‍पीयर मैन के अनुसार बुद्धि तार्किक चिन्‍तन करने की योग्‍यता है।

प्रश्‍न 41- बाल अपराध बनने के कारण क्या क्या है। 
उत्‍तर - 1. आनुवांशिंकता
2. व्याक्तिगत आवश्यकताओ की पूर्ति न होना
3. शारीरिक दोष – ऐसे बालक हीन भावना से ग्रसित होने के कारण अपराधी बन जाते है।
4. घर का वातावरण अशान्त होना।
5. कुसंगती के कारण
6. दादा दादी का अधिक लाड प्यार
7. स्तर हीन मनोरंजन
8. माता पिता का गरीब होना
9. पक्षपात पूर्ण व्यवहार
10. माता पिता का तलाक आदि 

प्रश्‍न 42- बाल अपराधियों के उपचार क्या क्या है। 
उत्‍तर - 1. मनोवैज्ञानिक विधि
2. समाजशास्त्रीय विधि
3. वैधानिक विधि 

प्रश्‍न 43- समस्याग्रस्त बालक कौन से होते है। 
उत्‍तर - वे बालक जिनके व्यवहार में ऐसी कोई असामान्य बात होती हैा जिसके कारण वे समस्याग्रस्त बालक बन जाते है। जैसे –
1. कक्षा में देर से आना
2. स्कूाल से भाग जाना
3. कक्षा में अधिक बाते करना
4. अधिक क्रियाशीलता होना
5. ग्रहकार्य करके न लाना
6. कक्षा में पढाई में ध्याान न लगाना 

प्रश्‍न 44- समस्याग्रस्तं बालकों की समस्या शिक्षक द्वारा कैसे दूर की जा सकती हैा 
उत्‍तर - 1. शिक्षक को चाहिए कि ऐसे बालकों को अलग-अलग बिठायें और सबसे आगे विठायें।
2. शिक्षक को स्वयं बालक की समस्या को कारणों का पता लगाना चाहिए और दूर करना चाहिए।
3. शिक्षकों को ऐसे बालकों के घर जाकर उनकी समस्या का पता लगाना चाहिए। 

प्रश्‍न 45- गिलफोर्ड ने सृजनशीलता के 4 तत्व कौन से बताये है। 
उत्‍तर - 1. लोचशीलता
2. मौलिकता
3. अपसारीशीलता
4. केन्द्रा विमुख 

प्रश्‍न 46- वैज्ञानिक गुड ने सृजनशीलता के कितने तत्व दिये। 
उत्‍तर - वैज्ञानिक गुड ने सृजनशीलता के पॉच तत्व दिये जो निम्न् है।
1. मौलिकता
2. अनुकूलता
3. विचारात्मलक
4. विचारों का सहचर्य
5. लोथ शील और विविध 

प्रश्‍न 47- सृजनात्मकता के प्रमुख तत्व कौन से है। 
उत्‍तर - 1. मौलिकता
2. नवीनता
3. लोचशीलता
4. विस्तातरण करेन की क्षमता
5. विभिन्नाता 

प्रश्‍न 48- सृजनशील बालकों की विशेषताऍ क्या क्या है। 
उत्‍तर - 1. सृजनशील बालक जिज्ञासु प्रवर्ति के होते है।
2. सृजनशील बालकों में उच्य् महत्वकांक्षा वाले होते है।
3. सृजनशील बालकों के विचार व्या‍पक होते है।
4. सृजनशील बालकों मे संवेदन शीलता अधिक पाई जाती है।
5. सृजनशील बालकों मे एकाग्रता पाई जाती है। 

प्रश्‍न 49- मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है यह किसने कहा। 
उत्‍तर - अरस्तू ने ! 

प्रश्‍न 50- बालक के सामाजीकरण की पहली पाठशाला कौन सी होती है।
उत्‍तर - पहली - घर एवं परिवार
दूसरी - खेल का मैदान
तीसरी - स्कूल 

महत्त्वपूर्ण मनोविज्ञान।।

👉 बालक के विकास की कैसी दिशा होती है➖ सिर से पैरों की ओर
👉 विश्लेषणात्मक मनोविज्ञान के जनक कौन हैं➖ सिगमंड फ्रायड
👉 तूफान की अवस्था किसे कहा जाता है➖ किशोरावस्था को
👉 किशोरावस्था को तूफान की अवस्था किसने कहा➖ स्टैनले हॉल
👉 मूल प्रवृत्ति का सिद्धांत किसने दिया➖ मैक्डूगल
👉 संवेग क्या है➖ मन के उत्तेजित दशा को संवेग कहते हैं। (क्रोध एवं खुशी)
👉 व्यक्तित्व का स्व: सिद्धांत किसने दिया➖ कार्ल रोजर्स ने
👉 सीखने का नियम किसने दिया➖ थार्नडाइक ने
👉 जीन पियाजे द्वारा रचित पुस्तक➖ द लैंग्वेज एंड थॉट ऑफ द चाइल्ड
👉 जीन पियाजे द्वारा संज्ञानात्मक विकास को ध्यान में रखते हुए बच्चे की कितनी अवस्था बताइए➖ चार अवस्थाएं
1-संवेदी गत्यात्मक अवस्था (0-2 वर्ष)
2-पूर्व संक्रियात्मक अवस्था (2-7 वर्ष)
3-मूर्त संक्रियात्मक अवस्था (7-11 वर्ष)
4-औपचारिक संक्रियात्मक अवस्था (11-वर्ष से ऊपर)
👉 संवेदी गत्यात्मक अवस्था को और किस नाम से जाना जाता है➖ इंद्रिय जनित ज्ञान की अवस्था
👉 अधिगम अंतरण से क्या तात्पर्य है➖ किसी पूर्व ज्ञान के आधार पर नए ज्ञान को सीखना ही अधिगम अंतरण कहलाता है।
👉 अधिगम स्थानांतरण के कितने प्रकार हैं➖ धनात्मक अंतरण, सून्य अंतरण, ऋणात्मक अंतरण
👉 धनात्मक अंतरण के कितने प्रकार हैं➖ तीन प्रकार के
👉 गणित संबंधी विकार को क्या कहा जाता है➖ डिस्केलकुलिया
👉 पढ़ने संबंधी विकार को क्या कहते हैं➖ डिस्लेक्सिया
👉 लिखने संबंधी विकार को क्या कहते हैं➖ डिसग्राफिया
👉 लिखना पढ़ना और बोलने संबंधी विकार को क्या कहा जाता है➖ डिस्प्रेक्सिया
👉 अवधान संबंधी विकार को क्या कहते हैं➖ADHD(tension defect disorder)

Q.1 किशोरों में द्वन्द्व उभरने का प्रमुख कारण है ----
A पीढ़ियों का अन्तर
B अवसरों की प्रतिकूलता
C निराशा तथा निस्सहायता
D किशोरवस्था में स्वप्न दर्शन
Ans. B

Q.2 पाठ्यचर्चा है ----
A शिक्षण पद्धति एवं पढ़ाई जाने वाली विषय - वस्तु
B विधालय का सम्पूर्ण कार्यक्रम
C मूल्यांकन प्रक्रिया
D कक्षा में प्रयुक्त पाठ्य-सामग्री
Ans. B

Q.3 डिस्लेक्सिया संबंधित है ---
A मानसिक विकार
B गणितीय विकार
C पठन विकार
D व्यवहार संबंधी विकार
Ans. C

Q.4 टर्मन के अनुसार बुद्धि-लब्धि होती हैं ---
A 120 - 140
B 110 - 135
C 90 - 110
D 80 - 90
Ans. C

Q.5 जब बच्चें को कोई नियम या सिद्धांत सिखाना हो तो अध्यापक प्रयोग करेगा ---
A आगमन विधि
B निगमन विधि
C विश्लेषण विधि
D कहानी कथन विधि
Ans. A

Q.6 श्यामपट्ट पर लिखते समय सबसे महत्वपूर्ण हैं ---
A अच्छा लेख
B लिखने में स्पष्टता
C बड़े अक्षर
D छोटे अक्षर
Ans. A

Q.7 भूल भुलैया परीक्षण के लिए उपयुक्त आयु है ---
A 10 से 16 वर्ष
B 6 से 14 वर्ष
C 1 से 3 वर्ष
D 5 से 10 वर्ष
Ans. D

Q.8 समायोजन की प्रकिया है ---
A स्थिर
B गतिशील
C स्थानापन्न
D अवरोधी
Ans. B

Q.9 शिक्षा मनोविज्ञान अध्ययन करता है ---
A प्रेरणा व पुनर्बलन के प्रभाव का अध्ययन
B वंशानुक्रम व वातावरण का अध्ययन
C ध्यान वंश रूचि का अध्ययन
D वैयक्तिक भेदों का अध्ययन
Ans. B

Q.10 छोटी कक्षाओं में शिक्षक की सबसे महत्त्वपूर्ण विशेषता है ---
A पढ़ाने की उत्सुकता
B धैर्य व दृढ़ता
C शिक्षा विधियों का ज्ञान
D मानक भाषा का ज्ञान
Ans. B

बाल मनोविज्ञान प्रश्नोत्तरी ।।

1. पहले से विद्यमान पदार्थो/तत्वों को मिलाकर नया योग बनाने की क्षमता ही सृजनशीलता है! यह कथन है-
❶ वुडवर्थ 
❷ बेरन✔
❸ गिलफोर्ड 
❹ ड्रेवर

2. प्रतिभाशाली बालकों के शिक्षको को रूचियाॅ होनी चाहिए-
❶ अंतर्मुखी 
❷ बहिर्मुखी 
❸ उभयमुखी✔
❹ कोई नही

3. सृजनात्मक मौलिक परिणामों को अभिव्यक्त करने की मानसिक प्रक्रिया है! यह कथन है-
❶ क्रो & क्रो✔
❷ स्टेन 
❸ लूथी 
❹ टोरेन्स

4. इंग्लैंड मे किस ऐक्ट द्वारा मंद बुद्धि व पिछड़े बालकों मे अंतर प्रकट किया था-
❶ Mental Deficiency Act✔

❷ Backwardness Act

❸ Mental Retarded Act
❹ Slaw Learners Act

5. संगीत, नृत्य, ड्राइंग व अभिनय किसकी शिक्षा के आधार है-
❶ पिछड़े बालकों की✔
❷ साधारण बालकों की 
❸ विकलांग बालकों की 
❹ कोई नही

6. एक व्यक्तिगत कार्य जो किसी अन्य व्यक्ति को उसकी समस्याओ का समाधान करने के लिए दिया जाता है! उसे क्या कहते है-
❶ परामर्श 
❷ निर्देशन✔
❸ योग्यता 
❹ अनुकूलता

7. विद्यालय मे निर्देशन कार्य को संगठित करने के लिए किसने सुझाव दिया-
❶ माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा✔
❷ जवाहरलाल नेहरू द्वारा 
❸ समाज द्वारा 
❹ धार्मिक समुदायो द्वारा

8. सौतेली मां के बच्चो मे असमायोजन का मुख्य कारण होता है-
❶ प्रेमयुक्त मान्यता व अपनत्व का अभाव✔
❷ खण्डित व्यक्तित्व 
❸ मंद बुद्धि 
❹ निम्न निष्पत्ति

9. व्यक्तिगत विभिन्नताओ को ध्यान मे रखते हुए विद्यार्थियों के शिक्षण के लिए प्रायोजना पध्दति के निर्माता थे-
❶ थार्नडाइक 
❷ किलपेट्रिक✔
❸ पार्कहस्टर 
❹ वॉटसन

10 किसका प्रभाव व्यक्तिगत भिन्नता पर पड़ता है-
❶ पृष्ठभूमि
❷ बुद्धि 
❸ परिपक्वता 
❹ सभी का✔

11. निःशक्त बालको को शिक्षा के लिए प्रावधान किया जा सकता है-
❶ समावेशित शिक्षा द्वारा✔
❷ मुख्य धारा मे डालकर 
❸ समाकलन द्वारा 
❹ कोई नही

12. निम्न मे से कौन-सी मानसिक मंदता की विशेषता नही है-
❶ बुद्धि लब्धि का ❷❺ से ❼⓿ के मध्य होना!

❷ धीमी गति से सीखना एवं दैनिक जीवन की क्रियाओ को न कर पाना!

❸ वातावरण के साथ अनुकूलन मे कठिनाई!

❹ अंतर्वैयक्तिक संबंधो का कमजोर होना!✔

13. विशेष आवश्यकता वाले बच्चो को पढ़ाने के लिए निम्न मे से कौन-सी व्यूहरचना अधिक उपर्युक्त है-
❶ अधिकतम बच्चो को सम्मिलित करते हुए कक्षा मे चर्चा करना!

❷ विद्यार्थियो को सम्मिलित करते हुए अध्यापक द्वारा निर्देशन!

❸ सहकारी अधिगम तथा पीअर ट्यूटरिंग!✔

❹ अध्यापन के लिए योग्यता आधारित समूहीकरण!

14. समस्या के अर्थ को जानने की योग्यता, वातावरण के दोषों, कमियों एवं रिक्तयो के प्रति सजगता विशेषता है-
❶ प्रतिभाशाली बालको की 
❷ सामान्य बालको की 
❸ सृजनशील बालको की✔
❹ कोई नही

15. सृजनात्मक उत्तरो के लिए आवश्यक है-
❶ विषय वस्तु आधारित प्रश्न 
❷ मुक्त उत्तर वाले प्रश्न✔
❸ एक अत्यन्त अनुशासित कक्षा 
❹ प्रत्यक्ष शिक्षण एवं प्रत्यक्ष प्रश्न

16. शारीरिक निर्योग्यता वाले व्यक्ति के लिए निम्न मे से कौन-सी युक्ति रक्षा तंत्र मे सबसे संतोषजनक होगी-
❶ तादात्मीकरण 
❷ विवेकीकरण 
❸ अतिकल्पना✔
❹ कोई नही

17. सृजनशीलता के पोषण के लिए एक अध्यापक को निम्न मे से किस विधि की सहायता लेनी चाहिए-
❶ ब्रेन स्टार्मिंग/विचारवेश✔
❷ व्याख्यान विधि 
❸ दृश्य-श्रव्य सामग्री 
❹ उपरोक्त सभी

18. विद्यालयी क्षेत्र मे रचनात्मक निर्धारकों को जानने के लिए इनमे से कौन-सा उपागम नही है-
❶ वार्तालाप कौशल 
❷ बहुविकल्पीय प्रश्न✔
❸ परियोजना कार्य 
❹ मौखिक प्रश्न

19. गिलफोर्ड ने अभिसारी चिंतन पद का प्रयोग किसके समान अर्थ मे किया है-
❶ बुद्धि 
❷ सृजनात्मकता✔
❸ बुद्धि व सृजनात्मकता 
❹ कोई नही

20. निम्न मे से कौन-सा व्यवहार भावनात्मक बाधाओ को प्रदर्शित नही करता है-
❶ बाल अपराध 
❷ कमजोरो को डराने वाला 
❸ भगोड़ापन 
❹ स्वालीनता✔

शिक्षण विधियाँ ।।

प्रश्न-1.क्षेत्राटन विधि की विशेषता नहीं है-
(a) विद्यार्थियों में उत्साह पैदा करना
(b) विद्यार्थियों के ज्ञान में अभिवृद्धि करना
(c) समाज व घर में उत्तम सम्बन्ध स्थापित करना
(d) समय की बचत न होना
D✅

प्रश्न-2.निम्न में से कौनसी विधि सामाजिक अध्ययन शिक्षण में प्रयुक्त नहीं की जाती है ?
(a) प्रयोजन विधि
(b) समस्या समाधान विधि
(c) पात्राभिनय विधि
(d) इनमे से कोई नहीं
D✅

प्रश्न-3."प्रायोजना विधि (Project Method)" के जन्मदाता है-
(a) बेलार्ड
(b) विलियम किलपेट्रिक
(c) रिचर्डसन
(d) जॉन डी. वी.
B✅

प्रश्न-4.किलपैट्रिक ने प्रॉजेक्ट विधि के भेद बताएं है-
(a) सृजनात्मक प्रॉजेक्ट
(b) रसास्वादन प्रॉजेक्ट
(c) समस्यात्मक प्रॉजेक्ट
(d) उपर्युक्त सभी
D✅

प्रश्न-5.यदि आप कक्षा में दहेज़ की समस्या पढ़ाना चाहते हैं, तो आप किस विधि को सर्वश्रेष्ठ मानेंगे ?
(a) पात्राभिनय विधि
(b) प्रयोगशाला विधि
(c) भाषण विधि
(d) अनुसंधान विधि
A✅

प्रश्न-6.प्रायोजना पद्धति का आवश्यक पद नहीं है-
(a) ज्ञात से अज्ञात की ओर
(b) कार्यक्रम को क्रियान्वित करना
(c) संपूर्ण कार्य का लेखा लिखना
(d) यथासंभव सहायता करना
A✅

प्रश्न-7.सामाजिक विज्ञान शिक्षण की वह कौनसी पद्धति है जो दोषपूर्ण होते हुए भी सर्वाधिक रूप से प्रयुक्त होती है ?
(a) लिखित विधि
(b) कहानी विधि
(c) नाटक विधि
(d) व्याख्यान विधि
D✅

प्रश्न-8."समस्या से जूझना तो जीवन की प्रकृति ही है। छोटे से छोटे प्राणी को भोजन, आवास और सुरक्षा की भौतिक संतुष्टि की  समस्याओं का सामना करना पड़ता है।" समस्या-समाधान के सम्बन्ध में यह कथन है-
(a) जॉन ड्यूबी
(b) सिम्पसन
(c) प्रो.वॉसिंग
(d) गेट्स
C✅

प्रश्न-9. प्रायोजना विधि के दोष  के सम्बन्ध में असत्य कथन है-
(a) अधिक व्ययपूर्ण
(b) अधिक समय की आवश्यकता
(c) अध्यापक से अत्यधिक आशा
(d) छात्रों में निराशा पैदा होती है
D✅

प्रश्न-10.वह विधि जिसका आधार निरिक्षण की प्रक्रिया है-
(a) भ्रमण विधि
(b) अनुसंधान विधि
(c) कार्य-गोष्टि विधि
(d) समस्या-समाधान विधि
A✅

प्रश्न-11.समस्या समाधान विधि का गुण है-
(a) इस विधि से छात्र भावी जीवन की समस्याओं का हल सीखते है
(b) इस विधि से छात्रों में मनोवैज्ञनिक दृष्टिकोण का विकास   होता है
(c) यह विधि छात्रों को स्वाध्याय के लिए प्रेरित करती है
(d) उपरोक्त सभी
A✅

प्रश्न-12.वह विधि जो ज्ञानेन्द्रिय से सीखने की विधि है-
(a) स्रोत सन्दर्भ विधि
(b) कहानी विधि
(c) भ्रमण विधि
(d) कार्य गोष्टि विधि
C✅

प्रश्न-13.निम्न में से कौनसी विधि सामाजिक अध्ययन शिक्षण में प्रयुक्त नहीं की जाती है ?
(a) प्रयोजन विधि
(b) समस्या समाधान विधि
(c) पात्राभिनय विधि
(d) इनमे से कोई नहीं
D✅

प्रश्न-14.समस्या-समाधान विधि में कितने सोपान है ?
(a) 4
(b) 5
(c) 6
(d) 7
B✅

प्रश्न-15.सबसे अच्छी शिक्षण विधि वह है जिसमें-
(a) विद्यार्थी पर आधारित क्रियाएँ अधिक हो
(b) बहुत सरल हो
(c) बहुत छुट्टियां हो
(d) इनमें से कोई नहीं
A✅

प्रश्न-16.सामाजिक अध्ययन की शिक्षण पद्धति से अभिप्राय है-
(a) अध्यापक द्वारा दिया भाषण
(b) अध्यापक द्वारा पाठ्यपुस्तक का प्रयोग
(c) अध्यापक का व्यक्तिगत तरीका
(d) उपर्युक्त सभी
D✅

प्रश्न-17. जिस विधि में अध्यापक सक्रिय व बालक निष्क्रिय रहता है ?
(a) अवलोकन
(b) कहानी कथन
(c) प्रश्नोत्तर
(d) नाटकीकरण
B✅

प्रश्न-18.प्राथमिक स्तर के बालको के लिये उपर्युक्त पद्धति है-
(a) व्याख्यान
(b) कहानी कथन
(c) खेलकूद
(d) प्रश्नोत्तर
C✅

प्रश्न-19. कहानी कथन विधि से बालकों में विकास होता है-
(a) विषय का
(b) तार्किकता का
(c) कल्पना का
(d) ज्ञान का
C✅

प्रश्न-20. जिस विधि में कक्षा दो दलों में विभाजित होकर वार्तालाप में उलझ जाती है-
(a) व्याख्यान में
(b) वाद-विवाद में
(c) खेल में
(d) योजना में
B✅

प्रश्न-21. कौनसी विधि वैज्ञानिक ढंग से हल पर बल देती है ?
(a) पर्यवेक्षित अध्ययन
(b) निरिक्षण
(c) प्रयोगशाला
(d) समस्या समाधान
D✅

प्रश्न-22. मानसिक शक्तियों का विकास करने वाली पद्धति है-
(a) समस्या समाधान
(b) अवलोकन
(c) समजीकृत अभिव्यक्ति
(d) योजना
A✅

प्रश्न-23. योजना व समस्या समाधान विधि में अंतर है-
(a) योजना व समस्या के चयन में
(b) तथ्यों के संकलन में
(c) निष्कर्षो की दृष्टि से
(d) उपयोगिता की दृष्टि से
C✅

प्रश्न-24. सामाजिक वाद विवाद कही जाती है-
(a) व्याख्यान
(b) समाजीकृत अभिव्यक्ति
(c) वाद-विवाद
(d) समस्या समाधान
B✅

प्रश्न-25. इकाई पद्धति के पद नहीं होता-
(a) अनुसंधान
(b) प्रस्तुतीकरण
(c) आत्मसाती करना
(d) व्याख्यान
D✅

प्रश्न-26.छोटे बच्चों के लिए उपर्युक्त नहीं मानी जाती-* 
(a) योजना पद्धति
(b) अवलोकन पद्धति
(c) नाटकीकरण
(d) समस्या समाधान
D✅

प्रश्न-27. निम्न में कौनसा पाठ्योजना का सोपान नहीं है ?
(a) प्रस्तुतीकरण
(b) स्पष्टीकरण
(c) प्रयोग
(d) पुनरावृति
B✅

प्रश्न-28. प्रायोजना विधि के जनक किस देश से सम्बंधित थे ?
(a) अमेरिका
(b) फ्रांस
(c) जर्मनी
(d) इंग्लैण्ड
A✅

प्रश्न-29. प्रादेशिक विधि की स्थापना किसके द्वारा की गई ?
(a) हर्बर्टसन
(b) मोफात
(c) जॉन ड्यूक
(d) जॉन डयूवी
A✅

प्रश्न-30.पाठ्यक्रम में शामिल चार H में कौन शामिल नहीं है ?
(a) Honest
(b) Health
(c) Head
(d) Hand
A✅

प्रश्न-31.निम्नलिखित में से कौनसी व्याख्यान विधि का लाभ नहीं है-
(a) यह छात्रों को प्रेरित करती है।
(b) यह शिक्षक तथा शिक्षार्थियों के संपर्क को सुविधाजनक बनाती है।
(c) इसमें समय एवं शक्ति की बचत होती है।
(d) इससे विद्यार्थियों के श्रवण कौशल का विकास नहीं हो पाता है।
D✅

प्रश्न-32.निम्नलिखित में से कौनसा भाषण विधि का दोष नहीं है ?
(a) यह विद्यार्थियों को निष्क्रिय बनाती है।
(b)यह स्पष्टीकरण का एक महत्वपूर्ण साधन है।
(c) यह आत्म श्रम को हतोत्साहित करती है।
(d) इसमें अनावश्यक बातों का समावेश हो सकता है।
B✅

प्रश्न-33.किस योजना द्वारा पिछड़े हुए बालकों की शिक्षा का उपयुक्त ढंग से प्रबन्ध हो जाता है ?
(a) सम्मेलन योजना
(b) विभाजन योजना
(c) द्विकाल योजना
(d) सामाजिक योजना
A✅

प्रश्न-34. 1.औपचारिक वर्ग योजना
*2.अनौपचारिक वर्ग योजना
*3.आत्म निर्देश वर्ग योजना
*4.सेमीनार वर्ग योजना
*उपरोक्त रूपों को सामाजीकृत अभिव्यक्ति विधि के लिए किसने बताये हैं?
(a) मोफात
(b) मेबेल
(c) वेस्ले
(d) बाईनिंग एवं बाइनिंग
D✅

प्रश्न-35.कहानी विधि के लिए शिक्षक को होना चाहिए-
(a) अच्छा विद्वान
(b) अच्छा व्यक्तित्व
(c) अच्छा कहानीकार
(d) अच्छा कवि
C✅

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Psychology Questions in English

1. Language learning starts from
(1) writing
(2) speaking
(3) reading
(4) None of these

2. In a child-centred classroom, children generally learn
(1) individually
(2) mainly from the teacher
(3) individually and in groups
(4) in groups

3. Good teaching means
(1) provide complete facts
(2) giving complete informations
(3) changing intellectual abilities
(4) providing an appropriate guidance for learning

4. The aim of teaching English as per NCF 2005 is the creation of
(1) Billingualism
(2) Multilingualism
(3) English only
(4) None of these

5. Which of the following characteristics is/are not affected by heredity?
(1) Appearance
(2) Reaction time
(3) Sex
(4) Body weight

6. Who propounded ‘Two Factor Theory of Intelligence’?
(1) Spearman
(2) Thurstone
(3) Guilford
(4) Gene

7. Gifted students are
(1) convergent thinkers
(2) divergent thinkers
(3) extrovert
(4) very hard working

8. Which one is not the important factor of creativity?
(1) Orginality
(2) Discipline
(3) Fluency
(4) Flexibility

9. NCF recommends the total homework time for X and XII students as
(1) 2 hours a day
(2) 3 hours a day
(3) 4 hours a day
(4) 5 hours a day

10. Piaget assumed that children are ____ in constructing understanding of the world.
(1) passive
(2) active
(3) neutral
(4) bystanders

Answers : 1. (2), 2. (3), 3. (4), 4. (2), 5. (2), 6. (3), 7. (2), 8. (2), 9. (1), 10. (2)


Algoloji nedir, fykolog, algoloji ne demik, ficologia, algologie

बाल मनोविज्ञान प्रश्नोत्तरी।।

प्रश्न :– व्‍यक्ति अनोखे कार्य करता है, जिससे समाज में उसकी पहचान बनती है, यह बुद्धि का कौन सा कारक है ??
उत्तर :- विशिष्‍ट

प्रश्न :– इंजीनियर अपने कायर्ालय में बैठकर किसी मकान का प्रारूप बनाता है, बुद्धि के किस प्रकार के माध्‍यम से ?
उत्तर :- अमूर्त

प्रश्न :– ”अमूर्त विचारों के विषय में सोचने की योग्‍यता ही बुद्धि है” यह कथन है ?
उत्तर :- टरमन

प्रश्न :– अमूर्त बुद्धि में किनका प्रयोग अधिक किया जाता है ?
उत्तर :- शब्‍दों का, अंको का, प्रतीकों का

प्रश्न :– ”बुद्धि अमूर्त विचारों के बारे में सोचने की योग्‍यता है।” यह कथन है ?
उत्तर :- टरमन का

प्रश्न :– गिलफॉर्ड का बुद्धि संबंधी सिद्धान्‍त है ?
उत्तर :- त्रिआयामी सिद्धान्‍त

प्रश्न :– ”हीरों के लिए हम खुदायीकरते हैं व स्‍वर्ण को शुद्ध करते हैं किन्‍तु प्रतिभा का हम नाश कर रहे हैं।” यह कथन है ?
उत्तर :- के.एन. दत्‍त

प्रश्न :– एक 5 वर्षीय बालक की बुद्धि परीक्षा के आधार पर मानसिक आयु 8 वर्ष सिद्ध हुई, तो बालक किस वर्ग में आयेगा ?
उत्तर :- अति प्रखर बुद्धि

प्रश्न :– बालक राम का बगीचे में ले जाकर हरियाली से परिचित करवाया जाता है राम को विद्यालय में हरियाली पर निबंध लिखने को कहा जाता है, यहाँ बुद्धि का कौनसा प्रकार कार्य करेगा ?
उत्तर :- अमूर्त

प्रश्न :– बुद्धि के कौन से प्रकार को मृदुल बुद्धि कहा जाता है ?
उत्तर :- शाब्दिक

प्रश्न :– सूक्ष्‍म समस्‍याओं को चिंतन-मनन द्वारा हल करने का कार्य किस बुद्धि का है ?
उत्तर :- अमूर्त बुद्धि

प्रश्न :– मूर्त बुद्धि को इस नाम से भी जानते हैं ?
उत्तर :- गत्‍यात्‍मक एवं यांत्रिक बुद्धि

प्रश्न :– व्‍यक्ति के निण्‍र्ज्ञय लेने, तर्क करने तथा उपयोगी-अनुपयोगी का चयन करने की योग्‍यता है ?
उत्तर :- बुद्धि

प्रश्न :– निम्‍न में से बुद्धि की विशेषता नहीं है ?
उत्तर :- लिंग के आधार पर बुद्धि में भेद होता है।

प्रश्न :– 12 वर्षीय विद्यार्थी सोहन की बुद्धि लब्धि 75 है। उसकी मानसिक आयु वर्षों में क्‍या होगी ?
उत्तर :- 9 वर्ष

प्रश्न :– टरमन के अनुसार अत्‍युत्‍कृष्‍ट रखते है ?
उत्तर :- 120-125 बुद्धिलब्धि

प्रश्न :– बुद्धि का द्विकारक सिद्धान्‍त किसके द्वारा दिया गया ?
उत्तर :- स्‍पीयरमैन

प्रश्न :– निम्‍नलिखित में से कौन-सा गिलफर्ड के त्रिविमीय बुद्धि सिद्धान्‍त के ‘विषय-वस्‍तु आयाम’ का घटक नहीं है ?
उत्तर :- प्रणाली

प्रश्न :– मानसिक आयु की अवधारणा को विकसित किया था ?
उत्तर :- बिने

प्रश्न :– निम्‍न में से कौन सा संवेगात्‍मक बुद्धि का तत्‍व नहीं है ?
उत्तर :- उद्यमी सामर्थ्‍यता

प्रश्न :– बुद्धि-‍लब्धि सम्‍प्रत्‍यय विकसित किया ?
उत्तर :- टर्मन ने

प्रश्न :– सामान्‍य तथा विशिष्‍ट कारक सिद्धान्‍त का प्रतिपादन किया था ?
उत्तर :- स्‍पीयरमैन ने

प्रश्न :– जिन बालकों की बुद्धि-लब्धि ……….. है, साधारणत: उन्‍हें मानसिक न्‍यूनता ग्रसित की श्रेणी में रखते हैं ?
उत्तर :- 70 से कम

प्रश्न :– व्‍यवहारिक बुद्धि को कहा जाता है ?
उत्तर :- मूर्त बुद्धि

प्रश्न :– बुद्धि के त्रिआयामी सिद्धान्‍त के अनुसार बुद्धि के कारक की संख्‍या है ?
उत्तर :- 120

प्रश्न :– निम्‍न में से गिलफोर्ड ने कौन सा बुद्धि का सिद्धान्‍त प्रतिपादित किया है ?
उत्तर :- बुद्धि संरचना सिद्धान्‍त

प्रश्न :– निम्‍न में से बुद्धि का बहुखंड सिद्धान्‍त प्रतिपादित किया ?
उत्तर :- थार्नडाइक

प्रश्न :– थार्नडाइक का बुद्धि सम्‍बन्‍धी सिद्धान्‍त है ?
उत्तर :- बहुतत्‍व सिद्धान्‍त

प्रश्न :– बुद्धि के समूह-कारक (तत्‍व) सिद्धान्‍त के प्रणेता (प्रवर्तक)है ?
उत्तर :- थर्स्‍टन

प्रश्न :– ‘पुरूष स्त्रियों की अपेक्षा ज्‍यादा बुद्धिमान होते हैं।’ यह कथन ?
उत्तर :- लैंगिक पूर्वाग्रह को प्रदर्शित करता है।

प्रश्न :– एक बालक की आयु 12 वर्ष है। बिने का बुद्धि परीक्षण करने पर वह 15 वर्ष के सामान्‍य बालक के समान अंक प्राप्‍त कर सका, उसका सही बुद्धि लब्धि किस विकल्‍प में दी गई है ?
उत्तर :- 125

प्रश्न :– एक बालक जिसकी बुद्धिलब्धि 105 है उसे वर्गीकृत किया जाएगा ?
उत्तर :- सामान्‍य बुद्धि

प्रश्न :– अशाब्दिक बुद्धि परीक्षणोंका प्रयोग किया जा सकता है ?
उत्तर :- अशिक्षित के लिए

प्रश्न :– आप देखते हैं कि एक छात्र बुद्धिमान है, आप ?
उत्तर :- वह जैसे अधिक प्रगति कर सके उस तरह उसे अनुप्रेरित करेंगे।

प्रश्न :– सामान्‍य बालक का बुद्धिलब्धि स्‍तर क्‍या होता है ?
उत्तर :- 91-110

प्रश्न :– बुद्धि लब्धि मापन के जन्‍मदाता है ?
उत्तर :- टरमन

प्रश्न :– जड़ बुद्धि वाले बालक की बुद्धि लब्धि कितनी होती है ?
उत्तर :- 70 से कम

प्रश्न :– निम्‍नलिखित में से कौन सा कथन सत्‍य है ?
उत्तर :- बुद्धि का लिंग के साथ सम्‍बन्‍ध नहीं है।

प्रश्न :– एक 11 वर्षीय बालक, जिसकी मानसिक आयु 10 वर्ष है, किस श्रेणी में आएगा ?
उत्तर :- औसत बुद्धि

एक 16 वर्षीय किशोर की मानसिक आयु 15 वर्ष है, वह किस श्रेणी में आएगा ?
उत्तर :- औसत

प्रश्न :– विभिन्‍न वैज्ञानिकों ने बच्‍चों की बुद्धि लब्धि के आधार पर उनको भिन्‍न भिन्‍न श्रेणी/संवर्ग की संज्ञा दी है/ नीचे इन श्रेणियों/संवर्गों के चार अनुक्रम (समूह) दिए गए हैं। इनमें ठीक व सही अनुक्रम समूह का चयन कीजिए ?
उत्तर :- जड़ बुद्धि, मंद बुद्धि, श्रेष्‍ठ उच्‍च बुद्धि, प्रतिभाशाली

प्रश्न :– अधिकांश व्‍यक्तियों की बुद्धि औसत होती है, बहुत कम लोग प्रतिभा सम्‍पन्‍न होते हैं और बहुत कम व्‍यक्ति मंद बुद्धि के होते हैं, यह कथन ………….. के प्रतिस्‍थापित सिद्धान्‍तों पर आधारित हैं ?
उत्तर :- बुद्धि के वितरण

प्रश्न :– ई. क्‍यू. एवं आई. क्‍यू. उदाहरण हैं ?
उत्तर :- मानक प्रदत्‍त

प्रश्न :– निम्‍न में से कौन-सा कथन बुद्धि के बारे में सत्‍य नहीं है ?
उत्तर :- यह स्‍थाई एवं अपरिवर्तनशीलता की विशेषता है।

प्रश्न :– एक 12 वर्षीय बालक की मानसिक आयु 10 वर्ष है, वह किस श्रेणी में आएगा ?
उत्तर :- मंद बुद्धि

प्रश्न :– निम्‍न में से कौन बुद्धि परीक्षणों के दुरुपयोग का संकेत देता है ?
उत्तर :- बुद्धि-लब्धि का लेवल बालकों पर लगाकर अध्‍यापक अपनी अकुशलता को छिपाते हैं।

प्रश्न :– 0 से 25 बुद्धि लब्धि को कहते हैं ?
उत्तर :- जड़ बालक

प्रश्न :– गिलफोर्ड के बुद्धि सम्‍बन्‍धी मॉडल में निम्‍न में से कौन सा आयाम नहीं है ?
उत्तर :- विशिष्‍ट तत्‍व

प्रश्न :– बुद्धि के बहुकारक सिद्धान्‍त के प्रतिपादक हैं ?
उत्तर :- थार्नडाइक

प्रश्न :– पिछड़े बालकों की बुद्धि लब्धि होती है ?
उत्तर :- 80 से 90 के बीच

प्रश्न :– जड़ बालकों की बुद्धि लब्धि होती है ?
उत्तर :- 25 से कम

प्रश्न :– गिलफोर्ड के बुद्धि सम्‍बन्‍धी सिद्धान्‍त हैं ?
उत्तर :- त्रिआयामी सिद्धान्‍त

प्रश्न :– अवधारणाओं का विकास मुख्‍य रूप से सम्‍बन्धित है ?
उत्तर :- बौद्धिक विकास से

प्रश्न :– मानसिक रूप से विकलांग से निम्‍नलिखित में से कौन सम्‍बन्धित नहीं है ?
उत्तर :- असामाजिक कार्य

प्रश्न :– बुद्धि के द्वि-कारक सिद्धान्‍त का प्रतिपादन किसने किया ?
उत्तर :- स्पियरमैन

प्रश्न :– बुद्धिमता का सम्‍बन्‍ध किससे है ?
उत्तर :- केन्‍द्रीय चिन्‍तन से, बहुआयामी चिंतन से, सृजनात्‍मकता से

प्रश्न :– विशिष्‍ट बालक का सम्‍बन्‍ध होता है ?
उत्तर :- बुद्धि से

प्रश्न :– निम्‍न में से किसका निश्‍चय केवल आनुवंशिकता के आधार पर होता है ?
उत्तर :- बुद्धि

प्रश्न :– भावात्‍मक बुद्धि का पारिभाषिक शब्‍द (Term) देने वाले विद्वान है ?
उत्तर :- डेनियल गोनमेन

प्रश्न :– भावात्‍मक बुद्धि का प्रमुख प्रसंग है ?
उत्तर :- अपने स्‍वयं की भावनाओं को जानना, अपने भावों को व्‍यवस्थित करना, दूसरे की भावनाओं को पहचानना

प्रश्न :– एक शिक्षार्थी की बुद्धि लब्धि का ज्ञान एक शिक्षक के लिए उपयोगी है, क्‍योंकि ?
उत्तर :- शिक्षण कार्य को सफल एवं प्रभावी बनाने में

प्रश्न :– शारीरिक-गतिक बुद्धि रखने वाले बच्‍चे की अंतिम अवस्‍था निम्‍नलिखित में से कौनसी हो सकती है ?
उत्तर :- शल्‍य चिकित्‍सक

प्रश्न :– बहुविध बुद्धि सिद्धांत के अनुसार सभी प्रकार के पशुओं, खनिजों और पेड़-पौधों को पहचानने और वर्गीकृत करने की योग्‍यता …….. कहलाती है ?
उत्तर :- प्राकृतिक बुद्धि

प्रश्न :– गिलफोर्ड के बुद्धि सम्‍बन्‍धी मॉडल में कुल कोष्‍ठ (खाने) हैं ?
उत्तर :- 120

प्रश्न :– ……………… के अतिरिक्‍त बुद्धि के निम्‍नलिखित पक्षों को स्‍टर्नबर्ग के त्रितंत्र सिद्धान्‍त में संबोधित किया गया है ?
उत्तर :- सामाजिक

प्रश्न :– हावर्ड गार्डनर का बुद्धि का सिद्धान्‍त ………. पर बल देता है ?
उत्तर :- प्रत्‍येक व्‍यक्ति की विलक्षण योग्‍यताओं

प्रश्न :– किसी 10 वर्षीय बालक की मानसिक आयु 14 वर्ष है, वह कहलाएगा ?
उत्तर :- प्रतिभाशाली

प्रश्न :– जो बुद्धि सिद्धान्‍त बुद्धि में सम्मिलित मानसिक प्रक्रियाओं (जैसे परा-घटक) और बुद्धि द्वारा लिए जा सकने वाले विविध रूपों (जैसे सृजनात्‍मक बुद्धि) को शामिल करता है, वह है ?
उत्तर :- स्‍टर्नबग का बुद्धिमता का त्रितंत्र सिद्धान्‍त

प्रश्न :– ‘बुद्धि वह तत्‍व है, जो सब मानसिक योग्‍यताओं में सामान्‍य रूप से सम्मिलित रहता है। परिभाषा इस शताब्‍दी की सबसे महत्‍वपूर्ण मनोवैज्ञानिक खेज का प्रतिष्‍ठापन करती है।‘ यह कथन किसका है ?
उत्तर :- रेक्‍स व नाइट

प्रश्न :– अन्‍तवैयक्तित्‍क बुद्धि से तात्‍पर्य है ?
उत्तर :- विभिन्‍न व्‍यक्तियों को समझने का कौशल

प्रश्न :– बुद्धिलब्धि के संबंध में क्‍या सत्‍य है ?
उत्तर :- कालानुक्रमिक आयु से व्‍युत्‍क्रमी संबंधित

प्रश्न :– बुद्धिका तरल मोज़ेक मॉडल किसने दिया था ?
उत्तर :- कैटेल

प्रश्न :– चेस तथा कार्ड के निम्‍न में से किस में वर्गीकृत किया जा सकता है ?
उत्तर :- बौद्धिक खेल

प्रश्न :– निम्‍नलिखित में से कौन सा क्रिया निष्‍पादन प्रकार के बुद्धि परीक्षण का उदाहरण नहीं है ?
उत्तर :- सरल गणित समस्‍याएँ हल करना।

प्रश्न :– एक बालक जिसकी बुद्धिलब्धि 125 है, किस वर्ग में आएगा ?
उत्तर :- उच्‍च प्रखर

प्रश्न :– एक व्‍यक्ति जो विभिन्‍न संवेगों की पहचान तथा महसूस करने और संवेगों पर नियंत्रण की उच्‍च योग्‍यता रखता है, उच्‍च होगा ?
उत्तर :- EQ पर

प्रश्न :– एक बालक जिसकी दृश्‍य संसार का शुद्धता से प्रत्‍यक्षीतकरने की क्षमता अधिक है वह उच्‍च होगा ?
उत्तर :- स्‍थानिक बुद्धि पर

प्रश्न :– बुद्धि के क्रियात्‍मक परीक्षण उपयोगी है – बालकों के लिए, गूँगे और बहरों के लिए, निरक्षरों के लिए

प्रश्न :– एक दस वर्ष का बालक जो उन पदों पर सफल रहा हैं जिन पर अधिकांश 6 वर्षीय बालक सफल होते हैं, की मानसिक आयु मानी जायेगी ?
उत्तर :- 6

प्रश्न :– निम्‍नलिखित में से कौन सा बुद्धि का सिद्धान्‍त संज्ञानात्‍मक प्रक्रिया पर आधारित है ?
उत्तर :- गिल्‍फर्ड त्रिआयामी सिद्धान्‍त

प्रश्न :– बुद्धि के सूचना प्रक्रम (प्रोसेसिंग) उपागम का वर्णन किसने किया ?
उत्तर :- स्‍टर्नबर्ग

प्रश्न :– स्‍पीयरमेन के अनुसार, सभी संज्ञानात्‍मक कार्यों में शामिल मानसिक ऊर्जा या क्षमता को क्‍या नाम दिया ?
उत्तर :- जी-कारक

प्रश्न :– गार्डनर के अनुसार अन्‍य व्‍यक्तियों की मनोदशा, स्‍वभावों, अभिप्रेरणाओं और इच्‍छाओं को समझकर उसमें विभेदन करने की योग्‍यता कहलाती है ?
उत्तर :- अंर्तवैयक्तिक बुद्धि

प्रश्न :– बुद्धि का कौन सा प्रकार गार्डनर द्वारा नहीं सुझाया गया ?
उत्तर :- सांस्‍कृतिक

प्रश्न :– अमूर्त बुद्धि किसी व्‍यक्ति की मदद करती है ?
उत्तर :- समस्‍याएँ सुलझाने में

प्रश्न :– एक सफल इन्टिरीयर डिजाइनर में किस तरह की बुद्धि की प्रबलशीलता होती है ?
उत्तर :- अमूर्त बुद्धि की

बाल मनोविज्ञान प्रश्नोत्तरी।।

Q१ किंडरगार्टन पद्धति में शिक्षक की भूमिका किस प्रकार की होती है? 
Answer__ पंथ प्रदर्शक

Q२ विषय वस्तु को छोटे-छोटे अंशों में बांटने का शिक्षण सिद्धांत क्या कहलाता है।?
Answer विश्लेषण 

Q३ आगमन विधि में छात्र किस और अग्रसर होता है? 
Answerविशिष्ट से सामान्य की ओर

Q४ ज्ञानात्मक पक्ष का अंतिम स्तर क्या है? 
Answer___मूल्यांकन

Q५ राष्ट्रीय सामाजिक अध्ययन शिक्षण का राष्ट्रीय पाठ्यक्रम किस वर्ष बनाया गया? 
Answer__2005

Q६ डाल्टन शिक्षण विधि का विकास किसने किया ?? 
Answerहेलन पार्क हर्स्टन 

Q७ स्मिथ ने शिक्षण के  त्रिध्रुवी प्रक्रिया में कार्यवाहक किसे माना है ??
Answerशिक्षक को

Q८ परियोजना विधि के प्रतिपादक कौन है?? 
Answer किलपैट्रिक

Q९ किशोरावस्था में बच्चे किस प्रकार की समस्या का सामना करते हैं ?? 
Answer शारीरिक व मानसिक

बाल मनोविज्ञान।।

प्रश्न.कौन-सा मानसिक रूप से स्‍वस्‍थ व्‍यक्ति का लक्षण है?
उत्तर. स्‍व-मूल्‍यांकन की योग्‍यता, समायोजनशालता, आत्‍मविश्‍वास

प्रश्न.व्यवहारवादी ने कहा है, ”मुझे नवजात शिशु दे दो मैं उसे डॉक्टर, वकील, चोर या जो चाहूँ बना सकता हूँ”
उत्तर.वाटसन

प्रश्न.कोह्लबर्ग के अनुसार किस अवस्था में नैतिकता बाह्य कारकों द्वारा निर्धारित होती है?
उत्तर.पूर्व पारम्परिक अवस्था

प्रश्न.कथा प्रसंग परीक्षण (T.A.T.) को निर्मित किया है?
उत्तर. मुर्रे एवं मॉर्गन ने

प्रश्न.फ्रायड के अनुसार
उत्तर.विस्मरण वह प्रवृत्ति है, जिसके द्वारा दुखद अनुभवों को स्मृति से अलग कर दिया जाता है

प्रश्न.बहु मानसिक योग्‍यता का सिद्धान्‍त किसने प्रतिपादित किया था
उत्तर. थर्स्‍टन ने

प्रश्न.प्रेक्षणात्मक अधिगम सम्प्रत्यय ”:” द्वारा दिया गया था?
उत्तर.बैण्डूरा

प्रश्न.एक बालक की मानसिक आयु (MA) 12 वर्ष है तथा उसकी शारीरिक आयु (CA) 16 वर्ष है, तो उसकी बुद्धि-लब्धि (IQ) होगी
उत्तर. 75

प्रश्न.प्राणी के व्‍यवहार को संचालित करने वाली जन्‍मजात एवं अर्जित प्रवृत्तियों को कहते हैं
उत्तर.प्रेरक

प्रश्न.विकास की किस अवस्था में बुद्धि का अधिकतम विकास होता है?
उत्तर.किशोरावस्था

प्रश्न.रार्शास्‍याही धब्‍बा परीक्षण में प्रयुक्‍त होने वाले कार्डों की संख्‍या होती है?
उत्तर. 10

प्रश्न.मनोविज्ञान की प्रथम प्रयोगशाला को स्‍थापित करने का श्रेय प्राप्‍त है
उत्तर. वुण्‍ट को

प्रश्न.एक परिस्थिति में अर्जित ज्ञान का दूसरी परिस्थिति में उपयोग कहलाता है?
उत्तर.सीखने में स्थानान्तरण

प्रश्न.अभिक्षमता के प्रमुख प्रकार है?
उत्तर. दो

प्रश्न.‘परसोना’ शब्‍द का लैटिन भाषा में अर्थ होता है?
उत्तर. बाहरी रूप रंग या नकली चेहरा

प्रश्न.प्राथमिक विद्यालय के पाठ्यक्रम में खेल पर कम तथा अन्‍य विषयोंके शिक्षण पर अधिक ध्‍यान दिया जाता है। इसका मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य पर प्रभाव होगा?
उत्तर.प्रतिकूल

प्रश्न.वर्ग घटक या संघ सत्‍तात्‍मक सिद्धान्‍त किसने दिया था
उत्तर. थॉमसन ने

प्रश्न.व्‍यक्तित्‍व को निर्धारित करने वाले कारक हैं?
उत्तर. जैविक या अनुवांशिक कारक, पर्यावरण सन्‍बन्‍धी कारक

प्रश्न.उदाहरण, निरीक्षण, विश्लेषण, वर्गीकरण, नियमीकरण किस विधि के सोपान हैं?
उत्तर.आगमन विधि

प्रश्न.कौन-सी विशेषता अभिक्षमता से सम्‍बन्धित है?
उत्तर.जन्‍मजात शक्ति, अमूर्त शक्ति व अन्‍तर्निहित शक्ति

प्रश्न.उत्‍कृष्‍ट बालक की बुद्धिलब्धि होती है
उत्तर. 140-200 तक

प्रश्न.सामूहिक बुद्धि परीक्षणों का जन्‍म अमेंरिका में कब हुआ
उत्तर. प्रथम विश्‍व-युद्ध के समय

प्रश्न.सम्प्रत्यय निर्माण का प्रथम सोपान है?
उत्तर.प्रत्यक्षीकरण

प्रश्न.कक्षा शिक्षण में पाठ प्रस्तावना सोपान सीखने के किस नियम पर आधारित है?
उत्तर.तत्परता का नियम

प्रश्न.बालक के सर्वांगीण विकास में भूमिका होती है?
उत्तर.मानसिक एवं शारीरिक स्‍वास्‍थ्‍य की

प्रश्न.अभिवृत्ति का परिवर्तन करता है?
उत्तर.सम्‍भव

प्रश्न.कौन-सा तथ्‍य अभिक्षमता परीक्षण से सम्‍बन्धित है?
उत्तर.सामान्‍य अभिक्षमता परीक्षण व विशिष्‍ट अभिक्षमतापरीक्षण

प्रश्न. व्‍यक्तिनिष्‍ठ परीक्षण है?
उत्तर. प्रश्‍नावली विधि

प्रश्न.निम्न में से किस विधि का उपयोग स्मृति के मापन के लिए नहीं किया जाता है?
उत्तर.तार्किक विधि

प्रश्न.वह मापनी जिसमें अन्तराल मापनी के समस्त गुण के साथ परम शून्य भी हो, कहलाती है?
उत्तर.अनुपात मापनी

प्रश्न.”रुचि किसी प्रवृत्ति का क्रियात्‍मक रूप है।” यह परिभाषा किसने दी है
उत्तर. ड्रेवर ने

प्रश्न.सीखने की प्रक्रिया सम्‍पादित होती है
उत्तर.शिक्षकों से

Topic - चिन्तन के उपकरण या साधन

चिन्तन के उपकरण या साधन –विभिन्न विद्वानों ने अपने अध्ययनों के आधार पर चिन्तन प्रक्रिया के आधार स्तम्भ या उपकरण को निम्नलिखित भागों में प्रस्तुत किया है-

(1) प्रतिमाएँ (Images)  मानव अनुभव प्रतिमाओं के आधार पर व्यक्त होता है। हम जो कुछ देखते हैं, करते हैं एवं सुनते हैं, सभी का आधार मन में विकसित प्रतिमा होती है। इसीलिए इनको स्मृति प्रतिमा, दृश्य प्रतिमा, कल्पना प्रतिमा आदि नाम देते हैं। ये प्रतिमाएँ वस्तु, व्यक्ति एवं विचार से निर्मित होती हैं। चिन्तन में इन्हीं को आधार बनाया जाता है।

(2) प्रत्यय (concept) – चिन्तन का महत्वपूर्ण साधन प्रत्यय भी माना जाता है। इसके द्वारा हमें ‘सम्पूर्ण ज्ञान‘ का बोध होता है; जैसे -हाथी शब्द को सुनकर हमारे मस्तिष्क में हाथी से सम्बन्धित संचित प्रत्यय जाग जाता है और सम्पूर्ण ज्ञान का अभ्यास होने लगता है।

(3) प्रतीक एवं चिन्ह (symbols and signs)–प्रतीक एवं चिन्ह मूक रहते हुए भी अपना अर्थ स्पष्ट या व्यक्त करने में समर्थ होते हैं। सड़क पर बने हुए प्रतीक या चिन्ह हमें सही गति एवं सुरक्षा को स्पष्ट करते हैं। इसी प्रकार गणित में + या x का चिन्ह अर्थ स्पष्ट करता है कि हमें क्या करना है?

(4) भाषा (Language) -विद्वानों ने भाषा के पीछे चिन्तन शक्ति को बतलाया है। सामाजिक विकास में भाषा संकेतों एवं इशारों से भी प्रकट होती है जैसे-मुस्कराना, भौंहें चढ़ाना तथा अँगूठा दिखाना आदि। इन सबका दैनिक जीवन में प्रयोग किया जाता है तथा बिना बोले अर्थ को लगाना या समझना प्रचलित है। इन सबके पीछे चिन्तन शक्ति है, जो अर्थों को स्पष्ट करती है।

(5) सूत्र (Formula) हमारी प्राचीन परम्परा है कि हम ज्ञान को छोटे-छोटे सूत्रों में एकत्रित करके संचित करते हैं। इसमें गणित, विज्ञान आदि के सूत्र आते हैं। भारतीय ज्ञान संस्कृत के श्लोकों में संचित है जिसकी व्याख्या से अपार ज्ञान प्रकट होता है। सूत्र को देखकर हमारी चिन्तन शक्ति उसमें निहित सम्पूर्ण ज्ञान को प्रकट करती है।

Topic ~ समस्या समाधान

❇️जब वह मनुष्य के सामने कोई समस्या आती हैं तो वह समस्या के समाधान के लिए चिंतन आरंभ करता है उचित चिंतन के द्वारा समस्या का समाधान खोजता है अर्थात समस्या समाधान वह प्रतिमान है जिसमें तार्किक चिंतन निहित होता है|

🔰समस्या समाधान की परिभाषा

✳️वेस्ले तथा रोनस्को- “ समस्या समाधान एक ऐसी चुनौती है जिसका सामना करने के लिए अध्ययन तथा खोज की आवश्यकता पड़ती है|

✳️स्किनर- समाधान किसी लक्ष्य की प्राप्ति में बाधक बनती कठिनाइयों पर विजय प्राप्त करने की प्रक्रिया है| यह बाधाओं के बावजूद समायोजन कर सकने की प्रक्रिया है।

✳️मर्सेल- समस्या समाधान विधि का शिक्षा में सबसे अधिक महत्व है।

🔰समस्या समाधान की विधियां

1.अनसीखी विधि
2.प्रयास और त्रुटि विधि
3.सूझ एवं अंतर्दृष्टि विधि
4.वैज्ञानिक विधि

🔰वैज्ञानिक विधि के चरण

1.समस्या के प्रति चेतना या जागरूकता
2.समस्या को समझना
3. संबंधित सूचना व आंकड़े एकत्रित करना
4.परिकल्पना संभव समाधानों का निर्माण करना
5.निष्कर्ष या समाधान की पुष्टि करना

🔰समस्या समाधान विधि का महत्व

1. इससे छात्रों के तार्किक चिंतन व सृजनात्मक शक्ति का विकास होता है।

2. समस्याओं का समाधान करने के लिए वैज्ञानिक विधि के प्रयोग का अनुभव प्राप्त होता है।

3. समस्या समाधान विधि से छात्रों में स्वयं कार्य करने का आत्मविश्वास उत्पन्न होता है।

4. समस्या समाधान विधि छात्रों की रुचि को जागृत करती हैं।

5. समस्या समाधान विधि छात्रों को उनके भावी जीवन की समस्याओं को हल करने का प्रशिक्षण देती हैं।

बाल विकास और मनोविज्ञान।। भाग - 4

विषय : पोषण एवं आहार

इकाई - 4

विषयांश : 
उपइकाई-1 – प्रस्तावना – उद्देश्य, पोषण का अर्थ एवं महत्व, विभिन्न आयु वर्ग व कार्य केअनुरूप संतुलित आहार, विभिन्न पोषक तत्वों की आवश्यकता एवं कार्य । 
उपइकाई-2 – कुपोषण जनित बीमारियां और उनको दूर करने के उपाय, भोजन पकाने कीविधियां एवं उनका पोषक तत्वों पर पड़ने वाला प्रभाव । 

प्रिय छात्र,
पिछली इकाई में आपने बालकों के मानसिक स्वास्थ्य एवं व्यवहार सम्बन्धी समस्याओं के विषय में अध्ययन किया। इस इकाई में आप संतुलित आहार विभिन्न पोषक तत्वों, कुपोषण, भोजन पकाने की विभिन्न विधियों की जानकारी प्राप्त करेंगे।

प्रस्तावना
 भोजन जीवित रहने के लिये परम आवश्यक है, स्वस्थ तथा निरोगी रहने के लिये हमें संतुलित आहार लेना चाहिये। संतुलित भोजन वह भोजन है जिसमें कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, खनिज लवण, विटामिन और जल आदि उपयुक्त अनुपात में हो तथा जिनसे शारीरिक व मानसिक आवश्यकताओं की पूर्ति हो।प्रत्येक व्यक्ति के लिये संतुलित आहार अलग अलग होता है, क्योंकि व्यक्ति विशेष के शरीर में इसकी आवश्यकता अलग अलग होती है। संतुलित आहार नही लेने पर बालक का शरीरिक तथा मानसिक विकास रूक जाता है, जिससे शरीर में इनकी कमी आ जाती है। इन कमियों को दूर करने के लिये हमें अपने भोजन में सभी पोषक तत्व लेने चाहिये। 

उद्देश्य

० इस इकाई के पश्चात आप निम्न बिन्दुओं के विषय में समझ सकेंगे - 
० पोषण का अर्थ तथा महत्व 
० संतुलित आहार व कुपोषण 
० विभिन्न आयु वर्ग तथा कार्यो के लिए संतुलित आहार 
० वसा, प्रोटीन, विटामिन, खनिज लवण, कार्बोहाइड्रेट तथा जल की उपयोगिता व कार्य
० कुपोषण जनित बीमारियां तथा उनको दूर करने के उपाय 
० भोजन को पकाने की विधियां
० पकाने पर पोषक तत्वों पर प्रभाव 



पोषण का अर्थ व महत्व
मनुष्य की तीन बुनियादी आवश्यक आवश्यकतायें मानी गई है भोजन, वस्त्र और मकान किन्तु इन तीनों में से जीवित रहने के लिए भोजन की परम आवश्यकता होती है। प्रत्येक प्राणी सर्वप्रथम अपनी इन आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु प्रयास करता है। स्वस्थ्य व सशक्त शरीर का निर्माण उचित पोषण पर निर्भर करता है न कि आहार पर। पोषण व आहार में अंतर है, आहार ठोस व तरल पदार्थों का समग्र रूप है है जिसे हम भूख शान्त करने के लिए उपयोग में लेते हैं, परन्तु पोषण वह प्रक्रिया है जिससे भोजन शरीर को पोषक तत्व देता है या इस आहार को शरीर में आत्मसात होकर शक्ति का स्त्रोत बनना पोषणकहलाता है। डी. फी. टरनर के शब्दों में “पोषण वह सम्मिलित प्रक्रिया है, जिसके द्वारा एक सजीव प्राणी अपने शरीर के रखरखाव कार्य करने व शरीर की वृद्धि के लिए आवश्यक पदार्थो को ग्रहण कर उनका प्रयोग करता है।" साधारण शब्दों में हम कह सकते हैं कि पोषण का अर्थ वे जटिल रासायनिक प्रक्रियायें है जिनके द्वारा मनुष्य द्वारा खाये जाने वाले भोजन में से उसका शरीर आवश्यक पदार्थों को ग्रहण कर पाचन द्वारा (अभिशोषित) कर (अभिपोषक) उसका प्रयोग (चयापचय) करना है, जिससे शरीर का पोषण होता है। पोषण का अर्थ भोजन का पाचन, अभिशोषण, चयापचय है। जिसके द्वारा पोषण अर्थात शरीर निर्माण, ऊर्जा प्राप्ति तथा रोगरोधन क्षमता प्राप्त होना। यदि मनुष्य द्वारा खाया भोजन इन तीनों कार्यों को करता है, तो उसका पोषण होता है अन्यथा नहीं। पोषण का सीधा संबंध पौष्टिक तत्वों से होता है, ये पौष्टिक तत्व उन भोज्य पदार्थों में पाये जाते है जिन भोज्य पदार्थों को हम भोजन के रूप में ग्रहण करते हैं। 
ये पोष्टिक तत्व निम्नानुसार 6 प्रकार के होते हैं :
1. प्रोटीन    2. कार्बोहाइड्रेट्स     3. वसा    4. विटामिन    5. खनिज लवण       6. जल 

पोषण का महत्व - आहार में विभिन्न पोषक तत्व शरीर में प्रवेश करके निम्नलिखित महत्वपूर्ण कार्य करते हैं
1. शरीर का निर्माण करना : शरीर एक विकासशील जैविकीय इकाई है। इसकी वृद्धि एवं विकास के लिए पोषण तत्वों की आवश्यकता होती है। ये हमारी हड्डियों, दांतो, मांसपेशियों, कोमल तंतुओं, रूधिर तथा अन्य शारीरिक द्रव्यों का निर्माण करते हैं। 

2. ऊतकों की मरम्मत : प्रौढ़ावस्था में शरीर की वृद्धि व विकास की प्रक्रिया तो तीव्र गति से नहीं होती है, परन्तु शरीर में ऊतकों की टूटफूट होती रहती है, जिनकी मरम्मत का कार्यभोजन तत्व प्रोटीन ही करता है।

3. शरीर को ऊर्जा प्रदान करना – शरीर की उष्मा बनाए रखने एवं शारीरिक कार्य करने के लिए,मांसपेशियों को सक्रियता प्रदान करने तथा शरीर के विभिन्न अंगों को दैनिक क्रियाओं के लिए तत्पररखने के लिए, ऊर्जा की आवश्यकता होती है। भोजन में वसा ही शरीर की इस महत्वपूर्ण आवश्यकता की पूर्ति एवं शरीर को ऊर्जा प्रदान करके करता है। मानसिक श्रम करने वालों की अपेक्षा, शारीरिक श्रम करने वालों को, आहार अधिक देना होता है, क्योंकि उनकी मांसपेशियाँ अधिक क्रियाशील रहती है व उन्हें अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। 

4. रोग रोधन की क्षमता देना : यदि आहार में एक से अधिक तत्वों की कमी होगी तो शरीर के विभिन्न अंगों के कार्य संचालन में अव्यवस्था उत्पन्न होगी और परिणाम स्वरूप शरीर के स्वास्थ्य, वृद्धि व विकास पर विपरीत प्रभाव होगा। शरीर के रोगों से लड़ने की शक्ति पोषक तत्वों के भोजन में रहने से प्राप्त होती है। शरीर में होने वाली अनेक क्रियायें जैसे, हृदय का निस्पन्दन, मांसपेशियों का संकुचन, शरीर में जल की मात्रा का संतुलन, रक्त का स्कंदन, शरीर के ताप का नियंत्रण, शरीर में उत्पन्न होने वाले विषैले पदार्थो का निष्कासन आदि भोजन में उपस्थित इन पोषक तत्वों के कुछ तत्व ही करते है। 

5. विभिन्न आयुवर्ग व कार्य के अनुरूप संतुलित आहार – संतुलित आहार उस आहार को कहते है जो शरीर की आवश्यकताओं को पूरा करता है, और अपेक्षाओं को तृप्त करता है, जिसमें भोजन के सभी पौष्टिक तत्व सम्मिलित हो और इन तत्वों का उचित अनुपात में व्यक्ति की आयु, लिंग और काम करने की स्थिति आदि का ध्यान रखकर निर्धारित किया गया हो या संतुलित आहार वह भोजन होता है जिसमें भोजन के समस्त पौष्टिक तत्व व्यक्ति विशेष को शरीर की मांग के अनुसार उचित मात्रा व उचित साधनों से प्राप्त हों।प्रत्येक व्यक्ति के लिए संतुलित आहार अलग अलग होता है, भोज्य पदार्थ वही होते है पर प्रत्येक व्यक्ति की पौष्टिक तत्वों की मांग अलग-अलग होने के कारण भोज्य पदार्थो की मात्रा अलग अलग हो जाती है अन्यथा एक ही रूपरेखा वाला आहार सब को देने पर वह एक व्यक्ति के लिए ही संतुलित होगा परन्तु दूसरे व्यक्ति के लिए असंतुलित होगा। शारीरिक श्रम करने के लिए जिस शक्ति की आवश्यकता होती है उसे ऊर्जा कहते हैं। पोषण में ऊर्जा की इकाई कैलोरी है। कैलोरी को इस प्रकार भी परिभाषित कर सकते हैं। "1 किलोग्राम पानी का तापक्रम 1°C बढ़ाने के लिए जितनी उष्मा का प्रयोग होता है उसे कैलोरी कहते है।" 

                                एक व्यक्ति के लिए कैलोरी की प्रतिदिन की आवश्यकता। 







पाठ्यगत प्रश्न प्र. 1 प्रत्येक व्यक्ति के लिए संतुलित आहार होता है। अ) कम ब) अधिक स) समान द) अलग अलग प्र. 2 पोषण में ऊर्जा को मापने की इकाई है । अ) जूल ब) कैलोरी स) अर्ग द) ग्राम प्र. 3 भोज्य पदार्थो में कौन-कौन से पोषक तत्व होते हैं ? प्र. 4 संतुलित आहार से आप क्या समझते हैं? प्र. 5 भोजन के क्या कार्य हैं? 4.5 विभिन्न पोषक तत्वों की आवश्यकता एवं कार्य : वसा : वसा से शरीर में ताप उत्पन्न होता है। इसके द्वारा शरीर को शक्ति और उर्जा प्राप्त होती है।एक ग्राम वसा में लगभग 9 कैलोरी ताप होता है। वसा, मक्खन, तेल, घी, मांस, अण्डा आदि में पाया जाता है। कार्य व महत्व 1. उच्च कैलोरी प्रदान करने के कारण वसा उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है जिन्हें कार्य करते समय अधिक ऊर्जा नष्ट करनी पड़ती है।
2. यह भोजन बनाने में सहायक सिद्ध होती है।
3. यह भोजन को स्वादिष्ट बनाती है।
4. वसा से शरीर में ताप उत्पन्न होता है और यह ठण्ड से बचाती है।
5. शरीर में अधिक वसा इकट्ठा होना हानिकारक है। यह अतिरिक्त वसा शारीरिक अंगों की क्रियाओं में बाधा डालती है। अधिक वसा के सेवन से कोलेस्ट्राल की मात्रा बढ़ जाती है, जिसके कारण हृदय रोग होता है। कार्बोहाईड्रेस : चावल, गेहूँ, आलू, शक्कर, फलों, दूध, मकई, गन्ना, केला, शलगम, बाजरा आदि में कार्बोहाईड्रेट्स पाया जाता है। कार्य व महत्व :
1. ये शरीर में ईंधन के रूप में जाने जाते हैं व ऊर्जा के प्रमुख साधन है।
2. कार्बोहाईड्रेट की कमी से शरीर का वजन कम जो जाता है।
3. यह सस्ता व सुपाच्य होता है।
4. शरीर के रखरखाव के लिए कार्बोहाईड्रेट्स आवश्यक है। प्रोटीन : दूध, मांस, मछली, अण्डे, अखरोट, फलियां, मटर, बादाम, मांस, मछली, गेहूं का छिलका आदि में प्रोटीन पाया जाता है। कार्य व महत्व :
1. प्रोटीन शरीर की वृद्धि एवं विकास में अपूर्व योगदान प्रदान करने वाला पोषक तत्व है।
2. प्रोटीन शरीर के प्रत्येक कोशों में प्रोटोप्लाज्म के रूप में उपस्थित होता है।
3. शरीर के तंतुओं में निरन्तर टूट फूट होती रहती है और प्रोटीन इनकी मरम्मत कर पुनः निर्माण करता है ।
4. सभी एन्जाइम प्रोटीन होते है और पाचक व उपाचयन क्रियाओं के आवश्यक प्रेरक है। खनिज लवण : कैल्शियम, मॅग्नीशियम, सोडियम, पोटेशियम, फास्फोरस, गंधक, क्लोरीन, प्रमुख खनिज लवण है, इनकी मात्रा शरीर में पाये जाने वाले खनिज लवणों का 60 प्रतिशत से 80 प्रतिशत है। इनकी निश्चित मात्रा दैनिक आहार में नितांत आवश्यक है। कार्य व महत्व : 1. खनिज लवण अस्थियों, दांतों तथा मांसपेशियों का निर्माण करते है। 2. शरीर में अम्लों और क्षारों का संतुलन कायम रखते है। 3. पाचक अम्लों व रसों के उत्पादन में सहायता देते है। 4. रक्त जमाव निर्माण के लिए आवश्यक है। शरीर को निरोग बनाये रखने में सहायता प्रदान करते है। 5. विटामिन्स : विटामिन्स जीवन प्रदान करने वाले पदार्थ है। विटामिन प्रमुख रूप से छ: प्रकार के होते है। A, B, C, D, E तथा K
कार्य : 1. शरीर व रोगों से संघर्ष करने की क्षमता उत्पन्न करना। 2. पाचक को सक्रिय रखने के लिये आवश्यक है। 3. स्नायु संस्थान को सक्रिय बनाते हैं। 4. शरीर का समुचित विकास करने में सहायक होता है।


जल : मनुष्य जल के बिना जीवित नहीं रह सकता यह सभी रूपों में सर्वोत्तम होता है।शरीर में 75 प्रतिशतजल ही रहता है। सामान्यतः व्यक्ति को प्रतिदिन 4 से 5 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। सभीपाचक रस जलीय होते हैं। 
कार्य व महत्व :
1. यह शरीर से जहरीले पदार्थ और व्यर्थ सामग्री निकालने में सहायता करता है। 
2. यह भोजन पचाने में सहायता करता है। 
3. यह हड्डियों को शुष्क होने से बचाता है। 
4. यह कोशिकाओं को नर्म तथा लचीली अवस्था में रखता है। यह रक्त संचरण में सहायता देता है। 
5. यह शरीर में तापमान को नियमित करता है। यह शरीर को खनिज लवण प्रदान करता है।

पाठ्यगत  प्रश्न :
6. विटामिन 'ए' की कमी से होने वाला रोग है :
अ) घेघा     ब) रिकेट्स     स) बेरी – बेरी      द) रतौंधी 
7. बेरी – बेरी रोग किसकी कमी से होता है :
अ) विटामिन 'ए'    ब) विटामिन 'बी   ' स) विटामिन 'सी'      द) विटामिन 'डी' 
8. शरीर में ताप उत्पन्न करता है :
अ) जल      ब) विटामिन       स) प्रोटीन     द) वसा 
9. जल का हमारे भोजन में क्या महत्व है? 
10. वसा के स्त्रोत कौन कौन से है ? 

कुपोषण जनित बीमारियों तथा उनको दूर करने के उपाय :-
कुपोषण : अपूर्ण पोषण व कुपोषण उस दशा का नाम है जब व्यक्ति को संतुलित भोजन नहीं मिलता एवं जिससे अनियमित जीवन व्यतीत करता है। यह अवस्था व्यक्ति के शारीरिक विकास के साथ-साथ उसके मानसिक विकास को भी प्रभावित करती है। कुपोषण के कारण शरीर में विभिन्न के विकार उत्पन्न हो जाते है। इस प्रकार जो भोजन आवश्यक भोजन तत्वों के अनुरूप नहीं होता उसे कुपोषित भोजन कहते है। कुपोषण के कारण निम्न हो सकते है :-
1. घर तथा विद्यालय में शुद्ध वायु, प्रकाश, धूप, जल के न मिलने तथा गंदे वातावरण के कारण बालक कुपोषण से पीड़ित होते है। 
2. उचित मात्रा में निद्रा व विश्राम नहीं मिलने से भी बच्चे कुपोषण से पीड़ित हो जाते हैं। 
3.  कुपोषण का मुख्य कारण पौष्टिक तत्वों से युक्त भोजन का अभाव होता है। बालकों के भोजन में प्रायः प्रोटीन, कार्बोहाईड्रेट, वसा, खनिज लवण, विटामिन आदि आवश्यक तत्वों में कमी रहती है।
4. भोजन में इन तत्वों के अनुचित मात्रा होने से भी कुपोषण होता है। 
5. भोजन को उचित समय पर ग्रहण नहीं करने से भी कुपोषण होता है।

कुपोषण से होने वाली बीमारियां : 
1. विटामिन 'ए' की कमी से बच्चों में रतौंधी की समस्या, (आँखों की रोशनी में कमी की समस्या) देखी जाती है। 
2. खनिज लवणों के अभाव में अस्थियाँ व दांत अविकसित हो जाते है। 
3. अपूर्ण पोषण की अवस्था में बालक के शरीर का विकास रुक जाता है एवं आयु के अनुसार बालक की ऊँचाई एवं भार में कमी होती है। 
4. बालक जरा सा श्रम करने पर थकावट का अनुभव करने लगता है। 
5. नींद न आने की बीमारी हो जाती है।
6. विटामिन 'डी' की कमी से हड्डियों में टेढ़ापन आ जाता है जिसे रिकेट्स रोग कहते है। 
7. वसा की कमी से छात्र दिन प्रतिदिन दुर्बल होने लगता है, चेहरा चेतनहीन हो जाता है। त्वचा पीली व खुरदरी हो जाती है। 
8. विभिन्न पोषक तत्वों की कमी से बच्चा संक्रामक रोगों से अधिक ग्रसित हो जाता है। 
बच्चों में रक्त की कमी से एनीमिया हो जाती है। 
9. बैठने और खड़े होने की मुद्रा बिगड़ जाती है, जिसके परिणामस्वरूप शरीर में कई प्रकार के रोग हो जाते है और उचित विकास रूक जाता है।
10. कार्बोहाईड्रेट के अधिक प्रयोग से अपच, अतिसार और मधुमेह रोग हो जाते है।
11. विटामिन 'के' के अभाव में चोट लगने पर रक्त का थक्का न जमने से रक्तस्त्राव होता रहता है। 
13. विटामिन 'ई' के अभाव में स्त्रियों में गर्भपात, बांझपन तथा पुरूषों में नपुंसकता आ जाती है।

कुपोषण या बीमारियों को दूर करने के उपाय 
1. स्कूल व घर का वातावरण अधिक से अधिक साफ सुथरा होना चाहिये। रसोईघर, भोजन कक्ष व शौचालयों की सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिये। 
2. स्कूलों में मध्यान्ह भोजन में पोषक तत्वों का भी प्रबंध होना चाहिये। 
3. प्रत्येक विद्यार्थी का वर्ष में एक बार वजन, लम्बाई का नाप, नेत्र, दांत आदि की जांच होना चाहिये। 
4. स्कूल के समय में सामन्यतः सभी विषयों के अध्यापकों और विशेषकर स्वास्थ्य शिक्षक द्वारा सभी श्रेणियों के छात्रों को व्यक्तिगत स्वच्छता का ज्ञान प्रदान करने पर बल देना चाहिये।
5. शिक्षकों को बच्चों को पौष्टिक खाना खाने की सलाह देना चाहिये। शिक्षकों को विद्यालय में विद्यार्थियों को टिफिन में पौष्टिक भोजन लाने को प्रेरित करना चाहिये। उनको फास्टफूड खाने की कमियां बताना चाहिये।
6. व्यक्ति के दैनिक जीवन में मानसिक कार्य, शारीरिक क्रियाकलाप, विश्राम, नींद तथा मनोरंजन सभी का उचित स्थान होना चाहिए। केवल काम व केवल आराम घातक होता है।
7. बच्चों को खेलों का महत्व समझाना चाहिये।
भोजन पकाने की विधियां एवं उनका पोषक तत्वों पर पड़ने वाला प्रभाव - भोजन पकाने की विधियां – भोजन पकाने की विधियां पीढ़ी दर पीढ़ी सुधरती जाती है। जैसे - जैसे मानव जाति प्रगति करती गई तथा उनके स्वाद में सुधार होता गया, भोज्य पदार्थों के पकाने की अनेकानेक विधियां प्रचलित होती गई। भोजन को पकाने के प्रमुख निम्नलिखित तीन उद्देश्य हैं : 1. भोज्य सामग्री को सुपाच्य बनाने के लिए भोजन को पकाते हैं। 2. पकाने में भोज्य सामग्री स्वाद, सुगंध एवं बाहृय स्वरूप की दृष्टि से आकर्षक बना दी जाती है। 3. पकाने में विभिन्न प्रकार का ताप प्रयुक्त किया जाता है। ताप से वस्तुओं को सड़ाने वाले व विषयुक्त कीटाणु नष्ट हो जाते है। पाक क्रिया से भोज्य पदार्थो में विशेषकर दूध, मांस, मछली में उपस्थित कीटाणु व कृमि नष्ट हो जाते है।
पकाने के माध्यम की दृष्टि से पाक विधियों को निम्न चार वर्गों में विभाजित किया जा सकता है 1. जल द्वारा 2. वाष्प द्वारा 3. चिकनाई द्वारा 4. वायु द्वारा
1. जल द्वारा (उबालना) – यह पकाने की सरल विधि है, इसमें पकायी जाने वाली वस्तु को किसी भगौने या बर्तन में जल के साथ डाल दिया जाता है। तत्पश्चात उसे चूल्हे पर रखकर तब तक उबाला जाता है जब तक कि वह पर्याप्त मुलायम न हो जाए।
2. वाष्प द्वारा - भोज्य पदार्थ वाष्प के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष संपर्क में लाकर पकाया जाता हैं प्रत्यक्ष विधि के अंतर्गत कढ़ाही या भगौने में उबलते हुये जल में निकली हुई वाष्प द्वारा वस्तु को पकाया जाता है। अप्रत्यक्ष विधि में उबलते हुये जल के ऊपर दो प्लेटों के मध्य पकने की क्रिया सम्पन्न होती है। वाष्प के दबाव से भोज्य पदार्थो को पकाया जाता है, इस सिद्धांत का उपयोग प्रेशर कुकर में किया जाता है।
3. चिकनाई द्वारा - इस विधि द्वारा भोज्य वस्तु को पकाने का प्रमुख माध्यम तेल, घी तथा अन्य स्निग्ध पदार्थ होते है। इस विधि से भोज्य पदार्थ को हल्का धुंआ निकलते हुये गर्म घी या तेल में पकाया जाता है। यह सर्वाधिक शीघ्रतापूर्वक भोजन पकाने की उपयुक्त विधि है। गर्म घी या तेल में ज्यों ही भोज्य पदार्थ डाला जाता है, गर्मी के कारण ऊपरी परत कठोर हो जाती है। परिणामतः उसके अन्दर के पोषक तत्व बाहर नहीं निकल पाते और भोजन स्वादिष्ट बनता है परन्तु गरिष्ट होने के कारण शीघ्रता से नहीं पचता।

4. वायु द्वारा – भूनना, सेंकना तथा भट्टी या तंदूर में पकाते समय वायु भोज्य पदार्थ को पकाने का कार्य करती है। - भूनना - इस विधि में पकायी जाने वाली सामग्री राख या बालू के माध्यम से ताप के संपर्क में आती है। - सेकना - सेंकना, भूनना से अलग है भूनने में भोज्य सामग्री आग के प्रत्यक्ष संपर्क में नहीं आती है जबकि सेंकने में प्रत्यक्ष रूप से अंगारों के ऊपर रखकर सेंका जाता है। बैंगन, आलू इसी विधि से सेंकते है। - तंदूर या भट्टी में पकाना - इस विधि में भोज्य पदार्थ को भट्टी के अंदर रख दिया जाता है, शुष्क उष्णता के माध्यम से भोज्य सामग्री पकायी जाती है। केक आदि इसी विधि से पकाये जाते है। पोषक तत्वों पर उष्णता का प्रभाव : पकाने की प्रत्येक विधि में ताप का प्रयोग किसी न किसी रूप में अवश्य ही किया जाता है। प्रत्येक वस्तु की ताप ग्राहता पृथक-पृथक होती है और उनके आतंरिक गुणों पर ताप का पृथक-पृथक प्रभाव पड़ता है। - शर्करा पर उष्णता का प्रभाव : गर्म करने पर शक्कर तरल पदार्थ के रूप में परिवर्तित हो जाती है। अधिक गर्म करने पर इसका रंग बदल जाता है तथा यह भूरे रंग की शक्कर बन जाती है और अधिक गर्म होने पर जलकर राख का रूप ग्रहण कर लेती है। - प्रोटीन पर उष्णता का प्रभाव - प्रोटीन पकने पर जम जाता है, और कड़ा हो जाता है। अण्डा का प्रोटीन पकने पर जम जाता है। जब डबल रोटी को पकाते हैं तो गेहूं का प्रोटीन निकलकर डबल रोटी की ऊपरी सतह पर कुरकुरी तह के रूप में जम जाता है। दालों को पकाने पर प्रोटीन सुपाच्य हो जाता है और उसका पोषक मूल्य बन जाता है। - गोश्त पर पकाने का प्रभाव - जल या वाष्प के माध्यम से गोश्त को पकाये जाने पर उष्णता के परिणाम स्वरूप गोश्त के ऊपरी सहत पर प्रोटीन जम कर कड़ी परत बना लेता है। जिसके कारण गोश्त के अन्दर गर्मी पहुंचने की प्रक्रिया मंद हो जाती है। गोश्त गर्मी का कुचालक है। गोश्त के रसों के द्वारा गर्मी का संवहन नहीं होता है इसी कारण गोश्त कई घण्टों में पकता है। उबालने पर गोश्त का हिमोग्लोबिन नष्ट हो जाता है। इस कारण उसका रंग लाल से भूरे रंग में परिवर्तित हो जाता है। भूनना गोश्त पकाने की उत्तम विधि है। भूनते समय पेशीय तंतुओं के प्रोटीन और संयोजक ऊतक संकुचित हो जाते है और गोश्त की सतह पर इससे रस निकलने लगते है, जो वाष्प बन कर उड़ जाते हैं और गोश्त की सतह पर केवल खनिज एवं सार तत्व जमें रहते हैं जिस कारण गोश्त के स्वाद में बृद्धि हो जाती है। - कार्बोहाईड्रेट्स पर पकाने का प्रयास – कच्चे कार्बोज की अपेक्षा पका कार्बोज पदार्थ शीघ्र पच जाता है। कार्बोज पकाने से स्टार्च के कणों को चारों ओर का आवरण मुलायम होकर हट जाता है जिससे स्टार्च कण पानी शोषित कर फूल जाता है और मुलायम हो जाता है और भोजन सुपाच्य हो जाता है। - वसा पकाने का प्रभाव - वसा पर तेज ताप का प्रभाव पड़ता। इससे वसा के वसीय अम्ल पानी में घुलकर बाहर निकल जाते है। - खनिज लवण पकाने का प्रभाव - खनिज लवण पानी में घुलनशील होने के कारण पानी में घुलकर बाहर निकल जाते है। - सब्जियों को पकाने का प्रभाव – सब्जी पकाने का मुख्य अभिप्राय हैं, सेल्यूलोज को मुलायम करना तथा श्वेतसार के कणों को फुलाकर जैलेटिन के रूप में परिवर्तित करना। ऐसा कहा जाता है कि सब्जी को पकाने पर उसके लवणांश नष्ट हो जाते है पर सौभाग्यवश सब्जियों के कैल्शियम और लोहांश पर उष्णता का प्रभाव बहुत कम पड़ता है। कैरोटिन भी पकाने में नष्ट नहीं होता। सब्जी के हरे रंग को बनाए रखने के लिए प्रयुक्त सोडा बाई कार्बोनेट विटामिन को नष्ट कर देता है इसलिए हरी सब्जी में नहीं प्रयोग करना चाहिए। - विटामिन 'सी' अधिकांशतः जल में घुलनशील है इसलिए भोज्य पदार्थों को धोने से ताप के कारण नष्ट हो जाता है। इसके लिए आवश्यक है कि ना ही इन्हें ज्यादा भिगोया जावे और ना ही अधिक पकाया जाये। आलू को बिना छीले उबालना चाहिये क्योंकि छिलके, के कारण एस्काटिक एसिड नष्ट नहीं होता है। वाष्प द्वारा सब्जियों को पकाना उपयुक्त नहीं है क्योंकि यह सब्जी पकाने की मंद क्रिया है और इससे एस्काटिक एसिड नष्ट हो जाता है। विटामिन 'बी' भी जल में घुलनशील है इसकी आधी मात्रा पकाये जाते समय ही नष्ट हो जाती है। अधिक ताप पर भोजन पकाने पर और अधिक मात्रा नष्ट हो जाती है । - फलों पर पकाने का प्रभाव - मीठे फलों को कच्चा खाना ज्यादा लाभदायक है। यदि फलों को शक्कर के साथ पकाया जाये तो लवण विटामिन आदि पकाये जाने वाले जल में मिश्रित हो जाते है तथा चीनी का कुछ अंश फल द्वारा शोषित कर लिया जाता है परंतु हम पकाने में जल का प्रयोग करते हैं इसलिए इस क्रिया में ज्यादा हानि नही होती है। - मछली पर पकाने का प्रभाव – मछली पकाने की प्रक्रिया में जो परिवर्तन होते हैं वह गोश्त के समान होते है।
इकाई सारांश : ० आहार को शरीर में आत्मसात होकर शक्ति का स्त्रोत बनाना पोषण कहलाता है। ० पोषक तत्व छह है : प्रोटीन, कार्बोहाड्रेट्स, वसा, प्रोटीन, लवण और जल ० पोषक तत्व शरीर निर्माण, उतकों की मरम्मत करने में, शरीर की ऊर्जा प्रदान करने में तथा शरीर को रोगों से लड़ने में मदद करते है।
० संतुलित आहार वह भोजन होता है जिसमें भोजन के समस्त पोष्टिक तत्व व्यक्ति विशेष के शरीर की मांग के अनुसार उचित मात्रा में उचित साधनों से प्राप्त हों। 
० कुपोषण वह स्थिति है जहाँ कुछ पौष्टिक तत्व कम तो कुछ अधिक होते है। 
० भोजन जल द्वारा, वाष्प द्वारा, चिकनाई द्वारा और वायु द्वारा पकाया जाता है। 
० खनिज लवण, विटामिन बी, विटामिन सी, पानी में घुलनशील होने से खाद्य पदार्थों के धोने से नष्ट हो जाते है। काबॉहाइड्रेड पककर सुपाच्य हो जाता है। 

आत्म परीक्षण हेतु प्रश्न - 
प्र. 1 निम्न शब्दों को संक्षेप में समझाये :
अ) पोषण 
ब) संतुलित आहार
स) कुपोषण 
प्र. 2 पोषण का अर्थ एवं महत्व समझाये । 
प्र. 3 भोजन से प्राप्त होने वाले प्रमुख पोषक तत्वों का वर्णन कीजिए। 
प्र. 4 कुपोषित बालक के लक्षण बताइये।

5 भोजन पकाने पर पोष्टिक तत्वों पर पड़ने वाले प्रभावों को समझाये ।