Follow Us 👇

Blood Circulation ( परिसंचरण तंत्र )।।

परिसंचरण तंत्र संबंधित प्रश्नोत्तरी ।। 1. कौन सा ‘जीवन नदी’ के रूप में जाना जाता है? उत्तर: रक्त 2. रक्त परिसंचरण की खोज की गई? ...

आम जैसा बनूँगा !



एक बाग़ था। उसमें आम और अंजीर के पेड़ थे। बच्चे हर रोज़ बाग़ में खेलने जाते। वे आम के पेड़ पर चढ़ते और खूब मस्ती करते। रसीले आम भी तोड़कर खाते । अंजीर का पेड़ छोटा था । उसे आम की खुशहाली देखकर बहुत कुढ़न होती। वह बात-बात पर चिढ़ जाता। यही कारण था कि उस पर न तो कोई चढ़ता था और न ही कोई पक्षी उस पर अपना घाँसला ही बनाता था। अंजीर के फल पकते और गिर जाते। बच्चों ने उसे भुला दिया था।

एक दिन मधुमक्खियों का एक झुण्ड आया। उन्हें अंजीर का पेड़ बहुत पसंद आया। रानी मक्खी ने अंजीर के पेड़ पर छत्ता बनाने की योजना बनाई। लेकिन अंजीर ने कहा, "ख़बरदार ! जो तुम सब मेरे पास आईं।" मधुमक्खियों ने अपना छत्ता आम के पेड़ पर बनाना चाहा, तो आम ने उनका भरपूर स्वागत किया ।

कुछ दिन बाद एक लकड़हारा आया। वह आम का पेड़ काटने लगा, लेकिन मधुमक्खियाँ तो उसकी मित्र थीं, उन्होंने भिन-भिनाकर लकड़हारे को भगा दिया। जब लकड़हारे की नज़र अंजीर के पेड़ पर पड़ी तो वह खुश हो गया, क्योंकि उस पर कोई भी छत्ता नहीं था । लकड़हारा अंजीर का पेड़ काटने लगा। पेड़ दर्द से कराह उठा। उसने मदद माँगी, लेकिन मधुमक्खियों ने इनकार कर दिया।

तब आम ने कहा, "अंजीर भी हमारा पड़ोसी दोस्त है। उसके पके फल बहुत से पशु-पक्षियों के काम आते हैं।"

बस फिर क्या था ! मधुमक्खियाँ लकड़हारे पर पर टूट पड़ीं। लकड़हारा भाग गया ।

अंजीर ने सोचा, 'हम सब को मिलकर रहना चाहिए।"

0 comments:

Post a Comment

Thank You For messaging Us we will get you back Shortly!!!