रेहाना के घर के पास बाज़ार लगा है। वह अपने भाई राशिद से कहती है, "भैया, कुछ लेकर आते हैं।" राशिद तैयार हो गया। दोनों दादी जी के पास पहुँचे। दादी जी ने उनसे पूछा, "क्या लाओगे तुम दोनों ? "
राशिद बोला, "दादी जी, मुझे मोटर कार पसंद है। मैं मोटर कार ही लूँगा। रेहाना को गुड़िया पसंद है तो इसके लिए गुड़िया ही लेंगे।" "तुम्हें कैसे पता कि मैं गुड़िया ही लूँगी ?" रिहाना ने पूछा। "क्योंकि तू गुड़िया ही है। लड़कियाँ गुड़ियों से ही खेलती हैं।" राशिद ने कहा । "ऐसे तो तू गुड्डा है और तुझे गुड्डे से ही खेलना चाहिए।" रेहाना ने कहा। राशिद को कुछ समझ में नहीं आया कि क्या कहे। उसने इतना ही कहा, "तो फिर तू क्या लेगी?"
"मैं लूँगी फुटबॉल।" कहते हुए रेहाना ने पाँव से हवा में किक लगाई और ऊपर देखा। दादी जी मुस्कराई। फिर उन्होंने दोनों को उनकी पसंद के सामान खरीदने के लिए पैसे दिए ।
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