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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

हिन्दी भाषा एवं साहित्य

1.शिव सिंह सेंगर तथा ग्रियर्सन के इतिहास ग्रंथों को ‘वृत्त संग्रह’ कहा~~ आचार्य शुक्ल
2.हिंदी साहित्य के इतिहास का इतिवृत्तात्मक और तुलनात्मक लेखन किस ग्रंथ में हुआ है~~
मिश्रबंधु विनोद में
3.हिंदी साहित्य के विकास क्रम का निर्धारण चारण काव्य, धार्मिक काव्य, प्रेमकाव्य और दरबारी काव्य के रूप में किसने किया~~ ग्रियर्सन ने

4.हिंदी साहित्य का इतिहास दर्शन रचित है~~ नलिन विलोचन शर्मा
5.’हिंदी के विधेयवादी साहित्य इतिहास के आदम प्रवर्तक शुक्ल जी नहीं ग्रियर्सन है’ कथन है~~ नलिन विलोचन शर्मा
6. ग्रियर्सन ने हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन में सर्वाधिक सहायता ‘शिवसिंह सरोज’ से ली है

7.हिंदी साहित्य के इतिहास का प्रस्थान बिंदु शिव सिंह सिंगर कृत ‘शिवसिंह सरोज’ है
8.इस्तवार द ला लितरेव्यूर ऐंदुई ए ऐन्दुस्तानी के प्रथम भाग में 738 कवि और लेखक है इनमें हिंदी कवियों की संख्या है~~72
9.हिंदी साहित्य के इतिहास के सर्वप्रथम लेखक गार्सा द तासी है

10.’कालिदास हजारा’ रचित है~~ कालिदास त्रिवेदी
11. स्वयंभू (693 ईस्वी)को हिंदी का प्रथम कवि माना है~~ डॉ. रामकुमार वर्मा
12.सरहपा को हिंदी का प्रथम कवि माना~~ राहुल सांकृत्यायन व नगेंद्र
13.डॉ. नगेंद्र ने हिंदी साहित्य का वृहत इतिहास को कितने भागों में संकलित किया है~~10 भाग

14.हिंदी साहित्य का आधुनिक इतिहास रचित है~~अज्ञेय
15.’हिंदी साहित्य की कहानी’ रचित है~~ प्रभाकर माचवे
16.’हिंदी साहित्य का वैज्ञानिक इतिहास’ लिखा~~ गणपतिचन्द्र गुप्त
17.पुष्य या पुण्ड(613 ईस्वी) को हिंदी का प्रथम कवि माना~~ डॉ. शिवसिंह सेंगर
18.राजा मुंज (993 ईस्वी) को हिंदी का प्रथम कवि माना~~गुलेरी ओर शुक्ल ने

19.अब्दुल रहमान(12 वीं शती) को हिंदी का प्रथम कवि माना~~ हजारी प्रसाद द्विवेदी
20.आदिकाल का चारण काल नामकरण किया~~ ग्रियर्सन ने
21.शालिभद्र सूरि(1184 ईस्वी) को हिंदी का प्रथम कवि माना~~डॉ गणपति चंद्र गुप्त
22.विद्यापति को हिंदी का प्रथम कवि माना~~ डॉ. बच्चन सिंह

23.वीरगाथा काल को आदिकाल नामकरण करने का श्रेय आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी को जाता है।
वैसे आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने भी दोहरे नामकरण की प्रवृत्ति को अपनाते हुये इसे वीरगाथा काल और आदिकाल नाम दिया ।
24.आदिकाल को शून्यकाल कहा~~ डॉ. गणपति चंद्र गुप्त
25.गार्सा द तासी ने इस्तवार द ला लितरव्यूर ऐंदुई ऐन्दुस्तानी फ्रेंच भाषा मे लिखा गया
26.हिंदी भाषा में लिखा गया हिंदी साहित्य के इतिहास का प्रथम ग्रंथ~~ शिवसिंह सरोज
27.काल विभाजन और नामकरण का प्रथम प्रयास किया~~ग्रियर्सन

28.आदिकाल को आदिकाल कहा~~ हजारी प्रसाद द्विवेदी
29.आदिकाल को बीजवपन काल किसने कहा~~ महावीर प्रसाद द्विवेदी
30.हिंदी काव्यधारा की रचना की~~ राहुल सांकृत्यायन
31.विश्वनाथ प्रसाद द्वारा रचित ग्रंथ ‘हिंदी साहित्य का अतीत’ के कितने भाग हैं~~2
32.आदिकाल को अंधकार काल किसने कहा~` डॉ. कमल कुलश्रेष्ठ

33.आदिकाल का नामकरण सिद्ध सामंत काल किया~~ राहुल सांकृत्यायन
34.आदिकाल को वीरकाल की संज्ञा किसने दी ?~~ विश्वनाथ प्रसाद मिश्र
35.मिश्रबंधु विनोद इतिहास खंड के कितने भाग है -4
36चंदरबरदाई को ‘ छप्पय का राजा’ कहा गया है
37.देवसेन द्वारा रचित श्रावकाचार रचना का समय 933 ईस्वी माना गया है इसमें 250 दोहे व गृहस्थ धर्म का वर्णन है

38.बीसलदेव रासो पूर्णतः नहीं है
39हमीर रासो अभी तक उपलब्ध नहीं हैं केवल प्राकृत पैंगलम में बराबर 80 के घर पर ही उसकी कल बात चली आ रही है
40. बीसलदेव रासो की नायिका राजमती है
41.’आल्हखंड’ को सर्वप्रथम सन 1865 में फर्रुखाबाद के श्रृंगारिक कलेक्टर चार्ल्स इलियट ने प्रकाशित करवाया।
42.परमाल रासो वीर रस प्रधान रचना है।
43.पृथ्वीराज रासो का प्रधान रस वीर तथा इसका सहयोगी रस श्रृंगार है।

44.आदिकाल के प्रधान साहित्यिक प्रवृति वीरगाथात्मक है
45.रासो ग्रंथों में पृथ्वीराज रासो सर्वाधिक विवादित ग्रंथ है।
46.डॉ.वूलर सर्वप्रथम पृथ्वीराज रासो को विवादास्पद घोषित करते हुए 1893 ईस्वी में इसके प्रकाशन पर रोक लगाई।
47.आचार्य शुक्ल के अनुसार हिंदी का प्रथम महाकाव्य पृथ्वीराज रासो और प्रथम महा कवि चंदबरदाई है

48.अन्तस्साधनात्मक अनुभूतियों का संकेत करने वाली भाषा को संध्या भाषा कहा गया।
49.सरहपा को सहजयान का प्रवर्तक कहा जाता है।
50.धनपाल कृत ‘भविष्यत कहा’ को विंटरनितज़ महोदय ने रोमांटिक महाकाव्य माना है
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