दुनियां में हर तरह के इंसान है। संबंध में सबको उम्मीद करनी भी चाहिए, वरना संबंध का कोई मतलब नही रहता। फिर संबंध में विवाद क्यों होते है? मानवीय और सामाजिक व्यवहार की समझ नही। पुरुष को चाहत और नज़रिया अलग होता है इससे बिल्कुल भिन्न महिला की चाहत या नज़रिया। अतः संबंध के लिए अपने साथी का चुनाव महत्वपूर्ण हो जाता है। अगर आगे बढ़ना है तो बेहतर साथी बेहतर कंपटीटर बहुत मायने रखता है। जिस तरह पनीर के साथ आप चिकेन नही बनाते उसी तरह एक विपरीत स्वभाव के साथ रहना मुश्किल हो जाता है।
परिवार में हर तरह के लोग होते है, फिर भी साथ रहते है, अगर पूरे परिवार को आगे ले जाना है तो किसी न किसी को अपना लेवल उठाना ही होगा, और वो उसी को करना पड़ता है जो समझता है। वही जिम्मेदारी उठा सकता है। हमें जिम्मेदारियों से भागना नही चाहिये बल्कि अपना स्तर ऊपर उठाना चाहिए। उम्मीदें सबकी रहती है, किसी की ज्यादा पूरी होती है, किसी की कम। फिर भी सब परिवार में रहते ही है न।
परिवार में हर तरह के लोग होते है, फिर भी साथ रहते है, अगर पूरे परिवार को आगे ले जाना है तो किसी न किसी को अपना लेवल उठाना ही होगा, और वो उसी को करना पड़ता है जो समझता है। वही जिम्मेदारी उठा सकता है। हमें जिम्मेदारियों से भागना नही चाहिये बल्कि अपना स्तर ऊपर उठाना चाहिए। उम्मीदें सबकी रहती है, किसी की ज्यादा पूरी होती है, किसी की कम। फिर भी सब परिवार में रहते ही है न।
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