मित्रों जैसा कि सुनने में आरहा है कि कोर्ट ने मूल विज्ञापन पर भर्ती करने के लिए सरकार से सवाल जबाव किया है और सूत्रों से पता चला है कि १३ अक्टूबर को सरकार जबाब लगाएगी कि क्या करना है ऐसी स्थित में प्रतियोगियों के मन में उहापोह की स्थित बनी हुई है दर असल सरकार आभी तक लिखित परीक्षा कराने के लिए ही आमादा है शिक्षा गुणवत्ता के लिए सरकार को लिखित परीक्षा ही करानी उचित है और सरकार ने अपने विचार भी लिखित परीक्षा के लिए दिए लेकिन लापरवाही के कारण लम्बा समय बीत जाने पर प्रतिन्युक्ति कर प्रतियोगियों को उलझा रही है मामला कोर्ट में है जिसे एकेडमिक मेरिट टीम के लोग ले गये है इससे एक बात स्पष्ट होगयी कि भर्ती में लगभग ३ से ४ साल लगना है क्योंकि सरकार भी चाहती है कि भर्ती न करे और सुनहरा मौका भी सरकार को मिल गया अब पक्का है कि २०२२ के पहले कोई भर्ती नही होगी कोर्ट के मामले जल्दी नही सुलझते और सरकार भी मौका पागई है सरकार हीला हवाली करती रहेगी और प्रतियोगी १०/१० के कमरे में पन्ना पलटते रहे अगर सरकार को भर्ती पूरी करानी होती तो पुराने विज्ञापन को रद्द कर तत्काल लिखित परीक्षा कराने का आदेश देकर बेरोजगारों को राहत देती लेकिन नही लगभग १ वर्ष हो चुके है भर्ती निकाले ,टी० ई०टी० परीक्षा शिक्षा मित्रों के संघर्ष से २ महीने में ही कराने का आदेश देकर १५ अक्टूबर को करा लेगी लेकिन जी० आई० सी० एल टी० ग्रेट की सालों बाद भी नही ,शिक्षा गुणवत्ता का आधार क्या होगा गम्भीर सवाल है ।
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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav
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