हाल ही में आप जेनेवा कन्वेंशन के बारे में खूब पढ़ लिख रहे होंगे ऐसे में हम आपको सम्बंधित नियमो से अवगत कराते हैं -
युद्धबंदी (Prisoner Of War) के अधिकारों को बरकरार रखने के लिए जेनेवा कन्वेंशन हुआ था। इसका मकसद है युद्ध के वक्त मानवीय मूल्यों को बनाए रखने के लिए कानून तैयार करना है।
इंटरनेशनल कमेटी ऑफ रेड क्रॉस के मुताबिक, जेनेवा कन्वेंशन में युद्ध के दौरान गिरफ्तार सैनिकों के अधिकारों की रक्षा से संबंधित नियम हैं। इसमें बताया गया है कि युद्ध के दौरान बंधक बनाए गए सैनिकों और घायलों के साथ कैसा बर्ताव करना है। इसमें साफ तौर पर बताया गया है कि युद्धबंदियों (POW) के क्या अधिकार हैं।
कन्वेंशन के नियम
युद्ध के दौरान घायल होने वाले युद्धबंदी का अच्छे तरीके से इलाज होना चाहिए
युद्धबंदियों के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार नहीं होना चाहिए
उनके साथ किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए
सैनिकों को कानूनी सुविधा भी मुहैया करानी होगी
युद्धबंदियों को डराया-धमकाया नहीं जा सकता
उन्हें अपमानित नहीं किया जा सकता
युद्धबंदियों पर मुकदमा चलाया जा सकता है
युद्ध के बाद युद्धबंदियों को वापस लौटाना होता है
युद्धबंदियों से सिर्फ उनके नाम, सैन्य पद, नंबर और यूनिट के बारे में पूछा जा सकता है
संधि के तहत युद्धबंदी को खाने-पीने और जरूरत की सभी चीजें दी जाती हैं
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