अनन्तपारं किल शब्दशास्त्रम्,
स्वल्पं तथायुर्बहवश्च विघ्नाः।
सारं ततो ग्राह्यमपास्य फल्गु,
हंसैर्यथा क्षीरमिवाम्बुमध्यात्।।
🌻 हिंदी भावार्थ 🌻
आयु थोड़ी है और पठनीय साहित्य असीम है तथा विघ्न भी अनेक प्रकार से आ जाते हैं। इसलिए व्यर्थ का साहित्य छोड़कर साररूप को ग्रहण करना चाहिए; जिस प्रकार हंस पानी में से दूध का अंश ग्रहण कर लेता है।
🌼 English Meaning 🌼
The literature is very voluminous and boundless, but our age is very short and also full of many obstacles in it. So we should Adopt only extracts and overlook trifle things, like the swan who drinks milk out of the mixture of water and milk.
0 comments:
Post a Comment