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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

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स्वामी विवेकानंद के बारे में रोचक तथ्य !

आज से 154 साल पहले हमारे देश में एक ऐसे बच्चे ने जन्म लिया जिसने पूरी दुनिया को भारत के प्राचीन ज्ञान से अवगत कराया। स्वामी विवेकानन्द एक भारतीय सन्यासी थे। उन्होंने हिन्दुत्वता में जागरूकता फैलाने और दूसरे देशों में योग और वेदांत का ज्ञान देने के लिए प्रसिद्ध हैं। तो आइये आज हम इस लेख के माध्यम से स्वामी विवेकानन्द के रोचक तथ्यो पर रोशनी डालते हैं


1. स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता के एक बंगाली परिवार में हुआ था।

2. उनके बचपन का नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था लेकिन उनकी माँ ने उनका नाम वीरेश्वर रखा था।

3. उनके पिता का नाम विश्वनाथ था जो कलकत्ता हाई कोर्ट में काम करते थे। उनकी माता गृहिणी थी।

4. स्वामी विवेकानन्द की पढ़ने में बहुत रूचि थी। वे महाभारत, रामायण, पुराण, भगवत गीता और वेदों में भी रूचि रखते थे।

5. विवेकानंद ईश्वर चंद्र विद्यासागर institude में पढ़ते थे। उन्होंने स्काटिश चर्च कॉलेज से पश्चिमी इतिहास और दर्शन शास्त्र का भी अभ्यास किया था।

6. 1884 में उन्होंने बैचलर की डिग्री भी प्राप्त कर ली थी।

7. डिग्री होने के बावजूद भी विवेकानन्द को नौकरी की खोज में इधर उधर भटकना पड़ा। परंतु हर जगह केवल असफलता ही हाथ लगी। इस कारण उनका भगवान से विश्वाश उठ गया और वे नास्तिक बन गए।

8. बाद में स्वामी विवेकानन्द ब्रह्म समाज के सदस्य बने और भगवान को पाने के रास्ते ढूढ़ने लगे।

9. वे हमेशा लोगो से उनके धर्म और भगवान के बारे में पूछते रहते थे लेकिन कोई भी व्यक्ति उनको जवाब नहीं दे पाता था।

10. नवम्बर 1881 में वे पहली बार स्वामी रामकृष्ण से मिले। स्वामी रामकृष्ण ने उनके हर सवाल का जवाब दिया। यही उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट था। यही से उन्होंने स्वामी रामकृष्ण परमहंस को अपना गुरु स्वीकार कर लिया।

11. 16 अगस्त 1886 को स्वामी रामकृष्ण की मृत्यु हो गयी। रामकृष्ण ने विवेकानन्द को सिखाया था कि भगवान की पूजा करने से भी महान कार्य हैं इंसानों की सेवा करना।

12. खेत्री के महाराजा अजित सिंह ने उनका नाम नरेन्द्रनाथ से विवेकानन्द रखा।

13. खेत्री के महाराजा अजित सिंह नियमित समय पर इनके परिवार को 100 रूपये देते थे।

14. साल 1888 में विवेकानन्द ने पैदल भारत का सफर शुरू किया और 5 सालो तक अलग-अलग प्रदेशो तथा लोगो से मिलते रहे।

15. जुलाई 1893 में विवेकानन्द विश्व सर्व धर्म सम्मलेन में भाग लेने शिकागो गये थे।

16. उनका पहला हिंदुत्व पर भाषण 11 सितंबर 1893 को विश्व धर्म सम्मेलन में दिया। उनकी पहली लाइन ‘सिस्टर एंड ब्रदर्स ऑफ़ अमेरिका’ ने वहाँ मौजूद 7 हजार लोगो का दिल जीत लिया था।

17. शिकागो भाषण के बाद में उन्होंने काफ़ी भाषण दिये और बहुत सी महान हस्तियों से मिले जैसे- भगिनी निवेदिता, मैक्स मुलर, पॉल ड्यूसेन इत्यादि।

18. स्वामी जी की सादगी की क्या बात करे उन्होंने तो 1896 में लन्दन में कचौरियां तक बना दी थी।

19. स्वामी विवेकानन्द 1897 में वापस भारत आये और यहाँ पर सामाजिक मुद्दों पर भाषण दिया करते थे। उनके भाषणों से महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस जैसे नेता काफ़ी प्रभावित हुए।

20. 1 मई 1897 को इन्होंने अपने गुरु की याद में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की।

21. 1899 में तबियत सही नहीं होने के बावजूद उन्होंने दक्षिण की यात्रा की। इस यात्रा में उन्होंने केलिफोर्निया में शांति आश्रम और न्यूयॉर्क व सेन फ्रांसिस्को में वेदांत सोसायटी की स्थापना की।

22. उनके द्वारा लिखी गई चर्चित किताबें है- कर्म योग (1896), राज योग (1896), वेदांत शास्त्र (1896), कोलम्बो से अल्मोड़ा तक के भाषण (1897), भक्ति योग इत्यादि हैं।

23. 11 सितंबर को “विश्व भाईचारा दिवस” मनाया जाता है और इसी दिन 2001 को इतिहास का सबसे बड़ा आतंकवादी हमला हुआ था। इससे बड़ी विडम्बना ओर क्या होगी।

24. स्वामी जी 31 बीमारियों से ग्रसित थे।

25. उनके जन्म दिवस को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता हैं।

26. 4 जुलाई 1902 को 39 साल की आयु में बेलूर मठ में दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गयी।

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