1. टीपू सुल्तान का पूरा नाम ‘सुल्तान फतेह अली खान शाहाब’ था। ये नाम उनके पिता ने रखा था।
2. टीपू सुल्तान एक बादशाह बन कर पूरे देश पर राज करना चाहता था लेकिन उनकी ये इच्छा पूरी नही हुई।
4. टीपू ने 18 वर्ष की उम्र में अंग्रेजों के विरुद्ध पहला युद्ध जीता था।
5. टीपू सुल्तान को “शेर-ए-मैसूर” इसलिए कहा जाता हैं, Q कि उन्होनें 15 साल की उम्र से अपने पिता के साथ जंग में हिस्सा लेने की शुरूआत कर दी थी। पिता हैदर अली ने अपने बेटे टीपू को बहुत मजबूत बनाया और उसे हर तरह की शिक्षा दी।
6. टीपू अपने आसपास की चीजों का इस्लामीकरण चाहता था। उसने बहुत सी जगहों का नाम बदलकर मुस्लिम नामों पर रखा। लेकिन उनकी मृत्यु के बाद सभी जगहों के नाम फिर से पुराने रख दिए गए।
7. टीपू ने गद्दी पर बैठते ही मैसूर को मुस्लिम राज्य घोषित कर दिया। उसने लाखों हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराकर उन्हें मुसलमान बना दिया। लेकिन टीपू की मृत्यु के बाद वे दोबारा हिंदू बन गए।
8. टीपू सुल्तान की तलवार पर रत्नजड़ित बाघ बना हुआ था। बताया जाता हैं कि टीपू की मौत के बाद ये तलवार उसके शव के पास पड़ी मिली थी।
9. टीपू सुल्तान की तलवार का वजन 7 किलो 400 ग्राम है. आज के समय में टीपू की तलवार की कीमत 21 करोड़ रूपए हैं।
10. टीपू सुल्तान दुनिया के पहले राॅकेट अविष्कारक थे। ये राॅकेट आज भी लंदन के एक म्यूजियम में रखे हुए हैं। अंग्रेज इन्हें अपने साथ ले गए थे।
11. टीपू ‘राम’ नाम की अंगूठी पहनते थे, उनकी मृत्यु के बाद ये अंगूठी अंग्रेजों ने उतार ली थी और फिर इसे अपने साथ ले गए।
12. सन् 1799 में अंग्रेजों के खिलाफ चौथे युद्ध में मैसूर की रक्षा करते हुए टीपू सुल्तान की मौत हो गई।
13. 12 बच्चों में से टीपू सुल्तान के सिर्फ़ दो बच्चों के बारे में पता चल पाया है, जबकि 10 बच्चों की जानकारी आज भी किसी के पास नहीं हैं।
14. हिंदुओं से इतनी नफरत करने के बाद भी Tipu Sultan ‘राम नाम’ की अंगूठी क्यों पहनते थे ? क्या आप इसका जवाब ढूंढ सकते हैं ?
15. टीपू सुल्तान को दुनिया का पहला मिसाइल मैन माना जाता है. बीबीसी की एक खबर के मुताबिक, लंदन के मशहूर साइंस म्यूजियम में टीपू सुल्तान के रॉकेट रखे हुए हैं. इन रॉकेटों को 18 वीं सदी के अंत में अंग्रेज अपने साथ लेते गए थे.
16. टीपू द्वारा कई युद्धों में हारने के बाद मराठों एवं निजाम ने अंग्रेजों से संधि कर ली थी. ऐसी स्थिति में टीपू ने भी अंग्रेजों से संधि का प्रस्ताव दिया. वैसे अंग्रेजों को भी टीपू की शक्ति का अहसास हो चुका था इसलिए छिपे मन से वे भी संधि चाहते थे. दोनों पक्षों में वार्ता मार्च, 1784 में हुई और इसी के फलस्वरूप 'मंगलौर की संधि' सम्पन्न हुई.
17. टीपू ने 18 वर्ष की उम्र में अंग्रेजों के विरुद्ध पहला युद्ध जीता था.
18.'पालक्काड किला', 'टीपू का किला' नाम से भी प्रसिद्ध है. यह पालक्काड टाउन के मध्य भाग में स्थित है. इसका निर्माण 1766 में किया गया था. यह किला भारतीय पुरातात्त्विक सर्वेक्षण के अंतर्गत संरक्षित स्मारक है.
19. टीपू सुल्तान खुद को नागरिक टीपू कहा करता था
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