कुकी भारत, बांग्लादेश और म्याँमार में पाए जाने वाले कुछ जनजातियों के समूह को कहते हैं, ये जनजातियाँ सामान्यतः पहाड़ी क्षेत्रों में ही निवास करती हैं।
निवास एवं नृजातीय समूह:-
✅ भारत में अरुणाचल प्रदेश को छोड़कर कुकी जनजाति लगभग सभी उत्तर-पूर्वी राज्यों में पाई जाती है और इस जनजाति का संबंध मंगोलॉयड समूह (Mongoloid group) से है।
संवैधानिक स्थिति:-
✅ भारतीय संविधान में चिन-कुकी समूह की लगभग 50 जनजातियों को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में रखा गया है।
चिन-कुकी समूह (Chin-Kuki group) के बारे में:-
🌈 म्याँमार के चिन प्रांत के लोगों के लिये ‘चिन’ पद का प्रयोग किया जाता है, जबकि भारतीय क्षेत्र में चिन लोगों को ‘कुकी’ कहा जाता है।
🌈 चिन-कुकी समूह (Chin-Kuki group) में गंगटे (Gangte), हमार (Hmar), पेइती (Paite), थादौ (Thadou), वैपी (Vaiphei), जोऊ/ज़ो (Zou), आइमोल (Aimol), चिरु (Chiru), कोइरेंग (Koireng), कोम (Kom), एनल (Anal), चोथे (Chothe), लमगांग (Lamgang), कोइरो (Koirao), थंगल (Thangal), मोयोन (Moyon) और मोनसांग (Monsang) शामिल हैं।
🌈 गौरतलब है कि अन्य समूहों जैसे- पेइती, जोऊ/ज़ो, गंगटे और वैपी अपनी पहचान ज़ोमी जनजाति के रूप में करते हैं तथा स्वयं को कुकी नाम से दूर रखते हैं।
कुकी जनजाति ( Kuki Tribe ):-
हाल ही में , केंद्र सरकार ने सभी कुकी उग्रवादी समूहों ( Kuki militant groups ) के साथ शांति वार्ता करने तथा आगामी पांच वर्षों में उनके मुद्दे को सुलझाने का आश्वासन दिया है । . ' कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन ' और ' यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट ' जैसे उग्रवादी संगठन मणिपुर में कुकी जनजाति के लिए एक अलग राज्य की मांग कर रहे हैं । • मूल रूप से , कुकी समुदाय मिज़ोरम में मिज़ो हिल्स ( पूर्ववर्ती लुशाई ) के मूल निवासी तथा एक जातीय समूह हैं । . पूर्वोत्तर भारत में यह समुदाय अरुणाचल प्रदेश को छोड़कर सभी राज्यों में मौजूद हैं ।
• ' 1917-1919 ' का ' द कुकी राइजिंग ' , जिसे कुकी समुदाय के उपनिवेश विरोधी स्वतंत्रता संग्राम के रूप में भी देखा जाता है अपनी भूमि को संरक्षित करने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ लड़ा गया था । WWil के दौरान , कुकी लोग अंग्रेजों से लड़ने के लिए भारतीय सेना में शामिल हुए थे ।
एक अलग राज्य की मांग : आज कुकी समुदाय को लगता है कि अंग्रेजों के सामने कभी न झुकने के बावजूद , उपनिवेशवादियों को उखाड़ फेंकने में उनके योगदान को कभी स्वीकार नहीं किया गया , बल्कि उन्हें भारत की आजादी के बाद भी असुरक्षित छोड़ दिया गया है ।
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