कोरोना वायरस (Corona virus) महामारी के खिलाफ पूरी दुनिया में लड़ाई जारी है. भारत सरकार भी इससे निपटने के लिए हर संभव कदम उठा रही है. इसी मुहिम में अब भारतीय रेलवे भी शामिल हो गया है. भारतीय रेलवे अब कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के लिए एक चलता फिरता अस्पताल बनाने की तैयारी कर रहा है.
भारतीय रेलवे ने कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए आइसोलेशन कोच तैयार कर रहा हैं. रोगियों के लिए बोगियों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील करने हेतु मध्य बर्थ को एक तरफ से हटा दिया गया है. ये अस्पताल उन लोगों के लिए सबसे ज्यादा सुविधाजनक होगा जिन्हें अस्पताल पहुंचने में परेशानी होती है.
भारत में कोरोना वायरस का मामला
आइसोलेशन कोच को तैयार करने के लिए बाथरूम, गलियारे क्षेत्रों और अन्य क्षेत्रों को भी संशोधित किया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 873 पहुंच गया है. भारतीय रेलवे के अनुसार, अगले कुछ दिनों में कुछ सुझावों को अंतिम रूप दिए जाने के बाद प्रत्येक रेलवे ज़ोन हर हफ्ते 10 डिब्बों के साथ एक रैक का निर्माण करेगा.
भारत में कोरोना वायरस कहर
चीन, इटली और अमेरिका के हालात देखकर भारत समेत सभी देश कोरोना वायरस के मद्देनजर युद्ध स्तर पर तैयारियां कर रहे हैं. अमेरिका में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या एक लाख के पार पहुंच गई है. इटली में हर दिन सैकड़ों मौत हो रही हैं.
सभी यात्री ट्रेन 14 अप्रैल तक रद
देश भर में फैले कोरोना वायरस के मद्देनजर सभी यात्री ट्रेन सेवाओं को 14 अप्रैल 2020 तक रद कर दिया गया है. ऐसे में भारतीय रेलवे ने ट्रेन की बोगियों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया है. रेलवे ने कहा कि जरूरत आने पर वे ऐसे तीन लाख आइसोलेशन कोच बना सकता है.
पृष्ठभूमि
प्रधानमंत्री ने भी कैबिनेट की बैठक में कोरोना वायरस की वजह से चिकित्सा सुविधाओं के लिए इनोवेटिव उपायों पर काम करने को कहा था. रेलवे के मुताबिक इन डिब्बों और केबिन का इस्तेमाल चलते फिरते अस्पताल के रूप में किया जा सकता है. इन ट्रेनों में परामर्श कक्ष, मेडिकल स्टोर, गहन चिकित्सा कक्ष और रसोईयान की सुविधा होगी. ट्रेनों में आइसोलेशन वॉर्ड के साथ ही वेंटिलेटर्स बनने के बाद समय रहते कई लोगों की जान समय रहते बचाया जा सकता है. कोरोना वायरस से लड़ने हेतु वेंटिलेटर, बिस्तर, ट्रॉली जैसी आवश्यक चीजों के प्रोडक्शन के लिए रेलवे की यूनिट के प्रयोग पर भी चर्चा हुई.
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