(Vyakaran- DhatuGana)
९. क्र्यादि = क्रीणाति, जानाति, प्रीणाति
(इनमें "श्ना" विकरण है। उसमें "ना" बचता है।
क्री+ना+ति = क्रीणाति
जा+ना+ति = जानाति)
१०. चुरादि = चोरयति, स्पृहयति, गणयति।
(इनमें धातु से णिच् लगता है, जिसमें "इ" बचता है, जो कुछ नियमों से "अय्" बन जाता है।
चुर्+अय्+अति = चोरयति।
स्पृह्+अय्+अति = स्पृहयति।
गण्+अय्+अति = गणयति।)
👉 धातुगण अध्ययन समाप्त !
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