जस्टिस रूथ बेडर गिंसबर्ग ने अदालत के उदारवादी विंग के निर्विवाद नेता के रूप में बेंच पर अपने आखिरी साल बिताए और अपने प्रशंसकों के लिए रॉक स्टार बनकर उभरीं. युवा महिलाएं उन्हें गले लगाती थी.
अमेरिकी उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश रूथ बेडर गिंसबर्ग का 18 सितम्बर 2020 को वाशिंगटन स्थित उनके घर में निधन हो गया. वे 87 साल के थे. वे महिला अधिकारों की हिमायती थीं और सर्वोच्च अदालत की दूसरी महिला न्यायाधीश थीं. सर्वोच्च अदालत ने बताया कि गिंसबर्ग का निधन मेटास्टेटिक अग्नाशय कैंसर से हुआ है.
जस्टिस रूथ बेडर गिंसबर्ग को मेटास्टेटिक अग्नाशय कैंसर था जिसकी वजह से उनकी निधन हुई जस्टिस रूथ बेडर गिंसबर्ग की मौत ऐसे समय में हुई है जब छह हफ्तों बाद अमेरिका में चुनाव होने जा रहे हैं. अब देखना यह होगा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उनके स्थान पर किसी को नामित करते हैं या फिर ये सीट तब तक खाली रहेगी जब तक की उनकी डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडेन के साथ चुनावी लड़ाई खत्म नहीं हो जाती.
मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने क्या कहा?
मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने गिंसबर्ग के निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने एक बयान में कहा कि हमारे राष्ट्र ने एक ऐतिहासिक कद की न्यायविद को खो दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने एक सहकर्मी को खोया है. आज हम शोक मना रहे हैं, लेकिन हमें इस बात का विश्वास है कि आने वाली पीढ़ियां रूथ बेडर गिंसबर्ग को न्याय के हिमायती के तौर पर याद रखेंगी.
जस्टिस रूथ बेडर गिंसबर्ग के बारे में
जस्टिस रूथ बेडर गिंसबर्ग ने अदालत के उदारवादी विंग के निर्विवाद नेता के रूप में बेंच पर अपने आखिरी साल बिताए और अपने प्रशंसकों के लिए रॉक स्टार बनकर उभरीं. युवा महिलाएं उन्हें गले लगाती थी.
उन्होंने महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए बोलने के लिए हमेशा याद रखा जाएगा. गिंसबर्ग ने पांच बार कैंसर से जंग लड़ी लेकिन वे फिर भी हार गईं.
कैंसर के साथ उनकी लड़ाई साल 1999 में शुरू हुई थी. गिंसबर्ग ने जुलाई में घोषणा की थी कि वे कीमोथेरेपी करवा रही हैं. उन्होंने महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के प्रति लचीलापन दिखाया था.
उनके कार्यकाल के दौरान, कोर्ट ने राज्यों को बौद्धिक रूप से अक्षम और हत्यारों को 18 साल से कम उम्र के लिए असंवैधानिक घोषित किया.
गौरतलब है कि डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने गिंसबर्ग को अमेरिका के उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीश पद पर नामित किया था. वे लगभग 27 साल से इस पद पर थीं और कुछ साल से कैंसर से पीड़ित थीं.
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