राज्य - दैवीय नहीं ,हॉब्स की भांति समझौते से। विस्तारवादी राज्य , भूमि प्रमुख सम्पति। विस्तारवादी।
राजा कार्य - प्रजा रंजन , लोककल्याण । प्रजासुखी नहीं तो कर लेने का अधिकार नहीं। प्रजा का सुख ,कल्याण ही राजा का सुख ,कल्याण।
शक्तिशाली राज्य -चार उपाय -साम ,दाम ,दंड, भेद (मैक्यावली की भांति)। छाड्गुण्य नीति-संधि , विग्रह ,आसान , यान या गति , आश्रय/संश्रय ,द्वैधीभाव /ड्यूल पालिसी।
अन्य राज्यों से सम्बन्ध -राजनय व्यवस्था ,युद्ध पर आधारित ,आक्रामक यथार्तवा। मंडल सिद्धांत -यथार्थवादी ,चतुरंगिणी सेना ,एक मंडल 12 राज्य ,विजिगीषु का पड़ोसी सदैव शत्रु ,शत्रु का पड़ोसी मित्र। केनिथ वाल्ट्ज के संरचनात्मक यथार्तवाद की भांति - राज्य अपनी सुरक्षा खुद करे।
राज्य आंगिक , सप्तांग -राजा ,अमात्य ,दुर्ग ,जनपद ,बल , कोष ,मित्र।
युद्ध के प्रकार -पराक्रम ,कूट /गुरीला ,तूष्णिं/प्रॉक्स।
विजय के प्रकार - धर्म विजय , लोभ विजय , आसुर विजय।
आंतरिक प्रशासन -शासन सहयोगियों से ही सफल ,17 तीर्थ / मंत्रालय। गबन के चालीस तरीके ,गुप्तचर , भ्रष्टाचार के लिए दंड।
तुलना - धर्मशास्र -अर्थशास्त्र। कौटिल्य -मैक्यावली । कौटिल्य का आदर्श राजा मिला। मैक्यावली को प्रिंस नहीं मिला।कौटिल्य का राजा धर्म के अधीन - मैक्यावली का प्रिंस धर्म से ऊपर । मैक्यावली नैतिकता का राज्य से पृथककरण
मैक्स वेबर -कौटिल्य मैक्यावली से ज्यादा यथार्त वाद।
नेहरू - डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया में - कौटिल्य भारत का मैक्यावली।
उपिंद्र कौर -मैक्यावली पश्चिम का कौटिल्य।
प्रासंगिकता -लोकतंत्र का युग - राजतन्त्र निरर्थ। सिमित सरकार -निरंकुश राजा नहीं।
शासन कला ,राजनय ,कल्याणकारी राज्य सदैव प्रासंगिक ।
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