☑️चर्चा में क्यों?
✅मणिपुर “आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली-Emergency Response Support System: ERSS” को लागू करने वाला देश का 31वां राज्य बन गया है। मणिपुर के मुख्यमंत्री नोंगथोबम बीरेन सिंह ने मणिपुर राइफल्स की पहली बटालियन के परिसर में राज्य के लिए ईआरएसएस नंबर 112 लॉन्च को किया।
✅नई प्रणाली आपातकाल के समय में लोगों की जान और संपत्तियों की सुरक्षा में प्रभावी ढंग से मदद करेगी।
☑️आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ERSS) के बारे में
✅एक राष्ट्रव्यापी एकीकृत आपातकालीन प्रणाली शुरू करने की केंद्र सरकार की परियोजना के एक हिस्से के रूप में “आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली- ERSS” यानी ‘112’ देश भर से सभी प्रकार की आपात और संकटकालीन सहायता के लिए एक एकल आपातकालीन नंबर है।
☑️ERSS केंद्र कंप्यूटर प्रौद्योगिकी और इंटरनेट सुविधाओं से लैस एक व्यवस्थित पुलिस नियंत्रण कक्ष होता है, जो नियंत्रण कक्ष और पुलिस के गस्त कर रहे वाहनों के बीच वास्तविक समय में संचार और समन्वय को स्थापित करता है ताकि किसी भी विषम परिस्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया के द्वारा संकट में फसे व्यक्ति की सहायता की जा सके।
☑️ERSS में मुख्य रूप से तीन घटक होते हैं-
✅पब्लिक सेफ्टी आंसरिंग पॉइंट (Public Safety Answering Point-PSAP),
✅मोबाइल डेटा टर्मिनल (Mobile Data Terminal-MDT),
☑️जिला समन्वय केंद्र या जिला नियंत्रण कक्ष (District Coordination Centres or District Control Rooms)
✅ERSS के तहत, सभी आपातकालीन सहायता नंबरों जैसे पुलिस के लिए 100, आग के लिए 101, एम्बुलेंस और आपदा प्रतिक्रिया के लिए 102 आदि को एक नंबर '112' में एकीकृत किया गया है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए एक ही फोन नंबर “112” में फोन लगाकर सहायता प्राप्त की जा सकती है।
☑️112 आपातकालीन फ़ोन नंबर अमेरिका के आपातकालीन नंबर 911 की तर्ज़ पर शुरू किया गया है।
✅गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश ERSS को लागू करने वाला देश का पहला राज्य है और नागालैंड पहला पूर्वोत्तर राज्य है, जिसने यह प्रणाली अपनायी है।
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