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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

राष्ट्रीय बालिका दिवस।।

प्रश्न-राष्ट्रीय बालिका दिवस’ कब मनाया जाता है?
(a) 11 अक्टूबर
(b) 22 जनवरी
(c) 24 जनवरी
(d) 21 जनवरी
उत्तर-(c)
संबंधित तथ्य

24 जनवरी, 2021 को देशभर में ‘राष्ट्रीय बालिका दिवस’ (National Girl Child Day) मनाया गया।


उल्लेखनीय है कि यह दिवस बालिका शक्ति को लोगों के सामने लाने तथा उनके प्रति समाज में जागरूकता और चेतना पैदा करने के उद्देश्य से मनाया जाता है।

वर्ष 2008 में केंद्र सरकार ने इस दिवस को पहली बार मनाया था।

गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा ‘अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस’ प्रतिवर्ष 11 अक्टूबर, को मनाया जाता है।

आप सभी जानते ही होंगे कि हर साल भारत में 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 2008 में हुई थी। इसकी शुरुआत महिला और बाल विकास मंत्रालय ने की थी। कहा जाता है इस दिन को मनाने का उद्देश्य देश में बालिकाओं के साथ होने वाले भेदभाव के प्रति लोगों को जागरुक करना है। साल 2008 से इस दिन को पूरे देश में मनाया जाता है। वैसे इस दिन देशभर में बालिका बचाओं अभियान चलाया जाता है।

इसके अलावा लड़कियों को उनके अधिकार दिलवाने के लिए भी अभियान चलाये जाते हैं। महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से साल 2015 में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शुरुआत हुई थी जिसके बारे में आप जानते ही होंगे। जी दरअसल सरकार का ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान काफी सफल रहा है। इस अभियान के जरिये भी लड़कियों और महिलाओं से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया जाता रहा है। आज के समय में महिलाओं के प्रति होने वाली कई अमानवीय प्रथाओं जैसे भ्रूण हत्या के मामलों में कमी आई हैं। ऐसे अभियान लोगों की मानसिकता को बदलते हैं और आज राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने का भी आधार यही है।

लड़कियों की सुरक्षा, शिक्षा, लिंग अनुपात, स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर आज के दिन ही नहीं बल्कि हर दिन लोगों को विचार करना चाहिए। लड़कियों को भी समान अधिकार दिए जाने चाहिए। उन्हें वह सब करने की आजादी होना चाहिए जो किसी अन्य को मिलती है। आज हम सभी को केवल राष्ट्रीय बालिका दिवस की बधाई ही नहीं देनी है बल्कि सभी को यह शपथ लेनी चाहिए कि हम लड़कियों का सम्मान करेंगे और हर क्षेत्र में उनको बढ़ावा देंगे

👩‍🦰👩‍🦰National Girl Child Day being observed on January 24👩‍🦰👩‍

The National Girl Child Day is being observed on January 24. The day is observed for focusing attention on ensuring equal opportunities to the girl child. Narendra Modi Government has given a lot of emphasis on the issue of girl child's education of and declining Child Sex Ratio.

✍️In January 2015, Narendra Modi government had launched Beti Bachao Beti Padhao scheme with an objective to address the issue of declining Child Sex Ratio. Mr Modi had said that there is an urgent need to reduce the increasing imbalance amongst the girl and boy child for the betterment of the society.

✍️The Beti Bachao Beti Padhao scheme has completed five year. The main objective of the scheme is to prevent gender biased sex selective elimination and ensure survival and protection of the girl child.

✍️The scheme also ensures education and participation of the girl child through coordinated and convergent efforts. It is a central sector scheme with 100 percent financial assistance for district level components and the funds are directly released to the Development Commissioner and District Magistrate account.

✍️The child sex ratio, which was 918 in 2014-15 has improved to 934 in 2019-20 after the implementation of this scheme. The gross enrollment ratio has also improved from around 77 per cent to over 81 per cent.

✍️The Beti Bachao Beti Padhao scheme has been able to bring the focus on important issue of female infanticide, lack of education amongst girls and deprivation of their rights on a life cycle continuum.

✍️The scheme has successfully engaged with Community to defy the age old biases against the girl child and introduce innovative practices to celebrate the girl child.

👧🏻24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जा रहा है👧🏻

राष्ट्रीय बालिका दिवस 24 जनवरी को मनाया जा रहा है। बालिकाओं को समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए ध्यान केंद्रित करने के लिए यह दिन मनाया जाता है। नरेंद्र मोदी सरकार ने बालिका शिक्षा और बाल लिंग अनुपात में गिरावट के मुद्दे पर बहुत जोर दिया है।

✍️जनवरी 2015 में, नरेंद्र मोदी सरकार ने बाल लिंग अनुपात में गिरावट के मुद्दे को हल करने के उद्देश्य से बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना शुरू की थी। श्री मोदी ने कहा था कि समाज की भलाई के लिए लड़की और लड़के के बीच बढ़ते असंतुलन को कम करने की तत्काल आवश्यकता है।

✍️बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना को पांच साल पूरे हो गए हैं। योजना का मुख्य उद्देश्य लिंग पक्षपातपूर्ण सेक्स चयनात्मक उन्मूलन को रोकना और बालिकाओं के अस्तित्व और सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।

✍️यह योजना समन्वित और अभिसरण प्रयासों के माध्यम से बालिकाओं की शिक्षा और भागीदारी सुनिश्चित करती है। यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसमें जिला स्तर के घटकों के लिए 100 प्रतिशत वित्तीय सहायता है और धन सीधे विकास आयुक्त और जिला मजिस्ट्रेट खाते में जारी किया जाता है।

✍️बाल लिंगानुपात, जो 2014-15 में 918 था, इस योजना के लागू होने के बाद 2019-20 में बढ़कर 934 हो गया है। सकल नामांकन अनुपात भी लगभग 77 प्रतिशत से बढ़कर 81 प्रतिशत हो गया है।

✍️बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना कन्या भ्रूण हत्या, लड़कियों में शिक्षा की कमी और जीवन चक्र निरंतरता पर उनके अधिकारों से वंचित करने के महत्वपूर्ण मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम है।

✍️इस योजना ने बालिकाओं के खिलाफ उम्रदराज पूर्वाग्रहों को कम करने और बालिकाओं को मनाने के लिए नवीन प्रथाओं को लागू करने के लिए समुदाय के साथ सफलतापूर्वक काम किया है।

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