गौरतलब है कि आकाश मिसाइल को साल 2014 में भारतीय वायु सेना तथा साल 2015 में भारतीय सेना में शामिल किया गया था.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आकाश मिसाइल प्रणाली के निर्यात को 30 दिसंबर 2020 को मंजूरी प्रदान कर दी. इसके साथ ही निर्यात को तेजी से सुगम बनाने हेतु एक समिति गठित करने का भी निर्णय किया गया. रक्षा मंत्रालय की विज्ञप्ति के मुताबिक, आत्मनिर्भर भारत के तहत देश रक्षा उपकरणों और मिसाइलों के व्यापक प्रारूपों के निर्माण की क्षमता बढ़ा रहा है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि आकाश देश की महत्वपूर्ण मिसाइल है और यह 96 प्रतिशत स्वदेशी प्रकृति की है. उन्होंने कहा कि आकाश का निर्यात प्रारूप वर्तमान में भारतीय सशस्त्र सेनाओं के साथ तैनात प्रणाली से अलग होगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में आकाश मिसाइल प्रणाली के निर्यात के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.
आकाश मिसाइल भारतीय सेना में शामिल
गौरतलब है कि आकाश मिसाइल को साल 2014 में भारतीय वायु सेना तथा साल 2015 में भारतीय सेना में शामिल किया गया था. मिसाइल सिस्टम को खरीदने के लिए दक्षिण पूर्व एशिया और अफ्रीका के 9 देशों ने खरीदने में रुचि दिखाई है. बयान के मुताबिक, आकाश के अलावा अन्य प्रमुख उपकरणों जैसे तटीय निगरानी प्रणाली, रडार और वायु उपकरणों में भी रुचि दिखाई जा रही है.
अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी में शामिल👇🇮🇳
मंत्रालय के बयान के मुताबिक, रक्षा सेवाओं में इसके शामिल होने के बाद, अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी/रक्षा प्रदर्शनी/एयरो इंडिया के दौरान कई मित्र देशों ने आकाश मिसाइल में अपनी रुचि दिखाई. मंत्रिमंडल की मंजूरी से विभिन्न देशों द्वारा जारी आरएफआई/आरएफपीमें भाग लेने के लिए भारतीय निर्माताओं को सुविधा मिलेगी.
पांच अरब अमेरिकी डॉलर के रक्षा निर्यात का लक्ष्य
भारत सरकार ने पांच अरब अमेरिकी डॉलर के रक्षा निर्यात के लक्ष्य को प्राप्त करने और मित्र देशों के साथ रणनीतिक संबंधों को बेहतर बनाने हेतु उच्च मूल्य वाले रक्षा प्लेटफार्मों के निर्यात पर ध्यान केंद्रित करने का विचार किया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मंत्रिमंडल के इस फैसले से देश को अपने रक्षा उत्पादों को बेहतर बनाने और उन्हें विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद मिलेगी.
आकाश मिसाइल के बारे में
आकाश एयर डिफेंस सिस्टम सतह से हवा में मार करने वाली एक मिसाइल है. इसकी मारक क्षमता 25 किलोमीटर तक है. आकाश मिसाइल लड़ाकू विमानों, क्रूज मिसाइलों और ड्रोन पर सटीक लक्ष्य साध सकती है.
आकाश मिसाइल प्रणाली पूरी तरह स्वदेशी है और भारत में ही इसका विकास किया गया है. यह भारत की पहली स्वदेशी रूप से डिजाइन की गई मिसाइल प्रणाली है. यह लड़ाकू जेट, क्रूज मिसाइल, ड्रोन और अन्य महत्वपूर्ण लक्ष्यों पर सटीक निशाने के साथ हमला करने में सक्षम है.
यह किसी भी मौसम में दुश्मन पर हमला कर सकती है. इस मिसाइल का पहला परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर रेंज से साल 2017 में किया गया था. इस मिसाइल की कामयाबी के बाद भारत को जमीन से हवा में मार करने वाली तकनीक हासिल हो गई थी.
इसमें लड़ाकू जेट विमानों, क्रूज मिसाइलों और हवा से सतह वाली मिसाइलों के साथ-साथ बैलिस्टिक मिसाइलों जैसे हवाई लक्ष्यों को बेअसर करने की क्षमता है.
भारत 42 देशों को रक्षा सामग्री निर्यात करता है
भारत अभी कुल 42 देशों को रक्षा सामग्री निर्यात कर रहा है, जिसमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फिनलैंड, स्वीडन, म्यांमार, श्रीलंका और मॉरीशस जैसे देश शामिल हैं. इसके अतिरिक्त कतर, लेबनान, इराक, इक्वाडोर और जापान जैसे देशों को भारत बॉडी प्रोटेक्टिंग उपकरण निर्यात कर रहा है. भारत सरकार ने साल 2025 तक 35 हजार करोड़ रुपये के रक्षा उत्पाद निर्यात करने का लक्ष्य रखा है.
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