प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) भारत सरकार की एक योजना है. इसे जुलाई 2015 में शुरू किया गया था.
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (Pradhan Mantri Kaushal Vikas Yojana) का तीसरा चरण 15 जनवरी 2021 को शुरू हो गया. इसके तहत देश के युवाओं को रोजगार से जुड़े कौशल की ट्रेनिंग दी जाएगी. इस योजना के तहत युवाओं को 300 से ज्यादा सिलेबस उपलब्ध होंगे.
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) 3.0 योजना की शुरुआत कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री महेन्द्र नाथ पांडेय की मौजूदगी में हुई. इस कार्यक्रम में कौशल विकास और उद्यमिता राज्यमंत्री आर के सिंह भी मौजूद थे. पीएमकेवीवाई 3.0 के तहत योजना की 2020-21 की अवधि के दौरान आठ लाख लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसपर 948.90 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
पीएमकेवीवाई 3.0 के तहत योजना
कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय की कुशल भारत मिशन की प्रमुख योजना पीएमकेवीवाई 3.0 के तहत कौशल विकास को ज्यादा मांग आधारित बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है. मंत्रालय ने बयान में कहा कि पीएमकेवीवाई 3.0 में जिला कौशल समितियों को जोड़कर एक नई पहल की शुरुआत की गई है.
इस योजना का उद्देश्य
इस योजना के तीसरे चरण का उद्देश्य जिला कौशल समितियों को मजबूत एवं सशक्त बनाना और साथ ही मांग आधारित कौशल विकास पहल को बढ़ावा देना है. पीएमकेवीवाई 3.0 “एक देश, एक योजना” की दृष्टि से एक अग्रणी योजना है.
इस योजना की क्या है खासियत
पीएमकेवीवाई के ट्रेनिंग के लिए किसी तरह की फीस नहीं ली जाती है. पीएमकेवीवाई में 3 महीने, 6 महीने और 1 साल के लिए रजिस्ट्रेशन होता है. कोर्स पूरा करने के बाद सर्टिफिकेट मिलता है, जो पूरे देश में मान्य है. ट्रेनिंग करने के बाद सरकार रोजगार मेलों के जरिए नौकरी दिलाने में भी सहायता करती है.
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के बारे में
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) भारत सरकार की एक योजना है. इसे जुलाई 2015 में शुरू किया गया था. इस योजना के तहत 2020 तक एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षण (ट्रेनिंग) देने की योजना बनाई गई थी. इस योजना का उद्देश्य ऐसे लोगों को रोजगार मुहैया कराना है जो कम पढ़े-लिखे हैं या बीच में स्कूल छोड़ देते हैं.
इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश में सभी युवा वर्ग को संगठित करके उनके कौशल को निखार कर उनकी योग्तानुसार रोजगार देना है. इस योजना के तहत पहले वर्ष में 24 लाख युवाओं को शामिल किया जाएगा. इसके बाद 2022 तक यह संख्या 40.2 करोड़ ले जाने की योजना है.
इस काम के लिए और लोगों को इस योजना से जोड़ने के लिए सरकार ने कई टेलिकॉम कंपनियों को इस कार्य के लिए अपने साथ जोड़ रखा है. यह मोबाइल कंपनियां मैसेज के द्वारा इस योजना को सभी लोगों तक पहुंचाने का कार्य करती हैं.
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