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तत्सम और तद्भव शब्द की परिभाषा,पहचानने के नियम और उदहारण - Tatsam Tadbhav

तत्सम शब्द (Tatsam Shabd) : तत्सम दो शब्दों से मिलकर बना है – तत +सम , जिसका अर्थ होता है ज्यों का त्यों। जिन शब्दों को संस्कृत से बिना...

2022 में लांच किया जायेगा चंद्रयान-3

✅ 🛰 हाल ही में इसरो के चेयरमैन के. सिवान ने कहा कि कोरोनावायरस महामारी ने इसरो के कई प्रोजेक्ट्स को प्रभावित किया है, इसमें चंद्रयान-3 और गगनयान शामिल हैं। भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन वर्ष 2022 में चंद्रयान-3 को लांच करने के लिए कार्य कर रहा है। हालाँकि यह मिशन वर्ष 2020 में लांच किया जाना था, परन्तु कोरोनावायरस के चलते कार्य में काफी देरी हुई है। चंद्रयान-3 में चन्द्रमा की सतह पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग की जायेगी।

चंद्रयान-3 में एक लैंडर और एक रोवर होगा, सीमे ऑर्बिटर नही होगा। क्योंकि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर चन्द्रमा की कक्षा में कार्य कर रहा है और यह आने वाले 5-6 वर्ष तक कार्य करता रहेगा।

▪️ मिशन चंद्रयान-2 :

चंद्रयान-2 भारत का चंद्रमा पर दूसरा मिशन है, यह भारत का अब तक का सबसे मुश्किल मिशन था। यह 2008 में लांच किये गए मिशन चंद्रयान का उन्नत संस्करण था। चंद्रयान मिशन ने केवल चन्द्रमा की परिक्रमा की थी, परन्तु चंद्रयान-2 मिशन में चंद्रमा की सतह पर एक रोवर भी उतारा जाना था। इसरो का चंद्रयान-2 मिशन चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में नाकाम रहा था। सॉफ्ट लैंडिंग के समय इसरो का लैंडर विक्रम से सम्पर्क टूट गया था।

इस मिशन के सभी हिस्से इसरो ने स्वदेश रूप से भारत में ही बनाये हैं, इसमें ऑर्बिटर, लैंडर व रोवर शामिल है। इस मिशन में इसरो पहली बार चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड रोवर को उतारने की कोशिश की। यह रोवर चंद्रमा की सतह पर भ्रमण करके चन्द्रमा की सतह के घटकों का विश्लेषण करने के लिए निर्मित किया गया था।

चंद्रयान-2 को GSLV Mk III से लांच किया गया। यह इसरो का ऐसा पहला अंतर्ग्रहीय मिशन है, जिसमे इसरो ने किसी अन्य खगोलीय पिंड पर रोवर उतारने का प्रयास किया। इसरो के स्पेसक्राफ्ट (ऑर्बिटर) का वज़न 3,290 किलोग्राम है, यह स्पेसक्राफ्ट चन्द्रमा की परिक्रमा करके डाटा एकत्रित करेगा, इसका उपयोग मुख्य रूप से रिमोट सेंसिंग के लिए किया जा रहा है।

6 पहिये वाला रोवर चंद्रमा की सतह पर भ्रमण करके मिट्टी व चट्टान के नमूने इकठ्ठा करने के लिए बनाया गया था, इससे चन्द्रमा की भू-पर्पटी, खनिज पदार्थ तथा हाइड्रॉक्सिल और जल-बर्फ के चिन्ह के बारे में जानकारी मिलने की सम्भावना थी।

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