✅ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal-NGT) ने 15 मार्च 2021 को एक निगरानी समिति की स्थापना की है, जिसमें मेघालय में अनियमित और अवैज्ञानिक खनन को रोकने के लिए 12 सदस्यों को शामिल किया गया है।
▪️ मुख्य बिंदु:
एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल (Justice Adarsh Kumar Goel) की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस बात पर प्रकाश डाला कि राज्य प्राधिकरण “पब्लिक ट्रस्ट सिद्धांत” के अनुसार दुर्लभ प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए काम करने के लिए बाध्य हैं। ट्रिब्यूनल ने यह भी कहा कि, निगरानी हमेशा के लिए जारी नहीं रह सकती है, इसलिए कार्य को कार्यकारी अधिकारियों को सौंपने की आवश्यकता है।
🌳 ओवरसाइट समिति (Oversight Committee) :
इसकी अध्यक्षता पर्यावरण और वन मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव करेंगे। शिलांग के पर्यावरण और वन मंत्रालय के क्षेत्रीय अधिकारी इस समिति के सदस्य सचिव के रूप में कार्य करेंगे। सदस्य सचिव समिति के कामकाज के साथ समन्वय करेगा और समिति के निर्णयों के अनुसार दिन-प्रतिदिन के मुद्दों से निपटेगा। यह समिति स्थिति की रिपोर्ट लेने और भविष्य के कार्यों की योजना बनाने के लिए एक महीने के भीतर बैठक करेगी। समिति सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय के अनुपालन को आगे ले जाएगी। यह समिति अवैज्ञानिक और अनियमित खनन को रोकने के लिए अधिकरण को भी आदेश देगी। यह दूषित जलधाराओं और नदियों के कायाकल्प के लिए आवश्यक उपाय कर सकती है।
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