✅ आर्यभट्ट (उपग्रह) प्रक्षेपण दिवस (Aryabhata Satellite Launch Day) : 19 अप्रैल वर्ष 1975 में आज ही के दिन देश के पहले सेटेलाइट 'आर्यभट्ट' को अंतरिक्ष में पृथ्वी की कक्षा में भेजा गया था।
🛰 आर्यभट्ट (उपग्रह) :
• 19 अप्रैल 1975 को लॉन्च किए गए भारत के इस पहले वैज्ञानिक उपग्रह का वजन 360 किलोग्राम था।
• इस उपग्रह को भारत में ही बैंगलोर के पास पीन्या में Indian Space Research Organisation (इसरो) द्वारा तैयार किया गया था। परन्तु लॉन्च करने में अक्षम होने के कारण सोवियत यूनियन की मदद ली गई।
• सोवियत यूनियन (रूस) ने अपने इंटर कॉस्मॉस अंतरिक्ष यान की मदद से उपग्रह को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया। इसके एवज में वर्ष 1972 में इसरो के यू. आर. राव ने सोवियत संघ रूस के साथ एक एग्रीमेंट साइन किया था जिसके तहत रूस भारतीय बंदरगाहों का इस्तेमाल जहाजों को ट्रैक करने के लिए कर सकता था।
• कृत्रिम उपग्रहों के निर्माण और अंतरिक्ष में उनके संचालन में अनुभव पाने के मकसद से आर्यभट्ट को डिजाइन किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य एक्स-रे, खगोल विद्या, वायुविज्ञान एवं सौर भौतिकी से जुड़ें प्रयोग करना था।
• यह भारत का पहला वैज्ञानिक उपग्रह था जो लॉन्च होने के 17 साल बाद 11 फरवरी 1992 को पृथ्वी पर वापस आया था।
✍ नामकरण :
• इस उपग्रह का नाम भारत के प्रसिद्ध खगोलशास्त्री और गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर रखा गया था। आर्यभट्ट उन पहले व्यक्तियों में से एक थे जिन्होंने बीजगणित का प्रयोग किया था। इसके अलावा उन्होंने पाई का सही मान 3.1416 निकाला था।
• रिजर्व बैंक ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि के पक्ष में वर्ष 1976 से 1997 के बीच 2 रुपए के नोट पर सैटेलाइट की तस्वीर लगाई थी।
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