विश्व भूगर्भ जल दिवस आज : सूख रही धरती की कोख, जलदोहन पर नहीं कोई रोक
- सरकारी दफ्तरों में नहीं लग सके रेन वॉटर हार्वेस्टिग सिस्टम - खुलेआम चल रहा जलदोहन का कार्य
- सरकारी दफ्तरों में नहीं लग सके रेन वॉटर हार्वेस्टिग सिस्टम
- खुलेआम चल रहा जलदोहन का खेल, अफसर बने अनजान वरुण यादव, गोंडा : जल ही जीवन है। ये बातें अब सिर्फ किताबों में ही पढ़ने को मिलती हैं। जल संचयन को लेकर न तो किसी को फिक्र है और न ही सरकारी इंतजाम। ये बात दीगर है कि बीते कुछ वर्षों में पौधारोपण व तालाब सुंदरीकरण को लेकर थोड़ा प्रयास किया गया है लेकिन, ये नाकाफी है। सरकारी दफ्तरों में न तो रेन वॉटर हार्वेस्टिग सिस्टम की स्थापना हुई है और न ही अन्य कोई इंतजाम। भूगर्भ जल विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो अभी जिले के सभी 16 ब्लॉक सेफ जोन में हैं। 65 फीसद जल दोहन की बात सामने आई है। यूं तो पानी का उपयोग साल भर होता है और बरसात बमुश्किल तीन-चार महीनों की ही होती है। इसके बावजूद अच्छी बारिश काफी हद तक भूजल के भंडार को भर देती है। यदि अभी भी वर्षा जल के संग्रहण के उपायों पर गौर नहीं किया गया, तो भावी पीढ़ी के लिए भूगर्भ जल बस सपना बनकर रह जाएगा।
औसत भूजल (मीटर में)
क्षेत्र-2017-2018-2019-2020
बभनजोत-4.51-3.52-4.19-4.89
बेलसर-2.45-5.05-4.58-4.38
छपिया-1.42-3.95-4.22-5.31
कर्नलगंज-2.13-2.05-3.91-3.07
हलधरमऊ-2.72-2.92-3.68-2.79
झंझरी-5.41-4.08-3.66-3.08
कटराबाजार-3.19-2.61-3.48-2.84
मुजेहना-5.34-5.93-5.94-5.76
मनकापुर-3.95-2.08-5.97-5.76
इटियाथोक-4.23-5.05-5.05-4.76
नवाबगंज-3.82-4.33-3.74-2.93
पंडरीकृपाल-3.77-4.88-5.50-4.88
परसपुर-3.77-4.14-4.11-4.28
रुपईडीह-3.99-2.55-5.25-3.11
तरबगंज-3.96-4.38-3.84-3.80
वजीरगंज-3.41-4.50-3.80-4.04 इन कारणों से गिर रहा भूजल स्तर
- बोरिग
- पक्के रास्तों का निर्माण
- पेड़ों की अंधाधुंध कटान
- जल को व्यर्थ बहाना
- बारिश का कम मात्रा में होना
- वर्षा जल का संग्रहण नहीं होना
शहर से लेकर गांव तक फैला पानी का व्यवसाय
- पानी का व्यवसाय शहर से लेकर गांव तक फैला हुआ है। सबमर्सिबल लगाकर धड़ल्ले से जलदोहन और इसका व्यापार हो रहा है। कहीं पानी की पाइप लाइन टूटी हुई है तो कहीं गाड़ी धुलाई पर पानी बहाया जा रहा है। एक्सईएन रविकांत का कहना है कि पांच लोगों को लाइसेंस जारी किया गया है। अवैध रूप से संचालित पानी प्लांट की जांच कराई जाएगी। सीडीओ शशांक त्रिपाठी ने सभी विभागों को रेन वॉटर हार्वेस्टिग सिस्टम की स्थापना कराने के लिए निर्देश दिए हैं।
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