टी सी पी (TCP) का अर्थ है ट्रान्समिशन कन्ट्रोल प्रोटोकॉल (Transmission Control Protocol) और आई पी (IP)का अर्थ जय इन्टरनेट प्रोटोकॉल (Internet Protocol)।
यह नियमों का एक समूह है, जो इंटरनेट कैसे कार्य करता है यह निर्णय करता है । यह दो कम्प्यूटर के बीच सूचना स्थान्तरण और संचार को संभव करता है । इनका प्रयोग डाटा को सुरक्षित ढंग से भेजने के लिए किया जाता है । टी सी पी की भूमिका डाटा को छोटे-छोटे भागों में बाँटने की होती है और आई पी इन पैकिटों पर लक्ष्य स्थल का पता अंकित करता है ।
TCP/IP इंटरनेट में उपलब्ध प्रोटोकॉल है । जिनके जरिये इन्टरनेट, नेटवर्क या अन्य इन्टरनेट Device के मध्य सूचनाओ का आदान प्रदान होता है । TCP/IP कंप्यूटर व नेटवर्क के मध्य कम्युनिकेशन बनाने वाले प्रोटोकॉल्स का एक समूह होते है । जिनके जरिये हम अपने मोबाइल और अन्य Device की मदत से इन्टरनेट से सूचना का आदान प्रदान कर सकते है ।
TCP/IP का implementation सभी कंप्यूटर हार्डवेयर व ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए एक सामान होता है । अतः सभी प्रकार के कंप्यूटर हार्डवेयर व नेटवर्क TCP/IP द्वारा आपस में कनेक्ट या कम्यूनिकेट कर सकते है । TCP/IP इन्टरनेट में किसी भी डाटा को भेजने का एक माध्यम है । इन दोनों प्रोटोकॉल्स के जरिये ही कोई भी सूचना इन्टरनेट में एक स्थान से दुसरे स्थान तक पहुचती है ।
✅ TCP/IP कैसे कार्य करते है ?
TCP/IP प्रोटोकॉल इन्टरनेट में डाटा को सुरक्षित रखते हुए उस डाटा को उसके निश्चित स्थान तक पहुचाते है । TCP (ट्रांसमिशन कण्ट्रोल प्रोटोकॉल) एक पुरे डाटा को छोटे छोटे डाटा पैकेट के रूप में विभाजित कर देता है । और इसे इन्टरनेट में भेज देता है । अब IP (इन्टरनेट प्रोटोकॉल) इस डाटा को उसके Destination Point तक पहुचाता है । जिससे इन्टरनेट व नेटवर्क के बीच कम्युनिकेशन स्थापित हो जाता है । इन दोनों प्रोटोकॉल में बिना इन्टरनेट में कम्युनिकेशन संभव नहीं है ।
🧿 TCP/IP नेटवर्क मॉडल में मुख्य रूप से चार प्रकार की Layers होती है :-
Network Interface Layer :- यह TCP/IP के सबसे नीचे की लेयर है । इस लेयर को Network Access Layer भी कहते है । यह लेयर OSI Model के Physical Layer व Data Link Layer की तरह कार्य करती है । Network Layer यह describe करती है की डाटा को किस तरह से Network में sent करना है ।
Internet Layer (Network Layer) :- यह लेयर OSI Model के Network Layer की तरह कार्य करती है इसी कारण इसे Network Layer भी कहा जाता है । यह लेयर Application Layer व Transport Layer के मध्य उपस्थित होती है । इस लेयर का मुख्य कार्य नेटवर्क में connectionless कम्युनिकेशन उपलब्ध कराना है ।
Transport Layer :- यह लेयर Application Layer और Internet Layer के मध्य में स्थित होती है । इस लेयर का मुख्य कार्य डाटा को Transmission करना होता है । इस लेयर में दो प्रकार के प्रोटोकॉल कार्य करते है- 1) Transmission Control Protocol (TCP) 2) User Datagram Protocol (UDP)
Application Layer :- यह TCP/IP की सबसे ऊपर की लेयर है । इस लेयर के द्वारा ही यूजर अन्य सभी लेयर्स का लाभ ले सकता है । इस लेयर के द्वारा ही यूजर इन्टरनेट या नेटवर्क से जुड़ता है । जैसे :- वेब ब्राउज़र , ईमेल ब्राउज़र आदि । एप्लीकेशन लेयर बहुत प्रकार के प्रोटोकॉल का उसे करता है जैसे – HTTP, DNS, FTP आदि ।
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