🔷 मुगल - राजपूत संबंध :-
▪️ चित्तौड़ विजय के बाद अकबर ने चित्तौड़गढ़ का नाम मुहम्मदाबाद/मुस्तफा बाद रखा।
▪️ महाराणा उदयसिंह की अपनी रानी धीरबाई भटीयानी के प्रभाव में आकर अपने अयोग्य पुत्र जगमाल को उत्तराधिकार घोषित किया।
▪️ लेकिन समांन्तों ने उदयसिंह की मृत्यु के बाद गोगुन्दा में महाराणा प्रताप का राज्याभिषेक किया। ।
▪️ उदयसिंह की रानी धीरबाई भटीयानी का पुत्र जगमाल व सज्जाबाई का पुत्र शक्तिसिंह अकबर की सेना में सम्मिलित हो गये।
महाराणा प्रताप :-
▪️ महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 के दिन कुम्भलगढ़ किले के बादल महल में हुआ।
▪️ महाराणा प्रताप उदयसिंह की पटरानी जैवन्ता बाई का पुत्र था।
▪️ जैवन्ता बाई पाली के अखैराज सोनगरा की पुत्री थी।
▪️ महाराणा प्रताप के बचपन के नाम कीका व पाथल थे।
▪️ महाराणा प्रताप ने अपने नाना अखैराज सोनगरा की सहायता से जगमाल को गद्दी से हटा कर मेवाड़ अपने अधिकार में लिया।
▪️ प्रांरभ में महाराणा प्रताप का राजतिलक गोगुन्दा में हुआ। लेकिन विधिवत् राज्याभिषेक कुभलगढ़ में हुआ।
▪️ महाराणा प्रताप की कमर में शाही तलवार पंडित कृष्णदास ने बांधी।
🔷 अकबर व महाराणा प्रताप :-
▪️ अकबर ने महाराणा प्रताप को समझाने के लिए 4 शिष्ट मंडल भेजे, और चारों मंडल महाराणा प्रताप को अकबर की अधीनता स्वीकार करवाने में असफल रहें।
💎 अकबर द्वारा भेजे गये शिष्ट मंडल :-
1. जलाल खां -1572
2. मानसिंह -1573
3. भगवन्त दास -1573
4. टोडरमल -1573
▪️ चारों मंडलो के असफल रहने पर अकबर अजमेर आया तथा अजमेर स्थित अकबर के किले में युद्ध लड़कर महाराणा प्रताप को बन्दी बनाने की योजना बनाई।
▪️ मेवाड़ पर आक्रमण करने के लिए अकबर ने आमेर के मानसिंह कछवाह तथा आसफ खां को सेनापति बनाया।
▪️ 21 जून 1576 के दिन मेवाड़ की सेना व मुगल सेना के बीच हल्दीघाटी का युद्ध हुआ।
▪️ हल्दीघाटी का युद्ध मैदान राजसमन्द जिले में है।
▪️ यहीं से बनास नदी उद्गम होता है।
▪️ हल्दीघाटी युद्ध मैदान को खमनौर की पहाड़ी /गोगुन्दा की पहाड़ी व रक्त तलाई के नाम से भी जाना जाता है।
▪️ इस युद्ध में महाराणा प्रताप के सेनापति हकीम खां सूर व झाला बीदा थे।
▪️ इस युद्ध में महाराण प्रताप ने अपने घोड़े चेतक को मानसिंह के हाथी पर चढ़ा दिया और भाले से प्रहार किया।
▪️ प्रताप द्वारा किये गये प्रहार से बचने के लिए मानसिंह हाथी के ओहदे में छुप गया। लेकिन वार से मानसिंह के हाथी का महावत मारा गया। और उसकी एक टाँग जख्मी हो गई।
▪️ महाराणा प्रताप को मुगल सेना से घिरे देखकर झाला मान ने महाराणा प्रताप का मुकुट व राजचिन्ह धारण किया।
▪️ झाला मान को महाराणा प्रताप सझमकर मुगल सेना उस पर टूट पड़ी और महाराणा प्रताप युद्ध भूमि से बाहर निकल गया।
▪️ महाराणा प्रताप का पिछा करते मुगल सैनिकों को प्रताप के छोटे भाई शक्तिसिंह ने मौत घाट उतार दिया।
▪️ बनास नदी पार करते ही चेतक दम तोड़ दिया, तब शक्तिसिंह ने अपना घोड़ा त्राटक महाराणा प्रताप को दिया जिसे लेकर महाराणा प्रताप पहाड़ी में चले गये।
▪️ प्रताप व शक्तिसिंह के इस घटनाक्रम की जानकारी अमर काव्य वंशावली व राज प्रशस्ती से मिलती है।
▪️ हल्दीघाटी का सजीव वर्णन – मुन्तकाफ उल तवारीख में अब्बदुल कादीर बदॉयूनी।
▪️ बदॉयूनी ने हल्दीघाटी के युद्ध को गोगुन्दा का युद्ध कहा है।
▪️ अकबर के दरबार में बदॉयूनी अकबर का घोर विरोधी इतिहासकार था।
▪️ अबुल फजल ने हल्दीघाटी के युद्ध को अपने ग्रन्थ आईने अकबरी/अकबरनामा में खमनौर का युद्ध कहा है।
▪️ हल्दीघाटी के युद्ध को कर्नल जैम्स टौड ने मेवाड़ की थर्मोपल्ली कहा है।
▪️ हल्दीघाटी का युद्ध अनिर्णायक रहा (गोपीनाथ शर्मा के अनुसार)
▪️ इस युद्ध में असफ खां ने जीहाद का नारा दिया।
▪️ इस युद्ध में मिहत्तर खां ने मुगल सेना में जोश पैदा करने के लिए अफवाह फैलाई की अकबर आ गया।
▪️ हल्दीघाटी के बाद अकबर मानसिंह से नाराज हो गया तथा मनसबदारी छीन ली व दरबार से 6 माह के लिए निकाल दिया।
▪️ हल्दी घाटी मे महाराणा प्रताप का सहयोग ग्वालियर के शासक रामसिंह, व बेटे शालीवान, झाला मानसिंह, सोनगरा मानसिंह व ताराचन्द ने दिया।
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