💐"उद्दात्तता" काव्य का मूल स्रोत्र है - लोंजाइनस
💐त्रासदी का लक्ष्य है - भावों का विरेचन एवम यथार्थ का ज्ञान
💐"कला आशयजन्य नहीं है" - अरस्तू
💐चौपाई में 16 मात्राएं, दोहा और सोरठा में 24 मात्राएं, उल्लाला में 28 मात्राएं एवम हरिगीतिका में भी 28 मात्राएं होती हैं।
💐'दण्डक' किसे कहते हैं - वर्ण वृत्त में 26 वर्ण से अधिक वाले दण्डक कहलाते हैं।
💐"स्वछंद छंद में 'आर्ट ऑफ म्यूजिक' नहीं मिल सकता, वहां 'आर्ट ऑफ रीडिंग' है, वह स्वर प्रधान नहीं व्यंजन प्रधान है" - निराला
💐मुक्त छंद की कल्पना हिंदी में विधिवत किस युग में प्रारम्भ हुई - छायावाद
💐'लीव्स ऑफ द ग्रास' पुस्तक किसकी है - वाल्ट व्हिटमैन
💐छंद में लय क्या है - लय एक संयत व्यवस्था है जो स्वर के आरोह-अवरोह से उत्पन्न होती है।
💐छंदशास्त्र को अन्य किस नाम से जानते हैं - पिंगलशास्त्र
💐दोषों के लक्षणों का विवेचन सर्वप्रथम किसने किया - वामन
💐"मुख्यार्थ का जिससे अपकर्ष हो वह दोष है" - मम्मट
💐"गुण काव्य की संपत्ति अर्थात सौंदर्य विधायक तत्व और दोष उसकी विपत्त्ति अर्थात सौंदर्य विघातक तत्व है" - दण्डी
▲───◇◆◇───────▲▲───────◇◆◇───▲
0 comments:
Post a Comment